संजय गुप्ता, INDORE. पूर्व कांग्रेस विधायक अंतर सिंह दरबार को भ्रष्टाचार के मामले में एक साल की सजा हुई है, साथ ही उन पर एक मामले में एक हजार और दूसरे मामले में दो हजार का अर्थदंड भी रोपित किया गया है। उनके साथ ही करीब दस आरोपियों को भी सजा सुनाई गई है। एपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट से फैसला हुआ है, मामला इंदौर प्रीमियर को ऑपरेटिव बैंक के हाउस लोन घोटाले का है।
दरबार को यह सुनाई गई है सजा
इसमें पूर्व विधायक दरबार को 120 बी धारा में एक साल की सजा और एक हजार का अर्थदंड, धारा 13 (1) डी व 13 (2) भ्रष्टाचार निवारण एक्ट 1988 में एक साल की सजा और दो हजार का अर्थदंड सुनाया गया है। अर्थदंड नहीं भरने पर सजा तीन माह और बढ़ जाएगी। यह केस साल 2000 में लोकायुक्त द्वारा दर्ज किया गया था। जिसमें अब एमपी-एमएलए कोर्ट से न्यायाधीश मुकेश नाथ ने यह सजा सुनाई है।
अन्य आरोपियों में यह शामिल
वहीं अन्य आरोपी? में अहिल्याबाई गहलोत, देवराज सिंह परिहार, सैय्यद वासिक अली, ओमप्रकाश जोशी, नकवंती पटेल, निर्मला पटेल, जगदीश शर्मा, गुलाम मुर्तजा खान, देवीलाल सूर्यवंशी को भी एक-एक साल की सजा सुनाते हुए अर्थदंड लगाया गया है।
दो बार कांग्रेस के विधायक रहे, इस बार निर्दलीय लड़े और हारे
दरबार महू से कांग्रेस की ओर से पांच बार चुनाव लड़ चुके हैं, वह साल 1998 और 2003 में चुनाव जीते थे लेकिन फिर साल 2008 व 2013 में कैलाश विजयवर्गीय से चुनाव हारे, फिर 2018 में बीजेपी की उषा ठाकुर ने उन्हें हराया। साल 2023 में वह कांग्रेस से टिकट नहीं मिलने प निर्दलीय चुनाव में उतरे और लगातार चौथा चुनाव हारे। बीजेपी की उषा ठाकुर ने लगातार दूसरी बार उन्हें हराया।