JAIPUR. चुनावी साल में राजस्थान की गहलोत सरकार ने 19 नए जिले और तीन संभागों के गठन मुहर लगा दी है। राजस्थान में अब जिलों की संख्या 33 से बढ़कर 50 हो गई है। वहीं संभाग 7 से बढ़ कर 10 हो गए हैं। 19 नए जिलों के गठन के नोटिफिकेशन को शुक्रवार को गहलोत कैबिनेट ने मंजूरी दे दी। अब सात अगस्त को सभी जिलों के प्रभारी मंत्री इन नए जिलों में जाकर भारतीय संस्कृति के अनुसार पूजा-पाठ कर इनकी स्थापना कराएंगे। मार्च में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 19 नए जिले बनाए जाने की घोषणा की थी।
19 नए जिलों और 3 नए संभागों का गठन
नए जिलों में बालोतरा, ब्यावर, अनूपगढ़, डीडवाना (कुचामन), डीग, दूदू, गंगापुर सिटी, जयपुर शहर, जयपुर ग्रामीण, कोटपूतली (बहरोड़), खैरथल, नीमकाथाना, फलौदी, सलूंबर, सांचोर, जोधपुर शहर, जोधपुर ग्रामीण, केकड़ी, शाहपुरा जिले शामिल है। वहीं नए संभाग बांसवाड़ा, पाली और सीकर है। नए जिलों के सीमांकन को लेकर राजस्व विभाग ने गजट नोटिफिकेशन पहले ही तैयार था। कैबिनेट की बैठक में इस पर मुहर लग गई। राजस्थान के गठन के बाद यह पहला मौका है जब एक साथ इतनी संख्या में जिले बनाए गए हैं। राजस्थान में इससे पहले बीजेपी ने 2008 में प्रतापगढ़ को जिला घोषित किया था जो राजस्थान का 33वां जिला बना था।
नए जिलों के गठन के लिए 2000 करोड़ रुपए का प्रावधान
कैबिनेट बैठक के बाद मुख्यमंत्री निवास पर हुई प्रेसवार्ता में सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि नए जिलों के गठन के लिए 2000 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया था। इस राशि से नए जिलों में कार्यालय और प्रशासनिक व्यवस्थाओं पर काम किया जाएगा। 7 अगस्त को नए जिलों के प्रभारी मंत्री जिलों में जाएंगे। सर्वधर्म सभा और पूजा पाठ होगी। 7 अगस्त को भारतीय संस्कृति, संस्कार और परंपराओं का निर्वहन करते हुए नए जिलों की स्थापना की जाएगी।
राजस्थान में औसतन पांच लाख की आबादी पर जिला
सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि नए जिलों के गठन के बाद राजस्थान में अब औसतन पांच लाख की आबादी पर जिला हो जाएगा। इसके साथ ही औसत क्षेत्रफल भी करीब 500 वर्ग किलोमीटर का हो जाएगा। उन्होंने कहा कि देश भर में करीब 95 जिले ऐसे हैं जो पांच लाख की आबादी वाले हैं। मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ का उदाहरण देते हुए सीएम गहलोत ने कहा कि मध्यप्रदेश में हमारी जैसी ही जनसंख्या है, लेकिन जिले 53 है, वहीं छत्तीसगढ में ढाई करोड़ की आबादी पर 33 जिले हैं।
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हम 2030 का विजन लेकर चल रहे हैं : सीएम
सीएम गहलोत ने नए जिलों के गठन के संकेत भी दिए है। सीएम ने कहा कि 2030 का विजन लेकर चल रहे हैं। चाहते हुए भी कलेक्टर पूरे जिले में नहीं जा सकते हैं। इस बारे में बनाई गई रामलुभाया कमेटी का कार्यकाल छह माह बढ़ा दिया गया है। गहलोत ने कहा कि अभी और मांग आ रही है। इसे देखते हुए ही हमने कमेटी का कार्यकाल बढ़ाया है। हमने 19 जिलो के गठन से छोटे जिलों का प्रयोग शुरू किया है। सफलता मिली तो आगे और कम किया जाएगा।
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नए जिलों का गठन प्रशासनिक दृष्टि से जरूरी
सीएम गहलोत ने कहा कि प्रशासनिक दृष्टि से जिला इकाई यदि बड़ी आबादी की होती है तो जिला कलेक्टर के लिए इसे संभालना मुश्किल होता है। राजस्थान की भौगोलिक स्थिति अलग है। यहां कई-कई किलोमीटर के बाद गांव आते हैं। कई जिलों में तो जिला मुख्यालय 200 किमी तक दूर होता है। नए जिलो के लिए अधिकारियों की कमी के सवाल पर सीएम ने कहा कि इसकी कमी नहीं आने दी जाएगी। आरएएस से आईएएस बनने वाले अधिकारियो को मौके दिए जाएंगे।