मनीष गोधा, JAIPUR. राजस्थान में सत्ता परिवर्तन के साथ ही कभी पेंशन का लाभ उठा रहे और कभी से वंचित हो रहे मीसा और डी आर आई (डिफेंस ऑफ इंडिया रूल्स 1971) बंदियों की पेंशन क्या आज से फिर शुरू होगी? दरअसल आज राजस्थान में भाजपा सरकार की पहली कैबिनेट बैठक है और इस बात की चर्चा है कि देश में आपातकाल के समय राजनीतिक बंदी बनाए गए नेताओं को एक बार फिर से पेंशन का लाभ मिल सकता है।
भाजपा सरकार की पहली कैबिनेट बैठक
देश में जब आपातकाल लगाया गया था, उस समय विपक्ष के नेताओं को मीसा और डी आर ए अधिनियम के तहत राजनीतिक बंदी बनाया गया था और जेल में बंद कर दिया गया था। राजस्थान में 2003 में जब भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनी तो इस सरकार ने इन राजनीतिक बंदियों को पेंशन देना शुरू कर दिया था, क्योंकि इसका लाभ पाने वाले ज्यादातर भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता ही थे। लेकिन जब 2008 में कांग्रेस की सरकार आई तो इसने यह पेंशन बंद कर दी।
क्या शुरू होगी मीसा बंदियों की पेंशन?
इसके बाद से ही सिलसिला लगातार चल रहा है कि जब बीजेपी की सरकार आती है तो यह पेंशन शुरू कर दी जाती है और जब कांग्रेस की सरकार आती है तो पेंशन बंद कर दी जाती है। 2013 से 2018 की भाजपा सरकार के कार्यकाल में राजस्थान के करीब 700 राजनीतिक कार्यकर्ताओं को प्रतिभा 25000 रुपए की पेंशन दी जा रही थी। सरकार ने इन्हें लोकतंत्र रक्षक बताते हुए यह पेंशन दी थी। अब भाजपा की सरकार फिर से राजस्थान में बन गई है और नजर इसी बात पर है कि क्या मौजूदा सरकार इस पेंशन को फिर से शुरू करेगी?