Advertisment

बस्तर दशहरा से पहले पूजा के साथ गोंचा महापर्व शुरू, कल से अनसर काल में रहेंगे भगवान जगन्नाथ

author-image
The Sootr CG
एडिट
New Update
बस्तर दशहरा से पहले पूजा के साथ गोंचा महापर्व शुरू, कल से अनसर काल में रहेंगे भगवान जगन्नाथ

JAGDALPUR. बस्तर गोंचा महापर्व देवस्नान चंदन जात्रा पूजा विधान आज से नगर के सिरहासार चौक स्थित जगन्नाथ मंदिर में पूजा के साथ शुरू हो गया है। जानकारी के अनुसार इंद्रावती नदी के पवित्र जल से भगवान जगन्नाथ, देवी सुभद्रा और बलभद्र के विग्रहों को चंदन व पवित्र जल से स्नान कराया गया। इसके साथ ही भगवान शालीग्राम का विधि-विधान से पूजा संपन्न हुई। 





प्रभु जगन्नाथ स्वामी जनकपुरी सिरहासार भवन में 9 दिनों तक रहेंगे





भगवान के विग्रहों को मुक्ति मंडप में स्थापित किया गया। वहीं, कल यानी 5 जून से भगवान जगन्नाथ अनसर काल में रहेंगे। इसके बाद नेत्रोत्सव पूजा विधान के साथ प्रभु जगन्नाथ के दर्शन होंगे। 20 जून गुंडिचा रथ यात्रा पूजा विधान के साथ ही प्रभु जगन्नाथ स्वामी जनकपुरी सिरहासार भवन में 9 दिनों तक रहेंगे, जहां अखंड रामायण , हेरापंचमी के साथ ही छप्पन भोग का अर्पण होगा। 





देवशयनी पूजा के बाद इस महापर्व का समापन हो जाएगा

Advertisment





वहीं जगन्नाथ मंदिर में निशुल्क सामूहिक उपनयन संस्कार संपन्न होगा। बाहुड़ा गोंचा रथयात्रा पूजा विधान के साथ प्रभु जगन्नाथ स्वामी वापस श्रीमंदिर पहुंचेंगे। देवशयनी एकादशी के साथ ही बस्तर गोंचा महापर्व संपन्न होगा। देवशयनी पूजा के बाद इस महापर्व का समापन हो जाएगा। 360 घर आरण्यक ब्राह्मण समाज का प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को इस पूजा विधान में शामिल होने के लिए निमंत्रण देने जाएगा। इसके लिए समाज के पदाधिकारी दिन तय करने में जुटे हैं। उम्मीद है कि 15 जून या इसके बाद समिति के पदाधिकारी गोंचा महापर्व में सीएम शामिल हो इसके लिए उन्हें निमंत्रण देने रायपुर जाएंगे।





यह खबर भी पढ़ें





रायपुर में एक साल में पैसे डबल करने का दिया झांसा, 70 लाख के साथ आरोपी फरार, करोड़ों रुपयों की ठगी की आशंका

Advertisment





615 साल से मना रहे हैं यह महापर्व





स्थानीय लोगों के अनुसार बस्तर जिले में पिछले 615 सालों से यह महापर्व मनाया जा रहा है। इस साल मनाया जाने वाला इस पर्व को लेकर मंदिर परिसर की सफाई सुबह की गई। इसके बाद देर शाम को मुक्ति मंडप को सजाया गया। समाज के सदस्यों ने बताया कि मंदिर के निर्माण के समय ही इस मुक्ति मंडप का निर्माण कराया गया था। सदस्यों ने बताया कि महाराजा पुरुषोत्तम देव ने पुरी से लाए गए जगन्नाथ स्वामी के विग्रहों को बस्तर में स्थापित करने के बाद जगन्नाथपुरी की तर्ज पर यहां भी गोंचा पर्व मनाया जा रहा है।



CG News सीजी न्यूज Goncha festival begins in Chhattisgarh Bastar Dussehra Lord Jagannath will stay in Ansar Kaal from tomorrow will stay in Sirhasar Bhawan for 9 days छत्तीसगढ़ में गोंचा महापर्व शुरू बस्तर दशहरा कल से अनसर काल में रहेंगे भगवान जगन्नाथ सिरहासार भवन में 9 दिनों तक रहेंगे
Advertisment