किसी प्रत्याशी ने टिकट मिलने के बाद सरकारी जॉब छोड़कर जॉइन की बीजेपी, तो कोई दोपहर तक आप नेता था और शाम को बना BJP कैंडिडेट

author-image
Chandresh Sharma
एडिट
New Update
किसी प्रत्याशी ने टिकट मिलने के बाद सरकारी जॉब छोड़कर जॉइन की बीजेपी,  तो कोई दोपहर तक आप नेता था और शाम को बना BJP कैंडिडेट

BHOPAL. बीजेपी जोखिम उठाने वाली, प्रयोग करने वाली और ठोस निर्णय लेने वाली पार्टी है, चुनावों ऐलान से पहले ही प्रत्याशियों का ऐलान कर बीजेपी ने यह साबित कर दिया है। इतिहास में यह पहली बार है जब बीजेपी ने मध्यप्रदेश में ऐसा किया हो। मध्यप्रदेश बीजेपी का ऐसा गढ़ है जिसे कुशाभाऊ ठाकरे के समय से ही बीजेपी प्रयोगशाला के तौर पर इस्तेमाल करती है। कल की ही बात है, बीजेपी ने 39 सीटों पर अपने प्रत्याशी घोषित कर दिए। शुरु-शुरु में तो लोग ही नहीं पार्टी के कार्यकर्ता भी चकरा गए कि सोशल मीडिया में दौड़ रही लिस्ट असली है या फर्जी। बहरहाल इस बार के टिकट वितरण के पहले चरण के बाद रोचक नजारा देखने को मिला। मंडला की बिछिया सीट से बीजेपी प्रत्याशी उम्मीदवार घोषित होने के बाद पार्टी की सदस्यता ग्रहण करने मंडला पहुंचे। 



मेडिकल कॉलेज के सह अधीक्षक को बनाया प्रत्याशी



बीजेपी ने मंडला की बिछिया सीट से डॉ विजय आनंद मरावी को प्रत्याशी डिक्लेयर कर दिया। टिकट वितरण के ऐलान तक मरावी जबलपुर के नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज के सह अधीक्षक पद पर पदस्थ रहे। उम्मीदवार घोषित होते ही उन्होंने नौकरी से त्यागपत्र दिया और मंडला पहुंच गए। यहां पार्टी दफ्तर में उन्होंने बकायदा बीजेपी की सदस्यता ग्रहण की। मंडला बीजेपी अध्यक्ष भीष्म द्विवेदी ने उन्हें पार्टी की सदस्यता ग्रहण कराई। बता दें कि साल 2018 में बिछिया सीट पर कांग्रेस के नारायण सिंह पट्टा ने 21 हजार से ज्यादा मतों से जीत हासिल की थी। उन्होंने बीजेपी के डॉ शिवराज शाह को मात दी थी। बिछिया की सीट अनुसूचित जनजाति के लिए सुरक्षित है। 




  • यह भी पढ़ें 


  • रायसेन में कृषि मंत्री के मनाने से भी नहीं माने किसान, वार्ता विफल, अपने नाम का मतलब समझाते रहे मंत्री, किसानों ने भोपाल कूच किया



  • ओमप्रकाश धुर्वे की बढ़ी टेंशन



    बीजेपी के प्रत्याशियों की पहली लिस्ट ने पूर्व मंत्री ओमप्रकाश धुर्वे की टेंशन बढ़ा दी है। उन्हें पार्टी ने अनुसूचित जनजाति के लिए सुरक्षित शहपुरा सीट से उम्मीदवार घोषित किया है। जबकि वे एससी के लिए सुरक्षित डिंडोरी सीट से चुनाव लड़ना चाह रहे थे। यह वही सीट है जिसमें 2018 में कांग्रेस के ओमकार मरकाम ने उन्हें धूल चटाई थी। धुर्वे का कहना है कि वे पार्टी हाईकमान के सामने अपनी बात रखेंगे। हालांकि वे पिछला चुनाव 30 हजार से ज्यादा वोटों से हारे थे लिहाजा पार्टी ने यह फैसला लिया है। 



    बालाघाट में आप का दामन थाम चुके राजकुमार पर दांव



    बीजेपी ने लांजी विधानसभा क्षेत्र में भी एक नया एक्सपेरिमेंट किया, बीजेपी छोड़कर कल तक जो आम आदमी पार्टी का दाम थाम चुके थे। ऐसे व्यक्ति राजकुमार कर्राए को लांजी विधानसभा से उम्मीदवार घोषित किया है। 2018 में लांजी से पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष हिना कांवरे विधायक निर्वाचित हुई थीं। राजकुमार कर्राए ने हाल ही में वापस बीजेपी ज्वाइन कर ली थी। दूसरी तरफ बालाघाट की बरघाट सीट से बीजेपी ने कमल मर्सकोले को उम्मीदवार बनाया है। 2018 में भी वे प्रबल दावेदार थे लेकिन उन्हें मौका नहीं दिया गया था। 



    गोटेगांव में प्रहलाद पटेल के खास को मौका



    इधर गोटेगांव की अनुसूचित जाति के लिए सुरक्षित सीट पर केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल के समर्थक महेंद्र नागेश को उम्मीदवार बनाया गया है। यहां पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति साल 2018 में निर्वाचित हुए थे। हालांकि इस सीट से मध्यप्रदेश अनुसूचित जाति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष कैलाश जाटव भी प्रबल दावेदार थे, लेकिन पार्टी ने प्रहलाद की पसंद को तरजीह दी। बता दें कि कैलाश जाटव दो विधानसभा क्षेत्र से दावेदारी कर रहे थे, लेकिन दोनों ही जगह उनका पत्ता काटकर पार्टी उम्मीदवारों का ऐलान कर चुकी है। जाटव गोटेगांव के अलावा जबलपुर पूर्व विधानसभा सीट से दावेदारी कर रहे थे। 




     


    MP News MP न्यूज़ डॉ विजय आनंद मरावी एलान के बाद ज्वाइन की पार्टी बीजेपी की पहली लिस्ट के प्रत्याशी Dr. Vijay Anand Maravi joins party after announcement BJP's first candidate list