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BHOPAL. राजगढ़ जिले में नातरा-झगड़ा कुप्रथा वहां रहने वाले लोगों के साथ-साथ पुलिस के लिए भी परेशान का सबब बन चुकी है। जिले में सालभर में नातरा-झगड़ा कुप्रथा के 130 मामले साल अलग-अलग थानों में दर्ज हुए हैं। पिछले 20 दिनों में इस कुप्रथा के 10 से ज्यादा मामले दर्ज हुए हैं ये वो मामले है जिनमें लोग पुलिस के पास जाने की हिम्मत जुटा पाए है हर महीने सैकड़ों लोग समाज के दबाव में आकर इसके शिकार हो जाते है।
आखिर है क्या नातरा-झगड़ा
राजगढ़ जिले की चर्चित नातरा झगड़ा कुप्रथा बेहद पुरानी है। इसके तहत यदि एक बार शादी होने के बाद किसी वजह से पति या पत्नी का रिश्ता टूट जाता है, अलग होने के बाद पति या पत्नी जब दूसरी शादी करते हैं तो उसे नातरा कहा जाता है। लेकिन जो रिश्ता तोड़ता है, उससे दूसरा पक्ष झगड़े में पैसा मांगता है। (रिश्ता तोड़ने के एवज में दी जाने वाली राशि) उदाहरण के लिए यदि लड़की ने शादी तोड़ी और उसने किसी दूसरी जगह विवाद कर लिया है तो पहले लड़का उस लड़की के परिवार से झगड़ा मांगेगा।
क्या है पूरा मामला
राजगढ़ जिले के गांव गूजरखेड़ी की रहने वाली पूजा पुलिस में कांस्टेबल हैं और इंदौर में पदस्थ हैं, पूजा की 11 साल की उम्र में ही पास के गांव जाहियाखेड़ी में शादी कर दी गई थी। पूजा जब बालिग हुई तो उसे पता चला की उसका पति शराब पीता है पूजा ज्यादा दिन अपने ससुराल नहीं रुकी और अपने घर वापस आ गई। करीब बीस दिन पहले पूजा के ससुर गांव के एक शख्स को एक चिट्ठी भेजते है। जिसमें लिखा होता है कि..
“श्रीमान समस्त गूजरखेड़ी के ग्रामवासी, मैं भगवत सिंह गुर्जर कांकरिया आप सभी से निवेदन करता हूं कि ग्राम जाहियाखेड़ी के निवासी गुलाबसिंह का नातरा-झगड़ा (कुप्रथा) है। 15 लाख रुपए का फैसला कराया जाए। यदि दो दिन के भीतर जवाब नहीं दिया तो आपके गांव में किसी भी परिवार का नुकसान किया जाएगा। इसमें हमारी कोई जवाबदारी नहीं होगी।”
कमाल की बात ये है कि जिस व्यक्ति को ये चिट्ठी आई उस व्यक्ति का इस मामले से कोई लेना देना ही नहीं है। ऐसा इसलिए की वो व्यक्ति दूसरे पक्ष के व्यक्ति पर दबाव बना सके। व्यक्ति ने जब इसका जवाब नहीं दिया तो, उसकी लहलहाती फसल काटकर नष्ट कर दी और खेतों में सिंचाई के लिए लगे वाटर पंप को नदियों में फेंक दिया गया। पुलिस ने इस मामले में केस भी दर्ज कर लिया, मगर गांव में लोगों के नुकसान का सिलसिला नहीं रुका है पहले 20 दिन में गांव में 3 घटनाएं हो चुकी है।
विवाद दो पक्षों का नुकसान तीसरे का क्या?
गांव में जिन लोगों का नुकसान किया जा रहा है उन लोगों का इस नातरा-झगड़ा की चिट्ठी से कोई लेना देना नहीं है। तीसरे व्यक्ति का नुकसान इसलिए क्योंकि जिसका नुकसान हो रहा है, वह उस व्यक्ति पर दबाव बना सके जिससे झगड़ा यानी पैसा लेना है। गांव और समाज के लोगों के दबाव में आकर झगड़ा निकल आएगा। यह सुनने में अजीब जरूर लगता है लेकिन राजगढ़ जिले के कुछ समाजों में चल रही नातरा-झगड़ा कुप्रथा का यही सच है। अभी तक इस कुप्रथा से सामान्य लड़कियां ही पीड़ित थी लेकिन अब तो पुलिस की नौकरी करने वाली युवतियां भी इससे परेशान है ये महिलाएं न केवल नातरा-झगड़ा कुप्रथा का दर्द झेल रही हैं बल्कि समाज के दबाव में आकर रकम देने पर भी मजबूर है।
बचपन में ही करा देते है सगाई-ब्याह इस होते है विवाद
राजगढ़ के महिला सशक्तिकरण अधिकारी श्यामबाबू का कहना है कि लोग बचपन में ही बच्चों की सगाई-ब्याह कर देते हैं। बच्चे जब पढ़-लिखकर बड़े होकर अपना भला-बुरा समझने लगते हैं तो वे फैसले भी अपने हिसाब से लेते हैं। कुप्रथा के पक्षधरों को यही बुरा लगता है। वे लड़की पक्ष को सगाई-ब्याह में दिए उपहारों की आड़ में बड़ी रकम की मांग कर देते हैं। इसकी वसूली के लिए शुरू होता है गांव के पंचों को धमकी भरी चिट्ठी छोड़ने का सिलसिला। ऐसा इसलिए ताकि पंच उस व्यक्ति पर झगड़े की रकम अदा करने का दबाव बना सकें। चिट्ठी के बाद भी झगड़े की रकम न मिली तो पंचों का नुकसान करते हैं।
पुलिस में होने के बाद भी पैसो की मांग
मामले में पुलिस कांस्टेबल पूजा का कहना है कि मेरे माता-पिता ने मुझे बड़ी मेहनत से पढ़ाया हैं। इसी की बदौलत मैं आज मप्र पुलिस में हूं। अब ससुराल वाले मेरे पिता को झगड़े के 15 लाख देने के लिए धमका रहे हैं। कह रहे हैं कि यदि नहीं दोगे तो नुकसान करेंगे। अभी पंचायत स्तर पर समझौता का प्रयास कर रहे हैं। यदि नहीं मानेंगे तो पुलिस में शिकायत करेंगे। क्योंकि इतना पैसा हमारे पास नहीं है”।