JAIPUR. राजस्थान में चुनाव से पहले राजनीति अब धीरे-धीरे व्यक्तिगत आरोप-प्रत्यारोप के साथ सीधे तौर पर नुकसान पहुंचाने की होती जा रही है। सियासी खींचतान के बीच नेता एक दूसरे का नुकसान करने में भी नहीं चूकते। हालांकि इस नुकसान करने के पीछे राजनीतिक कारण हो सकते हैं, लेकिन नियम और कानून का सहारा भी लिया जाता है। ऐसा ही अजीबो गरीब मामला कोटा बूंदी संसदीय क्षेत्र से सामने आया है। यहां वन विभाग ने पूर्व सीएम वसुंधरा राजे की सभा स्थल पर 2 लाख रुपये का जुर्माना लगा दिया। वन विभाग ने बफर एरिया में बिना परमिशन आयोजन करने को लेकर कार्रवाई की है। बूंदी जिले के शंभुपुरा में 2 जुलाई को पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की महारैली हुई थी।
3 ग्रामीणों पर लगाया गया 2 लाख रुपए का जुर्माना
विभाग के डीसीएफ तरुण मेहरा ने बताया कि यह कार्यक्रम विभाग के बफर एरिया में बिना परमिशन के किया गया। सभा के बाद इस स्थल पर गंदगी हो गई और वन विभाग की जमीन पर गड्ढे हो गए। ऐसे में विभाग की तरफ से स्थानीय तीन ग्रामीणों पर 2 लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया है। जिस जगह यह कार्यक्रम हुआ शंभुपुरा क्षेत्र डाबी विभाग की रेंज में आता है, डाबी रेंजर ने कार्रवाई की है।
वन क्षेत्र में सभा स्थल पर हुई गंदगी, खड्डे किए, पेड़-पौधे काटे गए
एसीएफ तरुण मेहरा ने बताया कि वन क्षेत्र में सभा स्थल पर गंदगी करना, वन विभाग की जमीन पर गड्ढे करना, टेंट लगाना, पेड़-पौधे-झाड़ियों को काटने के कारण ये जुर्माना लगाया गया है। उन्होंने कहा कि बिना परमिशन के वन क्षेत्र में आने पर वाइल्ड लाइफ एक्ट के तहत ये कार्रवाई की गई है, जो भी आयोजक हैं उनके खिलाफ ये जुर्माना लगाया गया है। उन्होंने कहा कि जहां यूआईटी ने परमिशन दी थी, वहां इन लोगों ने टेंट नहीं लगाया और सूखा देखकर वन विभाग की जगह पर कार्यक्रम किया जिससे यहां वायलेंस हुआ।
2 जुलाई को हुई थी वसुंधरा राजे की महारैली
कोटा उत्तर के पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल ने 2 जुलाई को महारैली की थी जिसमें पूर्व सीएम वसुंधरा राजे आई थी। इस रैली में 1400 बसों और अन्य वाहनों से बड़ी संख्या में लोग पहुंचे थे। इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए कोटा संभाग के साथ ही प्रदेश के कई जगह से कार्यकर्ता आए थे।
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वर्चस्व को लेकर किया गया था कार्यक्रम
बताया जा रहा है कोटा उत्तर विधायक प्रहलाद गुंजल के सामने यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल चुनाव लड़ते हैं और दोनो ही नेताओं का अपना ही वर्चस्व है। वर्चस्व को लेकर ही यह कार्यक्रम आयोजित किया गया और पूर्व सीएम सहित कई सांसद, विधायक इस रैली शामिल हुए। अब इस आयोजन को लेकर इस तरह की कार्रवाई से सियासी हलचल तेज हो गई है।