BHOPAL. मध्यप्रदेश में आयुष्मान भारत योजना में बड़ा फर्जीवाड़ा प्रकाश में आया है। भोपाल, इंदौर और उज्जैन के मेडिकल कॉलेजों की विभागीय जांच में पता चला है कि आयुष्मान कार्डधारकों को ढूंढने के लिए गांवों में कैंप लगाए गए। इनके जरिए फिट ( स्वस्थ ) लोगों को मरीज दर्शाकर बसों से अस्पताल लाए। इन्हें दो घंटे भर्ती रखा, कुछ रुपए दिए गए और इलाज के नाम पर बड़ी संख्या में फर्जी बिल बनाए गए।
चिरायु मेडिकल, एनएन मेडिकल समेत 4 कॉलेजों की जांच में खुलासा
जांच में कई आयुष्मान कार्ड भी बरामद हुए, पर मौके पर मरीज नहीं मिले। इंदौर के इंडेक्स मेडिकल कॉलेज में 15 साल की एक बच्ची का आईवीएफ तकनीक से इलाज दिखा दिया। ये मामले बीते छह माह के हैं। विभाग ने जांच एलएन मेडिकल कॉलेज भोपाल, अमलतास मेडिकल कॉलेज देवास, इंडेक्स कॉलेज इंदौर, आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज उज्जैन और चिरायु मेडिकल कॉलेज भोपाल की जांच थी।
बड़ी संख्या में फर्जी बिल बनाए, जांच टीम को मौके पर ढेरों आयुष्मान कार्ड मिले, लेकिन इनसे संबंधित मरीज नहीं मिले
एलएन मेडिकल कॉलेज, भोपाल: जांच टीम को आयुष्मान कार्ड मिले पर मरीज नहीं मिले
जांच के लिए 20 सदस्यीय टीम पहुंची तो मौके पर 2 बसें मिलीं। इनमें स्वस्थ लोगों को गांवों में कैंप लगाकर लाया गया था। कुछ आयुष्मान कार्ड मिले, पर मरीज नहीं मिले, जबकि बिल इनके नाम के मिले हैं।
एक्शन... तीन गुना जुर्माने की कार्रवाई के लिए शोकॉज नोटिस जारी किया गया है। एक करोड़ के करीब जुर्माना संभव।
आरडी गार्डी कॉलेज, उज्जैन: ज्यादातर फॉर्म संदिग्ध मिले, डेढ़ करोड़ जुर्माना लगाया गया
स्टेट हेल्थ एजेंसी ने पूछताछ की तो अस्पताल में कई अनियमितताएं मिलीं। आयुष्मान योजना में कार्ड किसी का और मोबाइल नंबर किसी और का पाया गया। किसी मरीज को कोई परेशानी न होने के बावजूद उसे भर्ती रखकर बिल बनाया गया। ज्यादातर फॉर्म संदेहास्पद मिले।
एक्शन... डेढ़ करोड़ रुपए का जुर्माना
इंडेक्स मेडिकल कॉलेज, इंदौर: नाबालिग का IVF तकनीक से इलाज दिखाया
15 साल की नाबालिग का आईवीएफ तकनीक (कृत्रिम गर्भधारण) से इलाज कर इसका बिल भी आयुष्मान में रिएंबर्स के लिए लगा दिया है। मामूली बुखार में ही कई लोगों को 20 दिन भर्ती रखा पाया गया। लगभग 500 मरीज पंजीकृत थे, जबकि मौके पर 76 मरीज ही मिले।
एक्शन... 3 करोड़ का जुर्माना।
अमलतास मेडिकल कॉलेज, देवास: जांच के नाम पर कार्डधारकों से पैसे मांगे, फर्जी बिल बरामद
कुछ मरीजों को बीमारी कुछ और थी लेकिन उनकी जांचें कुछ और करके बिल लगाया गया। मरीजों से आयुष्मान कार्ड होने के बावजूद जांच के लिए अतिरिक्त रुपयों की डिमांड की गई। कुछ फर्जी बिल भी पकड़े गए थे। कॉलेज के खिलाफ 3 करोड़ रुपए की पेनल्टी लगाई गई।
थर्ड पार्टी ऑडिट करा रहे हैं, अब नहीं होगी कोई गड़बड़ी
आयुष्मान भारत योजना मध्यप्रदेश की सीईओ अदिति गर्ग ने बताया कि योजना के तहत अब कॉलेजों और अस्पतालों के निरीक्षण के लिए थर्ड पार्टी ऑडिट की व्यवस्था की गई है। इसमें विभागीय व्यक्ति न होने के कारण पारदर्शिता आने की संभावना है। 5 मेडिकल कॉलेजों की जांच हुई थी। इसमें कुछ के खिलाफ जुर्माने की कार्रवाई भी की गई है।