याज्ञवल्क्य मिश्रा, Raipur. पाठ्य पुस्तक निगम के पूर्व जीएम और पंचायत विभाग में अधिकारी अशोक चतुर्वेदी को ईओडब्लू/एसीबी की टीम ने आंध्रप्रदेश के गुंटूर से गिरफ्तार किया है। ईओडब्लू/एसीबी के डीजी डीएम अवस्थी ने द सूत्र से इस बात की पुष्टि की है कि अशोक चतुर्वेदी गिरफ्तार किए जा चुके हैं। अशोक चतुर्वेदी के खिलाफ ईओडब्लू में अपराध पंजीबद्ध था।
कौन हैं अशोक चतुर्वेदी?
अशोक चतुर्वेदी राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी हैं। उनकी मूल नियुक्ति पंचायत विभाग में है। वे प्रतिनियुक्ति पर पाठ्य पुस्तक निगम में थे। भूपेश सरकार के आने के बाद उन्हें वापस मूल विभाग में भेजे जाने के आदेश किए गए। माना जाता है कि यह आदेश भूपेश सरकार ने व्यवस्थागत बताए लेकिन इसके पीछे भूपेश सरकार की नाराजगी थी। इस आदेश को अशोक चतुर्वेदी ने मानने के बजाय विधिक चुनौती दे दी। रुष्ट सरकार और कुपित हो गई और उसके बाद अशोक चतुर्वेदी के खिलाफ मुकदमें दर्ज होने लगे, लेकिन हर बार उन्हें कोर्ट से राहत मिलती रही। अशोक चतुर्वेदी के खिलाफ ईओडब्लू/एसीबी में जो अपराध दर्ज किए गए हैं, उनमें उनके विरुद्ध पद का दुरुपयोग करते हुए अनाधिकृत लाभ पहुंचाने के आरोप हैं। अशोक चतुर्वेदी को इस केस में हाईकोर्ट से स्टे मिला था, लेकिन पिछले हफ्ते उनका स्टे हाईकोर्ट से हट गया था। इससे अशोक चतुर्वेदी पर कार्रवाई का रास्ता साफ हो गया था। अशोक चतुर्वेदी तब भी चर्चाओं में आए थे जबकि आयकर और प्रवर्तन निदेशालय के एक मामले में उनका बयान का जिक्र हुआ था। इसके कागज सोशल मीडिया पर वायरल हुए थे। अशोक चतुर्वेदी की छवि भिड़ जाने वाले व्यक्ति की रही है। अशोक चतुर्वेदी तब भी चर्चाओं में आए जबकि सुप्रीम कोर्ट में उन्होंने संविधान के तहत मिले नागरिक अधिकार और स्वतंत्रता को खतरा बताते हुए याचिका दायर की थी, जिसमें राज्य सरकार और उसके कई अधिकारी पार्टी बने थे।
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इन दिनों रामकथा की वजह से चर्चाओं में थे
अशोक चतुर्वेदी इन दिनों राम कथाओं का पाठ कर रहे थे। वे विभिन्न जगहों पर कथा वाचन कर रहे थे। उन्होंने राम को विभिन्न वर्गों से जोड़ते हुए उसकी कथा शुरु की, इन कथाओं और प्रस्तुति से अशोक चतुर्वेदी लगातार चर्चाओं में थे। अशोक चतुर्वेदी को प्रसिद्ध राम भक्त जगद्गुरु रामभद्राचार्य के शिष्य हैं।