अन्याय के खिलाफ पहले बुलेट अब बैलेट का रास्ता, चंबल के बीहड़ों में कभी आतंक का दूसरा नाम रहे मलखान सिंह ने थामा हाथ

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Chandresh Sharma
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अन्याय के खिलाफ पहले बुलेट अब बैलेट का रास्ता, चंबल के बीहड़ों में कभी आतंक का दूसरा नाम रहे मलखान सिंह ने थामा हाथ

Arun Tiwari, Bhopal. पूर्व दस्यु सरगना मलखान सिंह ने अब कमलनाथ का हाथ थाम लिया है। मलखान सिंह ने पीसीसी मुख्यालय में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के सामने कांग्रेस की सदस्यता ली। इस मौके पर पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी संतोष शर्मा भी कांग्रेस में शामिल हो गए। मलखान सिंह ने कहा कि पहले अन्याय के खिलाफ बुलेट का रास्ता था लेकिन अब बैलेट का रास्ता है। उन्होंने दावा किया कि इस बार कांग्रेस पूरे बहुमत से प्रदेश में सरकार बनाएगी। पार्टी जहां चाहेगी वे चुनाव प्रचार करने जाएंगे। मलखान ने कहा कि इस बार बीजेपी प्रदेश से साफ हो जाएगी। मलखान ने कहा कि पहले आदर्शों पर चलने वाली बीजेपी में शामिल हुए थे लेकिर उसने अपने आदर्श और सिदधांत से किनारा कर लिया है,इसलिए बीजेपी छोड़ने का फैसला किया।



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मैं डाकू नहीं बागी था : मलखान



मलखान सिंह ने कहा कि वे डाकू नहीं बल्कि बागी थे। मलखान बोले कि मैने अन्याय के खिलाफ बंदूक उठाई थी। गांव में मंदिर की जमीन पर दबंगों ने कब्जा कर लिया था। दबंगों से जमीन छुड़ाने के लिए उन्होंने हथियार उठाए थे। साल 1982 में तत्कालीन मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह ने उनका आत्मसर्पण कराया था। 15 जून को मलखान और उनके पूरे गिरोह ने अर्जुन सिंह के सामने सरेंडर किया था। इस मौके पर आस-पास के गांव के लोगों की भारी भीड़ जमा हुई थी। मलखान ने छह साल सलाखों के पीछे काटे हैं। 1989 में उनको सभी मामलों से बरी कर दिया गया। 



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कमलनाथ की मौजूदगी में ली मलखान सिंह ने सदस्यता



चार दशक पहले चंबल के बीहड़ में डकैत रहे मलखान सिंह बुधवार को कांग्रेस में शामिल हो गए। भोपाल स्थित प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में कमलनाथ की मौजूदगी में उन्होंने कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की। सागर और छतरपुर में जिला शिक्षा अधिकारी रहे संतोष शर्मा ने भी कांग्रेस जॉइन की।

मलखान सिंह ने दावा करते हुए कहा, 'कांग्रेस के लिए प्रचार करेंगे। जहां मेरा प्रचार होगा, वहां कांग्रेस जीतेगी। पहले अन्याय के खिलाफ बंदूक उठाई थी, आज अन्याय के खिलाफ बिगुल बजाया है। 2023 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को साफ कर देंगे। कमलनाथ को मुख्यमंत्री बनाकर बैठा देंगे।'

उन्होंने कहा, 'अन्याय और अत्याचार नहीं बढ़ता तो मैं बागी नहीं बनता। सिद्धांत वाली पार्टी जानकर भाजपा के लिए कभी प्रचार किया था, लेकिन भाजपा में अब अन्याय-अत्याचार बढ़ गया है। रेप हो रहे हैं, लोगों की जमीनें छीनी जा रही हैं, इसीलिए मैंने भाजपा का त्याग किया।'

मलखान कभी बीहड़ के दस्यु किंग कहलाते थे। वे खुद को डाकू कहलाना गलत बतलाते हैं। उनके अनुसार वे अन्याय के खिलाफ बागी हुए थे। गांव के मंदिर की 100 बीघा जमीन पर कब्जा था। इस जमीन को मंदिर में मिलाने के लिए उन्होंने हथियार उठाए थे। उस दौरान वे पंच भी थे। मलखान सिंह कहते हैं कि उनके सरेंडर के पीछे पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी का बड़ा हाथ है। मलखान ने बीजेपी ज्वाइन की और 2019 के लोकसभा चुनाव में उनको टिकट नहीं मिले जिससे वे नाराज हो गए और पार्टी को छोड़ दिया। मलखान सिंह ने धरौहरा सीट से प्रगतिशील समाजवादी पार्टी से चुनाव लड़ा लेकिन वो चुनाव हार गए। 



मलखान ने मुझे हराने प्रचार किया : डॉ गोविंद सिंह 



नेता प्रतिपक्ष डॉ गोविंद सिंह ने कहा कि मलखान सिंह अपनी मर्जी से कांग्रेस में शामिल हुए हैं। एक समय उन्होंने मेरे खिलाफ प्रचार भी किया था। जिसमें मुझे दो हजार से ज्यादा वोटों का नुकसान हुआ था। डॉ गोविंद सिंह ने कहा कि बीजेपी सरकार हमेशा वंचितों का शोषण करती है। इस सरकार में न तो दलित खुश हैं और न आदिवासी। इस सरकार में सबसे ज्यादा इन वर्गों पर अत्याचार हुआ है। मलखान सिंह ने इसी अन्याय के खिलाफ बीजेपी को छोड़कर हमेशा आवाज उठाई।


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