BHOPAL. पूर्व आईएएस अधिकारी राजेश बहुगुणा ने एक बार फिर सोशल मीडिया के माध्यम से राज्य में बीजेपी की शिवराज सरकार पर तंज कसा है। इस बार उन्होंने सरकारी कर्मचारियों को केंद्र के समान महंगाई भत्ता (DA) देने और इसके साथ एरियर का भी भुगतान करने के राज्य सरकार के आदेश को ऐतिहासिक करार देते हुए निशाना साधा है। बहुगुणा ने अपने फेसबुक प्रोफाइल पर प्रदेश में सालों बाद विधानसभा चुनाव से पूर्व पहली बार कर्मचारियों के लिए गए इस फैसले की मंशा पर सवाल उठाते हुए लिखा है- "इशारों को अगर समझो राज को राज रहने दो ?" उनकी यह पोस्ट प्रदेश के राजनीतिक और प्रशासनिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गई है। इससे पहले उन्होंने बुधनी जैसे छोटे कस्बे में सरकारी मेडिकल कॉलेज खोले जाने के ऐलान पर भी सवाल उठाते हुए निशाना साधा था।
न कभी डीए समय पर दिया न एरियर का भुगतान किया
राजेश बहुगुणा ने बुधवार रात फेसबुक पर अपनी पोस्ट में लिखा है डीए और एरियर के बारे में सरकार परिपत्र ऐतिहासिक है। मध्य प्रदेश में 2003 में कांग्रेस सरकार के जाने के बाद आने वाली बीजेपी सरकारों ने कभी भी समय पर केंद्र सरकार द्वारा जारी डीए प्रदेश सरकार के कर्मचारियों नहीं दिया। बाद में डीए देने पर इसकी बकाया राशि (एरियर) का भुगतान तो कभी किया ही नहीं गया। डीए को विभिन्न न्यायालयों ने वेतन का ही रूप माना है क्योंकि मंहगाई बढ़ने पर रुपए की क्रय क्षमता कम हो जाने की प्रतिपूर्ति डीए द्वारा ही होती है। इस तरह 2003 से बीजेपी सरकारों ने शासकीय कर्मचारियों के हजारों करोड़ रुपए उनकी जेब और उनके परिवारों तक नहीं पहुंचाए। ऐसा कर उसने एक प्रकार से कर्तव्यनिष्ठ कर्मचारियों का हक छीना। जबकि 2003 में कांग्रेस की सरकार ने सदैव डीए का एरियर कर्मचारियों को दिया चाहे वित्तीय संकट के कारण विलंब से दिया हो या भविष्यनिधि खाते में ही जमा किया हो।
ऐसा पहली बार क्यों हुआ ?
बीजेपी सरकार ने हाल में कर्मचारियों को केंद्र सरकार के समान 42 फीसदी डीए 1 जनवरी 2023 से स्वीकृत कर 1 जुलाई 2023 के माह के वेतन के अगस्त में होने वाले भुगतान के साथ दिए जाने के आदेश जारी किए हैं। इसके साथ 1 जनवरी से 30 जून तक की बकाया राशि का भुगतान भी 3 किश्तों में करने के आदेश दिए गए हैं, लेकिन सवाल यह है कि यह चुनाव के पूर्व पहली बार क्यों हुआ ? मामला साफ है कि सरकार आने वाले चुनाव में जीत के प्रति खुद ही आशंकित है और इसीलिए लाड़ली बहना योजना में एक करोड़ से ज्यादा महिलाओं के खाते में रुपए डालने के बाद अब लाखों कर्मचारियों को भी खुश करने की कोशिश की गई है। संकेत साफ है कि सरकार आगामी चुनाव में जीत से काफी दूर है। क्या सरकार पिछले 20 वर्षों के दौरान डीए का एरियर जो कर्मचारियों को नहीं दिया गया, उसका भी भुगतान करेगी?
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मेडिकल कॉलेज की घोषणा के बाद भी उठाए थे सवाल
शिवराज कैबिनेट द्वारा बुधनी में मेडिकल कॉलेज खोले जाने पर भी सवाल उठाए थे। आबकारी आयुक्त और कलेक्टर रह चुके प्रमोटी आईएएस बहुगुणा ने लिखा कि कोई यह प्रश्न उठाएगा कि जब कटनी, बुरहानपुर नीमच देवास जैसे बड़े शहरों में मेडिकल कॉलेज नहीं हैं और धार, बालाघाट, शाजापुर, बड़वानी, खरगोन, बैतूल होशंगाबाद, मंदसौर, टीकमगढ़, सीधी जैसे जिला मुख्यालयों में मेडिकल कॉलेज नहीं हैं तो तहसील मुख्यालय बुधनी में मेडिकल कॉलेज क्यों खोला जा रहा है?
6 वर्ष पूर्व खुले मेडिकल कॉलेज का हाल पता कर लें, कौव्वे बोलते हैं
बुधनी में मेडिकल कॉलेज की घोषणा के बाद बहुगुणा ने बोला था कि बुधनी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का गृह क्षेत्र हैं इसलिए मेडिकल कॉलेज खोला जा रहा है। राजनीतिक नफे के लिए हो रहे ऐसे निर्णयों के हश्र की तरफ इशारा करते हुए गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा के क्षेत्र दतिया का उल्लेख किया था। जिला मुख्यालय दतिया में 6 साल पहले खोले गए मेडिकल कॉलेज का उदाहरण देते हुए उन्होंने लिखा कि झांसी से 25 किलोमीटर और ग्वालियर से 70 किमी दूर छोटे से जिला मुख्यालय दतिया में आज से 6 वर्ष पूर्व खुले मेडिकल कॉलेज का हाल पता कर लें, कौव्वे बोलते हैं। सभी बीमार झांसी या ग्वालियर जाते हैं। बुधनी का भी यही हाल होना है।
पूर्व IAS राजेश बहुगुणा ने फिर कसा BJP पर तंज; कर्मचारियों को DA और एरियर के आदेश पर लिखा- इशारों को अगर समझो, राज को राज रहने दो?
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न कभी डीए समय पर दिया न एरियर का भुगतान किया
राजेश बहुगुणा ने बुधवार रात फेसबुक पर अपनी पोस्ट में लिखा है डीए और एरियर के बारे में सरकार परिपत्र ऐतिहासिक है। मध्य प्रदेश में 2003 में कांग्रेस सरकार के जाने के बाद आने वाली बीजेपी सरकारों ने कभी भी समय पर केंद्र सरकार द्वारा जारी डीए प्रदेश सरकार के कर्मचारियों नहीं दिया। बाद में डीए देने पर इसकी बकाया राशि (एरियर) का भुगतान तो कभी किया ही नहीं गया। डीए को विभिन्न न्यायालयों ने वेतन का ही रूप माना है क्योंकि मंहगाई बढ़ने पर रुपए की क्रय क्षमता कम हो जाने की प्रतिपूर्ति डीए द्वारा ही होती है। इस तरह 2003 से बीजेपी सरकारों ने शासकीय कर्मचारियों के हजारों करोड़ रुपए उनकी जेब और उनके परिवारों तक नहीं पहुंचाए। ऐसा कर उसने एक प्रकार से कर्तव्यनिष्ठ कर्मचारियों का हक छीना। जबकि 2003 में कांग्रेस की सरकार ने सदैव डीए का एरियर कर्मचारियों को दिया चाहे वित्तीय संकट के कारण विलंब से दिया हो या भविष्यनिधि खाते में ही जमा किया हो।
ऐसा पहली बार क्यों हुआ ?
बीजेपी सरकार ने हाल में कर्मचारियों को केंद्र सरकार के समान 42 फीसदी डीए 1 जनवरी 2023 से स्वीकृत कर 1 जुलाई 2023 के माह के वेतन के अगस्त में होने वाले भुगतान के साथ दिए जाने के आदेश जारी किए हैं। इसके साथ 1 जनवरी से 30 जून तक की बकाया राशि का भुगतान भी 3 किश्तों में करने के आदेश दिए गए हैं, लेकिन सवाल यह है कि यह चुनाव के पूर्व पहली बार क्यों हुआ ? मामला साफ है कि सरकार आने वाले चुनाव में जीत के प्रति खुद ही आशंकित है और इसीलिए लाड़ली बहना योजना में एक करोड़ से ज्यादा महिलाओं के खाते में रुपए डालने के बाद अब लाखों कर्मचारियों को भी खुश करने की कोशिश की गई है। संकेत साफ है कि सरकार आगामी चुनाव में जीत से काफी दूर है। क्या सरकार पिछले 20 वर्षों के दौरान डीए का एरियर जो कर्मचारियों को नहीं दिया गया, उसका भी भुगतान करेगी?
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मेडिकल कॉलेज की घोषणा के बाद भी उठाए थे सवाल
शिवराज कैबिनेट द्वारा बुधनी में मेडिकल कॉलेज खोले जाने पर भी सवाल उठाए थे। आबकारी आयुक्त और कलेक्टर रह चुके प्रमोटी आईएएस बहुगुणा ने लिखा कि कोई यह प्रश्न उठाएगा कि जब कटनी, बुरहानपुर नीमच देवास जैसे बड़े शहरों में मेडिकल कॉलेज नहीं हैं और धार, बालाघाट, शाजापुर, बड़वानी, खरगोन, बैतूल होशंगाबाद, मंदसौर, टीकमगढ़, सीधी जैसे जिला मुख्यालयों में मेडिकल कॉलेज नहीं हैं तो तहसील मुख्यालय बुधनी में मेडिकल कॉलेज क्यों खोला जा रहा है?
6 वर्ष पूर्व खुले मेडिकल कॉलेज का हाल पता कर लें, कौव्वे बोलते हैं
बुधनी में मेडिकल कॉलेज की घोषणा के बाद बहुगुणा ने बोला था कि बुधनी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का गृह क्षेत्र हैं इसलिए मेडिकल कॉलेज खोला जा रहा है। राजनीतिक नफे के लिए हो रहे ऐसे निर्णयों के हश्र की तरफ इशारा करते हुए गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा के क्षेत्र दतिया का उल्लेख किया था। जिला मुख्यालय दतिया में 6 साल पहले खोले गए मेडिकल कॉलेज का उदाहरण देते हुए उन्होंने लिखा कि झांसी से 25 किलोमीटर और ग्वालियर से 70 किमी दूर छोटे से जिला मुख्यालय दतिया में आज से 6 वर्ष पूर्व खुले मेडिकल कॉलेज का हाल पता कर लें, कौव्वे बोलते हैं। सभी बीमार झांसी या ग्वालियर जाते हैं। बुधनी का भी यही हाल होना है।