मनीष गोधा, JAIPUR. देशभर में जनता से चंदा मांग रही कांग्रेस पार्टी को राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने वेतन और पेंशन अकाउंट से 1.38 लाख रुपए का चंदा दिया है। गहलोत ने कहा कि देशभर में जिस तरह क्या हालात हैं, उसके चलते कोई उद्योगपति कांग्रेस को चंदा नहीं दे सकता। ऐसे में हमारे पास क्राउड फंडिंग के अलावा कोई चारा नहीं है।
क्या बोले गहलोत ?
जयपुर एयरपोर्ट पर मीडिया से बात करते हुए अशोक गहलोत ने कहा कि कांग्रेस पार्टी क्राउड फंडिंग के माध्यम से जनता का आह्वान कर रही है कि लोकतंत्र की मजबूती के लिए जरूरी है कि प्रत्येक वो देशवासी आगे आए जिनकी लोकतंत्र में आस्था है। जो समझते हैं कि वास्तव में लोकतंत्र खतरे में है। हालात बड़े बुरे हैं। संविधान की धज्जियां उड़ रही हैं। देश में तनाव, डर, धमकाने और एजेंसियों के दुरुपयोग का माहौल बन गया है।
कांग्रेस को चंदा नहीं दे सकता कोई उद्योगपति
अशोक गहलोत ने कहा कि ऐसे माहौल में कोई उद्योगपति चाहते हुए भी कांग्रेस को चंदा नहीं दे सकता है। इस माहौल में ये अभियान शुरू हुआ है। गहलोत ने कहा कि डोनेट फॉर देश अभियान के तहत 138 रुपए के गुणांक में कितनी भी राशि दी जा सकती है। मैंने भी आज मेरे वेतन-पेंशन में से 1.38 लाख रुपए दिए हैं। कांग्रेस कार्यकर्ता, पदाधिकारी और आम जनता से उम्मीद है कि जो देश के हालात को लेकर चिंतित हैं, उनको आगे आना चाहिए तब जाकर ये अभियान कामयाब होगा। इसकी कामयाबी से ही देश में लोकतंत्र मजबूत होगा।
पूरी दुनिया हंस रही होगी
संसद से अब तक 141 सांसदों के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कड़ी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि आज देश ही नहीं, दुनिया के लोग हंस रहे होंगे, लेकिन ये बात बीजेपी वालों को समझ में नहीं आती है क्योंकि मोदी सरकार आज अहम और घमंड में चल रही है।
पक्ष-विपक्ष की लड़ाई होनी चाहिए
गहलोत ने कहा जब से NDA की सरकार बनी है, लगातार इनका जो एरोगेंसी का रवैया है, वो बढ़ता ही जा रहा है। जिस रूप में ये विपक्ष के साथ व्यवहार कर रहे हैं, वो किसी भी रूप में स्वीकार्य नहीं है। ये कोई दुश्मनी का खेल नहीं है। राजनीति और लोकतंत्र में लड़ाई विचारधारा की है। आपके क्या सिद्धांत हैं। आप पब्लिक के लिए क्या प्रोग्राम देना चाहते हैं। पक्ष-विपक्ष की लड़ाई ये होनी चाहिए। उसे लेकर आप धरने दो, प्रदर्शन करो, हाउस के अंदर या बाहर आवाज उठाओ। ये सबकुछ जायज है।