मनीष गोधा, JAIPUR. राजस्थान में दिसंबर में होने वाले चुनाव के लिए सत्तारूढ कांग्रेस में टिकटों का घमासान शुरू हो गया है। पार्टी की ओर से तय की गई प्रक्रिया के तहत बुधवार (23 अगस्त) को ब्लॉक कांग्रेस कमेटियों में आवेदन करना था। बताया जा रहा है कि 200 सीटों के लिए करीब 1500 आवेदन आए हैं, हालांकि अभी इस संख्या को अंतिम नहीं माना जा सकता, क्योंकि मिले आवेदन जिला अध्यक्षों तक आज शाम तक पहुंचेंगे और जो लोग आवेदन करने से रह गए हैं, वे कल से तीन दिन तक जिला अध्यक्ष स्तर भी आवेदन कर सकेंगे।
हालांकि इस बीच टिकट आवेदन को लेकर कई तरह के विवाद, हाथापाई और रोचक मामलें भी सामने आए हैं। जैसे कहीं पिता ही बेटी की दावेदारी के खिलाफ हैं, तो कहीं आपस में हाथापाई की नौबत आ गई तो कहीं बड़े नेता के सामने आवेदन नहीं करने देने की शिकायत भी सामने आई।
पिता ने किया विधायक बेटे की दावेदारी का विरोध
सवाई माधोपुर जिले के खण्डार में पूर्व मंत्री और मौजूदा विधायक अशोक बैरवा की दावेदारी का विरोध उनके पिता डालचंद बैरवा ही कर रहे हैं। पिता डालचंद ने कहा कि अगर अशोक बैरवा को टिकट दिया गया तो पार्टी का विनाश हो जाएगा और वे इसका खुल कर विरोध करेंगे। पिता की नाराजगी के पीछे कोई घरेलू विवाद बताया जा रहा है।
पूर्व मंत्री के सामने आवेदन नहीं करने देने की शिकायत
वहीं बाडमेर के बायतु विधानसभा क्षेत्र से अभी पूर्व मंत्री हरीश चैधरी विधायक हैं। यहां से राजस्थान विश्वविद्यालय की पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष प्रभा चैधरी आवेदन करना चाहती थी, लेकिन उनका आरोप हैं कि ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष ने उनका आवेदन लेने से मना कर दिया और कहा कि यहां से सिर्फ हरीश चैधरी का नाम जाएगा।
सीएम के ओएसडी ने किया मंत्री की सीट से आवेदन
वहीं सीएम अशोक गहलोत के ओएसडी लोकेश शर्मा ने बीकानेर जिले की बीकानेर पूर्व और बीकानेर पश्चिम सीट से आवेदन किया है। बीकानेर पश्चिम से अभी शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला विधायक हैं। लोकेश शर्मा पिछले काफी समय से बीकानेर के दौरे कर रहे हैं।
कुछ जगह विधायक पिता और बेटे-बेटी दोनों दावेदार
कई सीटों पर यह भी देखने में आया है कि विधायक पिता और उनके बेटे या बेटी ने भी दावेदारी कर दी है। जैसे अनूपगढ जिले में शामिल हुई खाजूवाला सीट पर मंत्री गोविंद मेघवाल के साथ ही उनकी बेटी सरिता चैहान ने आवेदन किया है। इसी तरह कोटा उत्तर सीट पर मंत्री शांति धारीवाल के साथ ही उनके बेटे अमित धारीवाल ने आवेदन किया है। इसी तरह जयपुर मे हवामहल सीट पर मंत्री महेश जोशी के साथ उनके बेटे रोहित जोशी ने आवेदन किया है। इस तरह के उदाहरण कुछ और सीटों पर भी सामने आ सकते हैं
जयपुर की आठ सीटों पर करीब 150 आवेदन
राजधानी जयपुर शहर की आठ सीटों पर करीब 146 आवेदन आए हैं। जयपुर शहर से अभी दो मंत्री हैं, प्रातप सिंह खाचरियावास और महेश जोशी है। दोनेां ने ही अपनी ही सीटों से आवेदन किया है। महेश जोशी ने अपने बेटे रोहित जोशी का आवेदन भी कराया है। जयपुर में सबसे ज्यादा 43 आवेदन बगरू सीट से और सबसे कम छह आवेदन आदर्श नगर सीट से आए हैं।
टोंक से नहीं आया सचिन का आवेदन
पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट अभी टोंक सीट से विधायक हैं, लेकिन उन्होंने अभी इस सीट से आवेदन नहीं किया है। ऐसे में यह संशय पैदा हो गया है कि वे फिर से यहां से चुनाव लडेंगे या नहीं। हालांकि दो दिन पहले ही यहां एक कार्यक्रम में उन्होंने जनता को धन्यवाद भी दिया और उम्मीद भी जताई कि इस बार और भी ज्यादा समर्थन मिलेगा। इस बीच आज वे अजमेर जिले में मसूदा सीट पर किसान सम्मेलन कर रहे है। ऐसे में उनके मसूदा शिफ्ट होने के कयास भी लगाए जा रहे हैं।
अशोक गहलोत सरदारपुरा से ही
सीएम अशोक गहलोत अपनी परम्परागत सीट जोधपुर में सरदारपुरा से ही चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने आवेदन तो नहीं किया, लेकिन ब्लॉक कांग्रेस कमेटी ने सर्व सम्मति से उनके नाम का प्रस्ताव बना कर जिला अध्यक्ष को भेजा है।
अजमेर में चले लात-घूंसे
वहीं अजमेर उत्तर सीट पर दावेदार माने जा रहे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नजदीकी और राजस्थान पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष धर्मेद्र राठौड के समर्थकों और एक अन्य दावेदार शिव बंसल के समर्थकों के बीच हाथापाई हो गई। मामले की शिकायत पुलिस तक पहुंच गई।
पूर्व विधायक ने आवेदक को जड़ा थप्पड़
वहीं बांसवाड़ा की गढ़ी सीट पर पूर्व विधायक कांता भील ने एक आवेदक महिपाल कटारा को थप्पड जड़ दिया। महिपाल कटारा एक सरकारी इंजीनियर बताए जा रहे हैं। कटारा ने आवेदन किया तो कांता भील ने यह कहते हुए विरोध किया कि सरकारी कर्मचारी कैसे आवेदन कर सकता है। यह कहते हुए उन्होंने कटारा को थप्पड जड़ दिया।
कल से जिला स्तर पर बैठकें
कांग्रेस में टिकट वितरण की प्रक्रिया के तहत आज शाम तक सभी जिला अध्यक्षों के पास ब्लॉकों में आए आवेदनों की सूची आ जाएगी। इसके बाद कल से तीन दिन तक जिला स्तर पर बैठकें होंगी। इनमें प्रदेश चुनाव समिति के सदस्य भी मौजूद रहेंगे। जिन्होंने अब तक आवेदन नहीं किया है, वे जिला स्तर पर भी आवेदन कर सकेंगे। इन बैठकों के बाद प्रदेश चुनाव समिति में पैनल बनाए जाएंगे।