सीएम का सपना देख रहे गोपाल भार्गव बने एमपी के प्रोटेम स्पीकर, गवर्नर ने दिलाई शपथ, शीतकालीन सत्र 18 दिसंबर से

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BP Shrivastava
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सीएम का सपना देख रहे गोपाल भार्गव बने एमपी के प्रोटेम स्पीकर, गवर्नर ने दिलाई शपथ, शीतकालीन सत्र 18 दिसंबर से

BHOPAL. एमपी के सीएम पद के सपने देख रहे बीजेपी के सबसे सीनियर लीडर गोपाल भार्गव ने गुरुवार, 14 दिसंबर को प्रोटेम स्पीकर पद की शपथ ली। उन्हें सुबह 11 बजे राजभवन में गवर्नर मंगुभाई पटेल ने शपथ दिलाई। सोलहवीं विधानसभा का पहला ( शीतकालीन) सत्र 18 दिसंबर से शुरू होकर 21 दिसंबर तक चलेगा। सत्र के पहले दिन विधानसभा के स्पीकर और नवनिर्वाचित विधायकों को शपथ दिलाई जाएगी। यहां नरेंद्र सिंह तोमर स्पीकर पद की शपथ लेंगे। तोमर इस सत्र का संचालन करेंगे। इसके लिए अधिसूचना आज ही जारी की जाएगी। यहां बता दें गोपाल भार्गव रहली विधानसभा सीट से नौवीं बार विधायक बने हैं।

खुले में मांस बिक्री पर क्या कहा सीएम मोहन यादव ने

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव भी विधानसभा स्पीकर और प्रोटेम स्पीकर के शपथ ग्रहण कार्यक्रम में शामिल हुए। सीएम ने पहली कैबिनेट बैठक में बुधवार को खुले में मांस की बिक्री और तेज आवाज में बजने वाले लाउड स्पीकर को लेकर अहम फैसले किए हैं। बोरवेल में बच्चों के गिरने की घटनाओं को लेकर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सभी जिला कलेक्टरों को कहा कि ऐसी घटनाओं की पुनरावृति न हो और सभी ऐसी घटनाओं पर ध्यान दें। उन्होंने कहा,  खुले बोरवेल हैं तो  उनको अभियान चलाकर बंद करें।

सीएम ने अफसरों को संकल्प पत्र सौंपा

 मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मंत्रालय में अफसरों की बैठक ली और उन्हें बीजेपी का संकल्प पत्र सौंपा। साथ ही उन्होंने कहा कि बीजेपी का संकल्प पत्र प्रधानमंत्री मोदी जी की गारंटी है। इसे पूरा करने में हर विभाग को जुटना है। इसलिए हर विभाग संकल्प पत्र का अध्ययन करें। सीएम ने आदेश दिए कि  संकल्प पत्र पर क्रियान्वयन के लिए सभी विभाग एक सप्ताह में रोडमेप तैयार करें।

प्रोटेम स्पीकर की क्या रहती है व्यवस्था ?

प्रोटेम स्पीकर का जिक्र संविधान के अनुच्छेद 180(1) में है। इसमें प्रावधान है कि जब विधानसभा अध्यक्ष या उपाध्यक्ष का पद रिक्त हो तो कार्यालय के कर्तव्यों का पालन ऐसे विधानसभा सदस्य द्वारा किया जाना चाहिए जिसे राज्यपाल नियुक्त कर सकते हैं। आमतौर पर सदन के सबसे वरिष्ठ सदस्य को प्रोटेम स्पीकर चुना जाता है। इस मामले में वरिष्ठता सदन में सदस्यता से देखी जाती है न कि सदस्य की उम्र से तय की जाती है। संवैधानिक परंपरा के अनुसार प्रोटेम स्पीकर की नियुक्ति के लिए कोई विशिष्ट संवैधानिक या वैधानिक प्रावधान नहीं है।

उमा भारती ने कैबिनेट के फैसलों को अहम बताया

उधर, पूर्व सीएम और वरिष्ठ नेता उमा भारती ने सीएम मोहन यादव की पहली कैबिनेट बैठक में लिए गए फैसले पर खुशी जाहिर की है। उन्होंने X पोस्ट पर लिखा, 'मोहन यादव की कैबिनेट ने दो महत्वपूर्ण निर्णय किए- खुले में मांस एवं अंडे की बिक्री पर सख्ती तथा धार्मिक स्थानों पर जोर से बजते हुए लाउड स्पीकर पर रोक।

उमा ने यह भी लिखा

उमा ने लिखा, दोनों समस्याएं सामान्य जनजीवन के लिए बहुत बड़ी परेशानी थीं। उन पर नियंत्रित प्रतिबंध लगाकर नई सरकार ने अपनी मानवीय संवेदनशीलता का परिचय दिया है। नए मुख्यमंत्री एवं उनकी कैबिनेट का अभिनंदन।'

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