HISAR. हरियाणा के हिसार में 33 केवी लाइन को लेकर शनिवार ( 3 मई) को गांव कालीरावण में पगड़ी संभाल जट्टा और अखिल भारतीय किसान सभा की अध्यक्षता में किसानों की बैठक हुई। बैठक सुबह दस बजे गांव कालीरावण की 52 हेड पर हुई, जिसमें गांव भोडा होशनाक, कालीरावण और खासा महाजन के किसान शामिल हुए। बैठक में किसानों ने सर्वसम्मति से यह फैसला लिया आदमपुर से अग्रोहा तक जाने वाली 33 केवी की लाइन को अपने खेतों में से नहीं ले जाने देंगे। बिजली निगम के विरोध में कालीरावण की 52 हेड नहर पर रविवार (4 मई) से किसान और किसान संगठन पदाधिकारी मोर्चा संभालेंगे।
बैठक में मौजूद किसान नेता संजय और सतबीर ने कहा कि बिजली निगम लाइन के टॉवर किसानों के खेतों में से ना ले जाकर पास पड़ी सरकारी जमीन में लगाएं। किसान अपने खेत में किसी भी कीमत पर टॉवर नहीं लगाने देंगे।
2 जून को पुलिस और किसानों में हुई थी झड़प
बता दें कि बीते कल (2 जून ) बिजली लाइन को लेकर ग्रामीणों और पुलिस में झड़प हो गई थी। आदमपुर से अग्रोहा तक करीब 20 किलोमीटर लंबी लाइन खींची जा रही है। यह लाइन गोरखपुर परमाणु संयंत्र जानी है। लाइन का अग्रोहा और आदमपुर दोनों छोर से काम पूरा हो गया है, केवल बीच का ही क्षेत्र रह गया है। किसानों ने ऐतराज जताया था कि बिजली निगम लाइन ले जाने के लिए उनके खेतों में टावर लगाने को लेकर गड्ढे खोद रहा है। निगम किसानों की जमीन की बजाए सरकारी जमीन से लाइन निकाल कर ले जा सकता है। इस एरिया में वन विभाग और नहरी विभाग की जमीन है।
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निगम ने रोका काम
2 जून को किसानों और पुलिस में झड़प के बाद मीटिंग के लिए बिजली निगम ने काम रोक दिया। बिजली निगम के कार्यकारी अभियंता संकल्प परिहार ने बताया था कि यह लाइन एनटीपी गोरखपुर को जा रही है। आदमपुर और अग्रोहा से पूरी हो चुकी है, बीच के स्पैन में टॉवर लगने बाकी हैं। किसान टॉवर नहीं लगने दे रहे हैं।
किसानों ने की मुआवजे की मांग
बिजली अफसरों ने बताया कि किसानों से बातचीत की, लेकिन किसानों ने विरोध कर दिया। बाद में मीटिंग हुई, उन्होंने एक दिन का समय मांगा है, ताकि सभी की सहमति बन जाए। किसानों ने मुआवजे की मांग की है, लेकिन ऐसा कोई प्रावधान नहीं है।