'पति को जमानत दीजिए, मुझे बच्चा पैदा करना है', जबलपुर हाईकोर्ट में महिला ने लगाई याचिका, सुनवाई आज

author-image
BP Shrivastava
एडिट
New Update
'पति को जमानत दीजिए, मुझे बच्चा पैदा करना है', जबलपुर हाईकोर्ट में महिला ने लगाई याचिका, सुनवाई आज

JABALPUR. एक महिला ने जबलपुर हाईकोर्ट में पति को जमानत पर जेल से रिहा करने की याचिका दायर की है। उसकी याचिका पर सोमवार को सुनवाई होना है। खंडवा की इस महिला का पति इंदौर जेल में बंद है। महिला ने याचिका में राजस्थान हाईकोर्ट के एक आदेश को संलग्न किया है। जिसमें महिला ने दावा किया है कि संतान पैदा करना उसका मौलिक अधिकार है।

पिछली सुनवाई में क्या हुआ था

पिछले महीने यानी नवंबर में महिला की याचिका पर जस्टिस विवेक अग्रवाल ने सुनवाई की थी और जबलपुर मेडिकल कॉलेज के डीन को 5 डॉक्टर्स की टीम गठित करने के आदेश दिए थे। साथ ही कहा था कि मेडिकल टीम ये पता लगाए कि महिला गर्भधारण के लिए फिट है या नहीं। अगली सुनवाई की तारीख 18 दिसंबर तय की थी। डॉक्टर्स की टीम ने रिपोर्ट कोर्ट में पेश कर दी है। 

महिला ने मौलिक अधिकारों का हवाला दे कर की थी अपील

खंडवा की रहने वाली महिला ने हाईकोर्ट में दायर याचिका में कहा है कि एक आपराधिक केस में दोषी पाए जाने पर पति को कारावास की सजा मिली है। मौजूदा समय में पति इंदौर जेल में बंद है। महिला ने इच्छा जाहिर की थी कि वह मातृत्व सुख पाना चाहती है, जिसके लिए पति को एक महीने के लिए अस्थायी जमानत दी जाए। 

इस तरह के केस में राजस्थान हाईकोर्ट दे चुका 15 दिन की पैरोल

खंडवा की महिला ने राजस्थान हाईकोर्ट के जिस फैसले को अपनी याचिका में संलग्न किया है। उसमें एक महिला ने गर्भधारण करने के लिए अपने पति को रिहा करने की गुहार लगाई थी। जिस पर हाईकोर्ट ने जेल में बंद उसके पति को 15 दिन की पैरोल पर रिहा करने का आदेश दिया था।

राजस्थान हाईकोर्ट की डबल बेंच ने सुनाया था फैसला

राजस्थान हाईकोर्ट के जस्टिस संदीप मेहता और जस्टिस फरजंद अली की खंडपीठ ने यह फैसला सुनाया था। कोर्ट ने कहा था कि पैरोल नियम 2021 में कैदी को उसकी पत्नी से संतान पैदा करने के आधार पर पैरोल पर रिहा करने का कोई स्पष्ट प्रावधान नहीं है। सुनवाई के दौरान जस्टिस फरजंद अली ने कहा कि हिंदू दर्शन के अनुसार गर्भाधान यानी गर्भ का धन प्राप्त करना 16 संस्कारों में से एक है। कोर्ट ने कहा कि यहूदी धर्म, ईसाई धर्म और कुछ अन्य धर्मों में जन्म को ईश्वरीय आदेश कहा गया है। इस्लामी शरिया और इस्लाम में वंश का संरक्षण माना गया है।

Jabalpur High Court Jabalpur News जबलपुर हाईकोर्ट जबलपुर न्यूज Madhya Pradesh News मध्यप्रदेश न्यूज Woman asked for husband's bail for pregnancy why did woman ask for husband's bail what is fundamental right महिला ने गर्भधारण के लिए पति की जमानत मांगी महिला ने पति की जमानत क्यों मांगी क्या है मौलिक अधिकार