चुनाव से पहले महिला सुरक्षा को लेकर बयानबाजी, लेकिन अपराधों का डेटा कह रहा कुछ और

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Puneet Pandey
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चुनाव से पहले महिला सुरक्षा को लेकर बयानबाजी, लेकिन अपराधों का डेटा कह रहा कुछ और

BHOPAL. जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आता जा रहा है बायानों की बैछार कर धर्म और जनता की चिंता बढ़ती जा रही है। चाहे वो कांग्रेस हो या भाजपा दोनों पार्टियों में होड़ लगी है बयान जारी करने की। हालिया बात करें तो भोपाल में कथावाचक पंडित प्रदेश मिश्रा ने कहा कि सनातनी बेटियों को अपने साथ कटार रखनी चाहिए। हालांकि उन्होंने सेल्फ डिफेंस की बात करते हुए यह भी कहा कि धर्मांतरण के मामले संस्कारों से रुकेंगे। कथा के समापन पर कथास्थल पहुंचे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी कहा कि जो बेटियों पर नजर डालेगा उस उसे फांसी पर चढ़ा देंगे। 



यह पहला मौका नहीं है जब इस तरह के बयान सुनने को मिले हैं। चुनाव आते-आते बयान और भी कड़े होते जाएंगे और जमीनी हकीकत चाहे जो भी हो। 





आधे वोट उनके इसलिए चिंता भी 





चुनावी सीजन में महिलाओं की चिंता कांग्रेस और भाजपा दोनों कर रही हैं। बहनों के लिए एक के बाद एक घोषणाएं हो रही हैं। भाजपा ने लाड़ली बहना योजना लॉन्च की तो कमलनाथ ने उससे ज्यादा राशि देने की घोषणा करके महिला वोटर को अपनी तरफ खींचने की कोशिश की। इसमें शिवराज सिंह भी पीछे नहीं रहे। उन्होंने तुरंत राशि में इजाफा किया। महिलाओं को अपनी तरफ खींचने के लिए कांग्रेस ने चुनावी शंखनाद प्रियंका गांधी से करवाया। हालांकि उनका ‘लड़की हूं लड़ सकती हूं’ वाला नारा उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में जादू नहीं दिखा सका था।





कितनी हैं मप्र में महिला वोटर 





मध्यप्रदेश में वोटरों की संख्या 5 करोड़ 39 लाख 85 हजार 876 है। इसमें 2,79,62,711 वोटर पुरुष हैं जबकि महिला वोटरों की संख्या 2,60,23,733 है। यानी आधे वोट महिलाओं के जो सरकार बनाने में बहुत बड़ी भूमिका निभाएंगी। ऐसी स्थिति में चिंता होना तो लाजिमी है। इसी लिए बयान भी आ रहे हैं। खास बात यह है कि नए वोटरों में महिलाओं की संख्या ज्यादा है। इस साल की शुरुआत में हुए वोटर लिस्ट अपडेशन में यह आंकड़ा सामने आया है।





बयानों से इतर एनसीआरबी का डाटा कहता है कुछ और





नेशनल क्राइम रिकॉड ब्यूरो की 2021 की रिपोर्ट के अनुसार देश भर में हुए कुल अपराधों में मध्य प्रदेश एक पायदान चढ़कर देश में चौथे स्थान पर आ गया  था। डेटा के अनुसार देश में इस साल 3,04,066 केस दर्ज किए गए थे। इनमें से 10 फीसदी (30,673) अपराध महिलाओं के विरुद्ध किए गए थे। 2021 में साल 2020 के मुकाबले महिलाओं के खिलाफ 5036 केसा बढ़े। इस रिपोर्ट के मुताबिक रेप और गैंग रेप के बाद हत्या के मामलों में मप्र देश तीसरे नंबर पर रहा। साल 2021 में मप्र में 35 ऐसे केस सामने आए जब रेप के बाद महिला की हत्या कर दी गई।





बाल यौन शोषण के मामलों का भी यही हाल





एनसीआरबी 2021 की रिपोर्ट में बाल यौन शोषण के भी मामले का भी जिक्र है। इससे सामने आया है कि अकेले मप्र में साल 2021 में 3515 केस सामने आए थे। इन आंकड़ों को देखते हुए कहा जा सकता है कि सरकार के दावे चाहे जो हों हकीकत कुछ और ही है।





विवाद भी हुआ है पंडित मिश्रा के इन बयानों पर





-कुछ दिन पहले ही पंडित मिश्रा ने दिल्ली की साक्षी की चाकुओं से गोदकर हत्या पर कहा था कि अगर महाराष्ट्र की लड़की होती तो वो उसका (आरोपी) का गला काटकर आती। 



-इंदौर में कथा के दौरान उन्होंने कहा था मदिरा की दुकान पर छोरे तो कम थे, लेकिन छोरियां ज्यादा थीं। आजकल का माहौल खराब हो गया है, मैंने उनसे कहा यह जो मदिरा की दुकान पर खड़ी हैं, यह मेरे इंदौर की बेटियां नहीं हो सकती हैं। इंदौर की फिजा को, इंदौर की पहचान को, इंदौर के वातावरण को, यहां आकर कॉलेज में एडमिशन ले कर कमरा किराए से लेकर रहने वाली ये बेटियां खराब कर रही हैं। 



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