Ujjain. आज 4 जुलाई से सावन का मास प्रारंभ हो चुका है। शास्त्रों के मुताबिक यह महीना देवाधिदेव महादेव को बेहद पसंद है। श्रावण मास को लेकर उज्जैन में स्थित प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर में दर्शन के लिए श्रद्धालुओं का तांता लगना है। महाकाल मंदिर का महाकाल लोक बनकर तैयार होने के बाद यह पहला सावन है। इस लिहाज से प्रशासन ने सावन माह के उत्सव के लिए व्यापक तैयारियां की हैं। एक अनुमान के मुताबिक 60 दिनों के इस श्रावण मास में करीब 50 लाख लोग महाकाल के दरबार में शीश झुकाने पहुंचेंगें।
40 मिनट में हो जाऐंगे दर्शन
मंदिर प्रशासन का दावा है कि इस बार भक्तों को 40 मिनट में दर्शन कराए जाएंगे। इस बार चलित भस्म आरती की भी व्यवस्था रहेगी। हां 11 सितंबर तक गर्भगृह में प्रवेश पूरी तरह से बंद रखा गया है। मंदिर समिति प्रशासक संदीप सोनी का कहना है कि सावन के महीने में हर सोमवार को रात 2.30 बजे ही मंदिर के पट खोल दिए जाएंगे। बाकी दिनों में रात्रि 3 बजे पट खोले जाएंगे। सुबह 4 बजे से भक्तों को दर्शन करने मिल जाएगा। जो कि रात 10 बजे तक अनवरत जारी रहेगा। प्रवेश द्वार से महाकाल के दर्शन तक करीब 40 मिनट का समय लगेगा।
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सुरक्षा का भी पूरा इंतजाम
मंदिर परिसर में भक्त तीन एंट्री प्वाइंट से प्रवेश करेंगे। अन्य शहरों से आने वाले भक्तों के लिए साइन बोर्ड लगाए जाएंगे ताकि किसी को असुविधा न हो। इसके अलावा पूरे मंदिर परिसर में सीसीटीवी कैमरे लगवाए गए हैं। साथ ही इनके दो कंट्रोल रूम भी बनाए गए हैं। इसके अलावा 7 हेल्प डेस्क लगाई जाएंगी और मंदिर और त्रिवेणी पर आकस्मिक चिकित्सा केंद्र भी स्थापित कराए गए हैं।
हर दिन होगा विशेष श्रृंगार
सावन के महीने में पहले ही दिन से महाकाल बाबा को पुजारी विभिन्न द्रव्यों से अभिषेक कराएंगे जिसके बाद भांग से श्रृंगार कर भस्म चढ़ाई जाएगी। शाम के वक्त बाबा का विशेष श्रृंगार किया जाएगा। जो पूरे माह अलग-अलग श्रृंगार में नजर आएंगे।
हर सोमवार निकलेगी शाही सवारी
सावन मास में प्रत्येक सोमवार बाबा महाकाल की शाही सवारी निकालने की परंपरा है। इस साल अधिकमास होने के चलते बाबा महाकाल की 10 सवारी निकाली जानी हैं। जो कि पूरे ठाठ बाट के साथ शहर के भ्रमण पर निकलेंगी।