संजय गुप्ता, INDORE. मप्र सहित पूरे देश में एक बार फिर कोविड को लेकर हलचल तेज हो गई है, लोगों के मन में 2020-2021 के दौर की काली यादें ताजा हो गई है। ईडी ने मई 2021 में कोविड के घातक समय में नकली रेमेडिविर इंजेक्शन बेचने वालों के खिलाफ केस दर्ज किया था। इसके दो आरोपियों ने स्पेशल कोर्ट में जमानत का आवेदन लगाया था, जो खारिज हो गया है। इस केस में ईडी ने कई चौंकाने वाली जानकारी पेश की है। इसके अनुसार मप्र में 1200 नकली रेमडेसिवर खपाए गए थे। यह इंजेक्शन 11-11 हजार रुपए में बेचे गए, जो पूरी तरह नकली थे। गुजरात की गैंग ने इससे 2.89 करोड़ रुपए कमाए थे।
ईडी ने कोर्ट में बताई पूरे अपराध की चेन
- दो इंजेक्शन के साथ दिनेश चौधरी और धीरज सजनानी पकड़े गए और उनके पास दो इंजेक्शन प्राप्त हुए, जिस पर विजयनगर थाने में एक मई 2021 को केस हुआ।
- गुजरात के मौरबी जगह के कौशल वोरा और पुनीत शाह ने दस हजार नकली रेमेडिसिवर बेचे थे।
- इन्होंने मप्र में सुनील मिश्रा को 1200 इंजेक्शन बेचे थे।
- मिश्रा ने 4800 रुपए प्रति नग के भाव में इंदौर के असीम भाले को 7 इंजेक्शन बेचे।
- भाले ने इसमें से चार इंजेक्शन 8500 रुपए प्रति इंजेक्शन की दर से प्रवीण फुल्के को बेचे।
- फुल्के से यह इंजेक्शन दिनेश और धीरज ने 11 हजार रुपए की दर से खरीदे।
- इसमें से धीरज और दिनेश ने दो गगन को बेच दिए और दो उनके पास थे जो पुलिस ने जब्त किए थे।
दिनेश और असीम की जमानत याचिका खारिज
दिनेश चौधरी और असीम भाले ने इस मामले में जिला कोर्ट में जमानत सबंधी याचिका दायर की थी। चौधरी ने बताया कि वह अनाज कारोबारी है और 30 करोड़ का टर्नओवर है, वह कहीं नहीं भागेगा। इसी तरह असीम ने भी जमानत याचिका लगाई थी, लेकिन न्यायाधीश राकेश गोयल की स्पेशल कोर्ट ने मामले की गंभीरता देखते हुए जमानत याचिका खारिज कर दी।