मनीष गोधा, JAIPUR. राजस्थान में बीजेपी की परिवर्तन यात्राओं की शुरुआत शनिवार को पूर्वी राजस्थान के सवाई माधोपुर जिले में स्थित त्रिनेत्र गणेश मंदिर से हो गई। राजस्थान के इस हिस्से में बीजेपी के लिए इस बार पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना यानी ईआरसीपी एक बड़ा मुद्दा बना हुआ है और परिवर्तन यात्रा की पहली सभा में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने इसी पर ना सिर्फ लंबी बात की, बल्कि गहलोत सरकार पर इस मामले में राजनीति करने का आरोप भी लगाया। हालांकि, राजे के अलावा अन्य किसी भी नेता ने इस मुद्दे पर कुछ नहीं कहा।
वसुंधरा का विपक्ष दल पर आरोप
केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत शायद कुछ बोलते, लेकिन संयोग ऐसा रहा कि जब वे बोलने के लिए मंच पर आए उसी समय नड्डा का मंच पर आगमन हो गया और वे अपना संबोधन नहीं दे पाए। पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना को कांग्रेस ने पूर्वी राजस्थान में बड़ा मुद्दा बना रखा है और पिछले दिनों केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और खुद जलशक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत को इस मामले में कांग्रेस कार्यकर्ताओं के विरोध का सामना करना पड़ा था। ऐसे में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने परिवर्तन यात्रा की शुरुआत के मौके पर इस मुद्दे को उठाए जाने पर आश्चर्य व्यक्त किया, हालांकि उन्होंने अपने संबोधन में सरकार पर राजनीति का आरोप लगाया और कहा कि इस परियोजना के लिए जो कुछ किया गया है, वह उनकी ही सरकार ने किया है, मौजूदा सरकार सिर्फ राजनीति कर रही है।
राजस्थान के हिस्से का पानी कम नहीं होने देंगे
राजे ने कहा कि राजस्थान के हिस्से का एक बूंद भी पानी कम नहीं होने देंगे चाहे उन्हें कितना ही खून-पसीना बहाना पड़े। उन्होंने कहा कि ईआरसीपी को जमीन पर लाने के लिए उनकी बीजेपी सरकार ने 25 अगस्त, 2005 को मध्यप्रदेश के साथ नदियों के पानी के बंटवारे को लेकर समझौता किया, लेकिन दुर्भाग्य से 2008 में गहलोत सरकार आ गई और ईआरसीपी को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया।
राजे ने कहा कि जब हमारी दुबारा सरकार आई तो हमने डीपीआर बना कर इसका काम आगे बढ़ाया। वर्ष 2017-18 और 2018-19 में बजट घोषणा कर नवनेरा बैराज और ईसरदा बांध का काम शुरू किया, लेकिन कांग्रेस सरकार ने ईआरसीपी को पूरा करने के लिए साढ़े चार साल में कोई गंभीर प्रयास नहीं किया। इसलिए 13 जिलों की जनता प्यासी रही जबकि मध्यप्रदेश ने तो समझौते के अनुसार मोहनपुरा और कुंडालिया बांध बना लिए। जिनसे उस क्षेत्र को 2.25 लाख हैक्टेयर सिंचाई और पेयजल मिलेगा। इसके साथ ही तीसरे बांध पाटनपुर का काम भी निर्माणाधीन है, लेकिन राजस्थान की गहलोत सरकार तब भी सो रही थी और अब भी सो रही है।
नड्डा का फोकस राष्ट्रीय राजनीति पर
पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा हालांकि राजस्थान की परिवर्तन यात्रा की शुरुआत करने आए थे और उन्होंने एक बार फिर गहलोत सरकार को गृहलूट सरकार यानी घर को लूटने वाली सरकार बताया, लेकिन उनका ज्यादा फोकस राष्ट्रीय राजनीति और विपक्षी दलों के गठबंधन की आलोचना पर रहा। उन्होंने कहा कि यह सभी सिर्फ अपने परिवारों को बचाने के लिए मिले हैं। ये मिल कर अपने परिवार को बचाना चाहते हैं, जबकि मोदी देश को आगे बढ़ाना चाहते हैं।
नड्डा ने कहा कि प्रजातंत्र में जब कोई पार्टी अंधरगर्दी मचा दे। आम जनता त्राहिमाम हो जाए तो बीजेपी के हर कार्यकर्ता की जिम्मेदारी हो जाती है कि परिवर्तन के लिए काम करे इसलिए हम यात्रा निकाल रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह सरकार गृह लूट सरकार है। यहां के लोगो को लूट कर दिल्ली के लोगों का घर भरती है। इनकी इच्छा है भ्रष्टाचार करो, भ्रष्टाचारियों को पनाह दो और यह पैसा दिल्ली में बैठे लोगों को भेजो। उन्होंने कहा कि गहलोत सरकार का मतलब है लाल डायरी। सरकार के मंत्री ने लाल डायरी की बात की तो उसे बर्खास्त कर दिया। अब हमें ऐसी सरकार को ही बर्खास्त करना है। उन्होंने कहा कि जलशक्ति मंत्री गजेन्द्र जी घर घर नल लगवा रहे हैं और गहलोत जी जलजीवन मिशन में घोटाला कर रहे हैं। राजस्थान की छवि बदलनी है तो सरकार बदलनी है।
जोशी ने लगवाए जयश्री राम के नारे
वहीं प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी ने हिन्दुत्व पर फोकस किया और जयश्री राम के नारे लगवाए। उन्होंने बाबरी मस्जिद विध्वंस तक की बात की और कहा कि बाबरी ढांचा गिरा तो दिसंबर में हमारी बीजेपी सरकार कांग्रेस ने ही गिराई थी और इस दिसंबर में जब श्रीराम का मंदिर बन चुका होगा तो राजस्थान में कांग्रेस की मुगलिया सरकार गिरेगी और बीजेपी की सरकार बनेगी।
वसुंधरा दिखीं केन्द्र में
पहली परिवर्तन यात्रा की शुरूआत के मौके पर पूर्व सीएम वसुंधरा राजे को खासी अहमियत मिलती नजर आई। उनका तीन-चार सांसदों से स्वागत कराया गया। मंच पर वे नड्डा के बगल मे बैठी नजर आईं और हैलीपैड से भी वे नड्डा की गाड़ी में ही सभास्थल तक पहुंची। सभा में पार्टी के सभी बड़े नेता मौजूद रहे।
टिकट के दावेदारों ने दिखाई ताकत
सभा में टिकट के दावेदार अपनी ताकत दिखाते नजर आए। दो टिकटार्थियों के समर्थकों ने जमकर नारेबाजी की और स्थिति यह बनी कि उन्हें शांत होने के लिए मंच से कहना पड़ा।