Narsinghpur. बीते दिनों हिंदू लड़की से शादी की खातिर हिंदू धर्म अपनाकर फाजिल से अमन राय बने युवक ने धर्म परिवर्तन के पीछे की कहानी से पर्दा उठा दिया है। उसका कहना है कि मैं अपनी प्रेमिका सोनाली से कोर्ट में शादी करने जा रहा था, पता नहीं किसी ने हमारे दस्तावेज वायरल कर दिए। जिसके बाद धमकियां मिलना शुरू हो गई। जिस ढाबे पर हम काम करते हैं वहां देर रात तक मीटिंग हुई। सोनाली ने बोला कि परिवार वालों ने पहले ही घर से अलग कर दिया है, तुम्हें कुछ हो गया तो मैं अपनी जिंदगी कैसे गुजारूंगी, फिर सोनाली की खातिर मैं हिंदू बन गया।
घरवाले अभी भी मानते हैं मुसलमान, सोनाली का परिवार ने किया पिंडदान
फाजिल ने बताया कि उसका हिंदू बनने का कोई इरादा था ही नहीं। उसके परिजन कहते हैं कि हम उसे अमन नहीं मानते, उसे हमसे रिश्ता रखना है तो मुसलमान ही रहना होगा। उधर लड़की के परिजन उसका पिंडदान कर चुके हैं। फाजिल ने बताया कि शादी के पहले ही हम लिव इन रह रहे थे। कोर्ट मैरिज करने का इरादा था, दस्तावेज वायरल हो गए तो हिंदू संगठन ने काफी धमकियां दीं, दबाव बनाया। यह भी दावा किया जा रहा है कि फाजिल के पिता मोहम्मद अब्दुल शादी से पहले हिंदू थे, फाजिल की मां से शादी करने की खातिर उन्होंने इस्लाम कबूल लिया था।
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गवाहों को भी मिली धमकियां
दरअसल फाजिल और सोनाली की कोर्ट मैरिज के लिए फाजिल के साथ ढाबे पर काम करने वाले शिव कुमार दुबे और दीपक को भी धमकियां दी गई थीं। शिवकुमार ने बताया कि दस्तावेज वायरल होने के बाद हमारे समाज के लोगों के फोन आने लगे। बजरंग दल और बीजेपी के लोग ढाबे आए। दबाव बनाया गया कि गवाही से नाम वापस नहीं लिया तो समाज से बहिष्कृत कर दिया जाएगा। मेरी शोकसभा की भी बात चल रही थी।
इधर प्रियांक जैन और उदय सिंह ने भी दी सफाई
दूसरी तरफ फाजिल को अमन बनाने वाले हिंदू संगठन प्रमुख प्रियांक जैन और बीजेपी नेता उदय सिंह ठाकुर भी अपना पक्ष रख रहे हैं। उदय सिंह का कहना है कि सोशल मीडिया पर शादी के दस्तावेज वायरल होने के बाद समाज में तीखी प्रतिक्रिया दी जा रही थी। गरीब परिवार की लड़की के धर्मांतरण से जुड़े मामले में गवाहों पर सामाजिक दबाव पड़ा। लड़का और लड़की से बात करने पर पता चला कि दोनों की मुलाकात डमरू घाटी के मंदिर में हुई थी। फाजिल के पिता भी मूल रूप से हिंदू थे। फाजिल की मां से शादी के बाद उन्होंने इस्लाम कबूला था। इसके बाद गवाहों ने अपने नाम वापिस ले लिए और फाजिल बिना किसी दबाव के हिंदू बनने राजी हो गया। जिसके बाद विधिविधान से दोनों का विवाह कराया गया।