झोलाछाप डॉक्टर के गलत इंजेक्शन से युवती हुई बेहोश, अंबिकापुर के अस्पताल पहुंचाने से पहले तोड़ा दम, आरोपी डॉक्टर के खिलाफ केस दर्ज

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Vikram Jain
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झोलाछाप डॉक्टर के गलत इंजेक्शन से युवती हुई बेहोश, अंबिकापुर के अस्पताल पहुंचाने से पहले तोड़ा दम, आरोपी डॉक्टर के खिलाफ केस दर्ज

AMBIKAPUR.अंबिकापुर में एक झोलाछाप डॉक्टर के गलत इंजेक्शन से युवती की जान चली गई। मामला जशपुर जिले का है, यहां इलाज के लिए आई युवती को झोलाछाप डॉक्टर ने इंजेक्शन लगाया जिसके बाद युवती बेहोश हो गई, जिससे डॉक्टर के होश उड़ गए। इसके बाद उसने क्लीनिक में मौजुद युवती के पिता को कुछ रुपए देकर और निजी वाहन से तुरंत अंबिकापुर भेजा, लेकिन अस्पताल पहुंचाने से पहले ही रास्ते में युवती ने दम तोड़ दिया। इसके बाद भी परिजन उसे मिशन अस्पताल लेकर पहुंचे। यहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। मामले में परिजन की शिकायत पर पुलिस ने पंचनामा कर डॉक्टर के खिलाफ केस किया है। 



क्या है मामला 



जशपुर जिले के बगीचा थाना क्षेत्र के ग्राम सुलेसा निवासी ललित यादव ने पुलिस से शिकायत करते हुए बताया कि उसकी 18 साल की बेटी पूर्णिमा को पिछले कुछ दिनों से कमजोरी और चक्कर आने की शिकायत थी, इस बीच वह बुधवार को इलाज के लिए बेटी को बगीचा के एक निजी डॉक्टर के क्लिनिक में ले गया था और बेटी को कमजोरी आने की जानकारी देते हुए सिरप देने की मांग की, जिसके बाद डॉक्टर ने यह कहा कि सिरप से इंजेक्शन लगाना बेहतर होगा, इंजेक्शन लगाते ही ताकत आ जाएगी, ऐसा कहते हुए डॉक्टर ने पूर्णिमा को इंजेक्शन लगा दिया, जैसे ही इंजेक्शन लगा तो उसे चक्कर आने लगा और वह अचेत हो गई।



बेटी के बेहाश होते ही डॉक्टर ने 5 हजार देकर भेजा अंबिकापुर



पिता ललित यादव ने आगे बताया कि गलत इंजेक्शन लगाते ही पूर्णिमा के अचेत हो जाने पर डॉक्टर ने तुरंत 5 हजार रुपए उन्हें थमा दिए और यह कहा गया कि ये जशपुर के बजाए बेटी को सीधे अंबिकापुर ले जाओ, जिससे वे बगैर देरी किए बेटी को लेकर अंबिकापुर शहर के एक निजी अस्पताल में लेकर पहुंचे। जहां स्वास्थ्य परीक्षण करने के बाद डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। मामले में परिजनों ने आरोपी डॉक्टर के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।



गांवों में झोलाछाप डॉक्टरों की भरमार 



बता दे कि सरगुजा सहित संभाग के ग्रामीण क्षेत्रों में झोलाछाप डॉक्टर तेज से बढ़ रहे हैं। बताया जा रहा है कि किसी प्रकार इंजेक्शन लगाना सीखने के बाद दसवीं फेल युवक भी खुद को डॉक्टर बता रहे हैं और गांवों में अवैध क्लिनिक खोल रहे हैं। ऐसे नौसिखिए अवैध डॉक्टर मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। इनसे इलाज करवाने के चक्कर में मरीज के परिजनों को आर्थिक नुकसान हो रहा हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में झोलाछाप डॉक्टर्स के बढ़ते जाल को लेकर शिकायतों के बाद स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन की टीम के साथ दबिश दी थी। इसके बाद प्रशासन ने फर्जी डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई की थी, लेकिन नियमित कार्रवाई नहीं होने के चलते फर्जी डॉक्टरों के हौसले बुलंद हैं। 




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CMHO बोले- गलत इलाज के मामले में होगी जांच



मुख्य चिकित्सा व स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. पीएस सिसोदिया ने बताया कि यदि कोई नर्सिंग होम एक्ट का उल्लंघन करते हुए अवैध प्रैक्टिस करता है और इस तरह की शिकायत विभाग तक पहुंचती है तो निश्चित और पर जांच और कार्रवाई होती है। उन्होंने बताया कि पहले में भी इस तरह की कार्रवाई हो चुकी है, यदि बगीचा क्षेत्र में गलत इलाज से किसी की मौत हुई है और अवैध क्लिनिक से जुड़ा मामला है तो विभाग स्तर पर इसकी भी जांच कराई जाएगी।


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