मनीष गोधा, JAIPUR. जयपुर में शुक्रवार से शुरू हुए 58वें डीजीपी आईजीपी सम्मेलन के पहले दिन संसद में हाल में पारित किए गए नए क्रिमिनल कानून को लागू करने के रोड मैप पर प्रारंभिक चर्चा हुई। सम्मेलन की शुरुआत करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि ये कानून लागू करने के लिए पुलिस मुख्यालय से लेकर थाना स्तर तक तकनीक को बेहतर बनाने पर जोर देना होगा।
500 से ज्यादा पुलिस अधिकारी वर्चुअली जुड़े
जयपुर के राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर में आयोजित ये सम्मेलन हाइब्रिड मोड में आयोजित किया जा रहा है, जिसमें डीजीएसपी और आईजीएसपी और केंद्रीय पुलिस संगठनों के प्रमुख जयपुर से व्यक्तिगत रूप से भाग ले रहे हैं। देशभर से विभिन्न रैंक के 500 से ज्यादा पुलिस अधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से भाग ले रहे हैं।
शाह बोले- नए कानून सजा की जगह न्याय देने पर केंद्रित
सम्मेलन में केंद्रीय गृह मंत्री ने देश की सेवा में अपने प्राण न्यौछावर करने वाले सुरक्षा बलों के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके सर्वोच्च बलिदान को याद किया। केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि 2023 में देश अमृत काल में प्रवेश कर चुका है और 2 महत्वपूर्ण काम हुए हैं। पहला नई शिक्षा नीति का निर्माण और दूसरा ब्रिटिश युग के कानूनों की जगह 3 नए आपराधिक कानून बनाना। उन्होंने कहा कि नए कानून सजा के बजाय न्याय प्रदान करने पर केंद्रित हैं और इन कानूनों के कार्यान्वयन से हमारी आपराधिक न्याय प्रणाली सबसे आधुनिक और वैज्ञानिक हो जाएगी। उन्होंने नए कानूनों के सफल कार्यान्वयन के लिए SHO से लेकर पुलिस महानिदेशक स्तर तक प्रशिक्षण और थाने से PHQ स्तर तक प्रौद्योगिकी उन्नयन की आवश्यकता पर जोर दिया। शाह ने उभरती सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए डेटाबेस को जोड़ने और एआई संचालित विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता पर भी जोर दिया।
'ये सम्मेलन थिंक टैंक के रूप में उभरा'
केन्द्रीय गृह मंत्री ने 2014 के बाद देश में सुरक्षा परिदृश्य में समग्र सुधार की ओर इशारा किया और कहा कि तीन महत्वपूर्ण हॉटस्पॉट, यानी जम्मू-कश्मीर, उत्तर-पूर्व और वामपंथी उग्रवाद में हिंसा में कमी आई है। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ सालों में ये सम्मेलन एक 'थिंक टैंक' के रूप में उभरा है, जो निर्णय लेने और नई सुरक्षा रणनीतियों के निर्माण में सहयता करता है। उन्होंने देशभर में आतंकवाद विरोधी तंत्र की संरचनाओं, आकार और कौशल की एकरूपता पर जोर दिया।
शनिवार को शामिल होंगे पीएम मोदी
सम्मेलन में सीमाओं की सुरक्षा, साइबर-खतरे, कट्टरपंथ, पहचान दस्तावेजों को धोखाधड़ी से जारी करना और एआई से उभरने वाले खतरों सहित महत्वपूर्ण महत्व के सुरक्षा संबंधी मुद्दों पर विचार-विमर्श किया जाएगा। शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी सुबह से ही सम्मेलन में शामिल हो जाएंगे और रविवार को अंतिम सत्र तक सम्मेलन में बने रहेंगे।