पीएससी के पूर्व चेयरमैन सोनवानी सहित अन्‍य अफसरों और नेताओं के रिश्‍तेदारों के चयन का आरोप, चुनाव में बना था बड़ा मुद्दा

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पीएससी के पूर्व चेयरमैन  सोनवानी सहित अन्‍य अफसरों और नेताओं के  रिश्‍तेदारों के चयन का आरोप, चुनाव में बना था बड़ा मुद्दा

भोपाल. सीजीपीएससी में हुई गड़बड़ी की जांच सीबीआई से कराई जाएगी। सीएम विष्णुदेव साय की कैबिनेट की बैठक बुधवार की शाम यह निर्णय लिया गया। गौरतलब है कि सीजी पीएससी की भर्ती में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी का आरोप लगा है। पीएससी के पूर्व चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी सहित अन्‍य आईएएस, आईपीएस अफसरों और नेताओं के रिश्‍तेदारों के चयन का आरोप लगा है। यह मामल हाईकोर्ट के विचाराधीन है।

चुनाव में बना था बड़ा मुद्दा

राज्‍य में विधानसभा चुनाव के दौरान पीएससी की भर्ती में घोटला बड़ा मुद्दा बना था। भाजपा ने सत्‍ता में आने पर इस मामले की जांच कराने और दोषियों पर कड़ी कार्यवाई करने का वादा किया था। भाजपा की सरकार बनने के बाद से युवा जांच की घोषणा का इंतजार कर रहे थे।

171 पदों के लिए हुई थी परीक्षा

सीजी पीएससी परीक्षा का नोटिफिकेशन साल 2021 में जारी किया था। भर्ती के लिए कुल 171 पद थे। परीक्षा का प्री एग्जाम 13 फरवरी 2022 को कराया गया, जिसमें कुल 2 हजार 565 पास हुए थे। मेंस एग्जाम में कुल 509 अभ्यर्थी पास हुए, जिन्हें इंटरव्यू के लिए बुलाया गया। 11 मई 2023 को 170 अभ्यर्थियों का फाइनल रिजल्ट जारी हुआ।

चेयरमैन के करीबियों का चयन

फाइनल रिजल्ट के बाद मेरिट लिस्ट पर आपत्ति उठने लगी। आरोप लगाए गए कि मेरिट लिस्ट में सीजी पीएससी चेयरमैन के रिश्तेदारों और कांग्रेस पार्टी के नेताओं के करीबियों का सिलेक्शन हुआ है। प्रदेश के पूर्व बीजेपी नेता ननकी राम कंवर ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर भर्ती पर रोक लगाने की बात कही थी।



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