मनीष गोधा, JAIPUR. राजस्थान में चुनाव से पहले राजनीतिक दलों में शामिल होने वाले इस बार पूर्व नौकरशाह अच्छी संख्या में नजर आ रहे हैं और इनका झुकाव बीजेपी की ओर ज्यादा दिख रहा है। पार्टी में अब तक नए लोगों की ज्वाइनिंग के चार कार्यक्रम हो चुके हैं और इनमें लगभग 30 पूर्व अधिकारी, कर्मचारी पार्टी की सदस्यता ले चुके हैं और इनमें से ज्यादातर चुनाव लड़ने के लिए ही पार्टी में आए हैं। हालांकि, पार्टी और ये खुद यही कहते सुने गए हैं कि ये बिना किसी शर्त के पार्टी में शामिल हुए हैं।
सरकार में काम करते हुए विधायक मंत्री बनने की इच्छा अपने आप ही पैदा हो जाती है और जिन अधिकारियों या कर्मचारी नेताओं की जातिगत पृष्ठभूमि अच्छी होती है, वे अपनी इच्छा पूरी करने के लिए प्रयास भी कर लेते हैं। राजस्थान में पिछले चुनावों के मुकाबले इस बार राजनीति का दामन थामने वालों की संख्या ज्यादा दिख रही है।
ज्यादा संख्या बीजेपी में, कांग्रेस में दो-तीन नाम ही आए सामने
राजनीति से जुड़ने की इच्छा रखने वालों में इस बार बीजेपी के प्रति झुकाव ज्यादा दिख रहा है। इसका एक कारण यह है कि कांग्रेस की ओर से अभी तक नए लोगों को पार्टी से जोड़ने के कोई सार्वजनिक कार्यक्रम नहीं किए गए हैं। जो दो-तीन नाम दिख भी रहे हैं, वे सीधे तौर पर पार्टी से जुड़ गए हैं, उनके लिए कोई औपचारिक कार्यक्रम नहीं किया गया है। वहीं बीजेपी बकायदा कार्यक्रम कर के लोगों को पार्टी से जोड़ रही है। अधिकारियों में बीजेपी के प्रति झुकाव के बारे में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटसरा कहते हैं कि जो जुड़ना चाहता है, वह उसकी मर्जी है, लेकिन वे नेता बनने नहीं जा रहे हैं, अपनी खाल बचाने के लिए जा रहे है। उन्होंने ईडी, इनकम टेक्स, सीबीआई का डर सता रहा होगा, इसलिए बीजेपी में जा रहे हैं।