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RAISEN. जिले के सांची के गांव गीदगढ़ में हाल ही में बन कर तैयार हुई गौशाला का बुरा हाल है। गौशाला में पानी की सुविधा नहीं हो ने के कारण यह शुरू नहीं हो सकी है। इसका नतीजा यह है कि क्षेत्र की गायें खुले में भटक रही हैं। इस गौशाला को बनाने में 37.85 लाख रुपए खर्च हुए थे।
मप्र सरकार ने गौवंश को सुरक्षित रखने के उद्देश्य से गौशालाएं बनवाना शुरू किया था। इसके तहत पूरे प्रदेश में गौशालाएं बनाई गई थीं। इनका उद्देश्य आवारा घूम रहे गौवंश को रखने के लिए सुरक्षित जगह देना था। लेकिन, यह योजना फेल होती नजर आ रही है। प्रदेश भर में सरकारी गौशालाओं का बुरा हाल है। कहीं चारा नहीं है, तो कहीं पानी की कमी है। कुछ जिलों में तो गौशाला को दिया जाने वाला फंड महीनों से नहीं दिया गया है।
बेकार हुआ पैसा
गीदगढ़ पंचायत में बनी गौशाला वीरान पड़ी हुई है। यह गौशाला करीब डेढ़ साल पहले बन कर तैयार हो गई थी। लेकिन तब से खाली पड़ी हुई है। इसका कारण पानी की दिक्कत होना बताया जा रहा है। इसके अलावा गौशाला में चौकादार नहीं है क्योंकि उसके लिए मासिक पगार की कोई व्यवस्था नहीं की गई है। 500 गायों को रखने की क्षमता वाली इस गौशाला में चारे की भी कोई व्यवस्था नहीं की गई है। हालत यह है कि गौशाली की जगह का इस्तेमाल असामाजिक तत्व करने लगे हैं।
तीन साल पहले शुरू हुआ था काम
क्षेत्रीय विधायक एवं प्रदेश में स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी ने 3 साल पहले इस गौशाला का भूमि पूजन किया था। गौशाला के स्वीकृत होने के समय कहा गया था कि इलाके में आवारा मवेशी नहीं घूमेंगे और किसानों की फसलें भी अब काफी हद तक उजड़ने से बच जाएंगी। यह भी कहा गया था कि भोपाल-विदिशा हाईवे पर मवेशियों से हो रहे हादसों में भी कमी आ जाएगी। मगर क्षेत्र के लोगों की उम्मीदों पर जिम्मेदारों ने पानी फेर दिया है। इस संबंध में जब गांव के सरपंच लीला किशन अहिरवार से बात की तो उन्होंने कहा कि जनपद सीईओ को पत्र लिखा है जल्द ही पानी और बिजली की व्यवस्था कर गौशाला शुरू कर दी जाएगी।