संजय गुप्ता, INDORE. जी-20 वर्किंग ग्रुप की इंदौर में दूसरी बैठक हो रही है। पहली बैठक फरवरी में कृषि समूह की हुई थी। अब ये बैठक 19 से 21 जुलाई तक श्रम व रोजगार वर्किंग ग्रुप और मंत्री समूह की हो रही है। बैठक के लिए अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी, अर्जेंटीना समेत 29 देशों के 70 से ज्यादा प्रतिनिधि इंदौर पहुंचे हैं।
बैठक में चर्चा के 3 प्रमुख बिंदु
बैठक में चर्चा के 3 प्रमुख बिंदु ग्लोबल स्किल गैप, गिग एंड प्लेटफॉर्म इकोनॉमी और सामाजिक सुरक्षा, सस्टेनेबल फाइनेंसिंग ऑफ सोशल प्रोटेक्शन हैं। मकसद असंगठित क्षेत्र को मुख्य धारा में लाकर उनका विकास करना है। आमंत्रित देशों के मंत्री और एक्सपर्ट बैठक में शामिल होंगे। 21 जुलाई को इस विषय पर एक संयुक्त निष्कर्ष सामने होगा। 20 जुलाई को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह की मेजबानी में सभी मंत्री समूह के लिए भोज का आयोजन होगा।
आज का एजेंडा ये रहेगा
बैठक में बुधवार का एजेंडा ग्लोबल स्किल गैप, इकोनॉमी और सामाजिक सुरक्षा, सस्टेनेबल फाइनेंसिंग ऑफ सोशल प्रोटेक्शन है। बैठक में अर्जेंटीना, जर्मनी, यूएसए, यूके, नीदरलैंड, ब्राजील, रूस, स्पेन, इजिप्ट, यूरोपियन यूनियन, इंडोनेशिया, ओमान, साउथ अफ्रीका, तुर्किए, चाइना, कनाडा, फ्रांस, जापान, सऊदी अरबिया, सिंगापुर, यूएई, बांग्लादेश, रिपब्लिक ऑफ कोरिया, वर्ल्ड बैंक ग्रुप के ग्लोबल डायरेक्टर और वर्ल्ड बैंक के डेलिगेट्स इंदौर पहुंचे। इंदौर के ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर में 19 से 21 जुलाई तक बैठक होगी। बुधवार शाम को मेहमान मांडू के लिए रवाना होंगे। वहीं डिनर होगा। 21 की शाम को 56 दुकान पर रात्रि भोज का आयोजन होगा। श्रम और रोजगार विषय की ये पांचवीं और अंतिम बैठक है। इससे पहले इस वर्किंग ग्रुप की बैठकें जोधपुर, गुवाहाटी और जिनेवा में हो चुकी हैं।
मीडिया पास के विवाद के चलते एंट्री बंद
इसी बीच मंगलवार देर रात फैसला करते हुए प्रशासन ने मीडिया की एंट्री को पूरी तरह बैन कर दिया है। ये फैसला कुछ लोकल पत्रकारों के पास नहीं बन पाने के कारण बताया गया है। इससे जिनके अधिकृत पास बनाए गए हैं, उन्हें परेशान होना पड़ा। अब यहां एंट्री सिर्फ 21 जुलाई को प्रेस ब्रीफिंग के दौरान ही दी जाएगी। इंदौर के कई पत्रकारों के पास समय पर अप्लाई नहीं करने से रह गए थे। इससे जनसंपर्क और प्रशासन पर रात तक पास जारी करने के लिए दबाव बढ़ गया था। बैन करने के पीछे तर्क दिया है कि आज और कल वन टू वन डिस्कशन होगा। इसलिए जिला प्रशासन के अधिकारियों या मीडिया सहित अन्य किसी की भी एंट्री नहीं है। मीडिया में जिनके लिए पास जारी किए गए हैं, उन्हें केवल 21 जुलाई को होने वाली प्रेस कान्फ्रेंस में निमंत्रित करके ब्रीफिंग की जाएगी।
70 से ज्यादा प्रतिनिधि इंदौर पहुंचे
इंदौर में अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी, अर्जेंटीना समेत 29 देशों के 70 से ज्यादा प्रतिनिधि पहुंच चुके हैं। बैठक में चर्चा के 3 प्रमुख बिंदु ग्लोबल स्किल गैप, गिग एंड प्लेटफॉर्म इकोनॉमी और सामाजिक सुरक्षा, सस्टेनेबल फाइनेंसिंग ऑफ सोशल प्रोटेक्शन हैं। पूरी कवायद का मकसद असंगठित क्षेत्र को मुख्य धारा में लाकर उनका विकास करना है। पहले दिन इंडोनेशिया और ब्राजील के प्रतिनिधि प्रमुख रूप से रहेंगे।
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नए क्षेत्रों की तलाश जरूरी- आरती आहूजा
देश की 80 प्रतिशत जनता असंगठित सेक्टर में काम करती हैं। इंदौर की बैठक में इसी वर्ग पर बात होगी। केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्रालय की सचिव आरती आहूजा कहती हैं बैठक का मकसद है स्किल गैप दूर करना, इस वर्ग की सामाजिक सुरक्षा और सामाजिक सुरक्षा के लिए टिकाऊ वित्तीय योजनाएं या फायदे देना। बढ़ती आबादी में रोजगार के अवसर बढ़ाना, अंडर रेट और जटिल श्रम बाजार को सुधारने के साथ ही कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य, सेवाएं और सामग्री उत्पादन भारत के आधारभूत क्षेत्र हैं। अब नए क्षेत्रों की तलाश जरूरी है। श्रम कानून की बात हो या सुविधाओं की, हम काफी आगे हैं। कोविड इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। आज भारत सरकार के ई-श्रम पोर्टल पर 29 करोड़ लोग रजिस्टर्ड हैं। भारत 80 करोड़ लोगों को राशन दे रहा है। आहूजा ने माना कि आज AI से रोजगार जा रहे हैं। आज कोडिंग भी AI कर रहा है। हमें भी उसके साथ सजग रहना होगा।