BIKANER. विधानसभा चुनाव के पहले राजस्थान और मध्यप्रदेश में नए जिले बनाने की कवायद जारी थी। राजस्थान में सरकार ने अनूपगढ़ जिले का गठन किया था। 53 जिले बनने के बाद से ही खाजूवाला और छत्तरगढ़ तहसील के लोग सरकार के इस फैसले का विरोध कर रहे थे। दोनों तहसील के लोग जिला बीकानेर में ही शामिल रहने की जिद पर अड़े थे। सरकार ने इन दोनों तहसीलों को जिला अनूपगढ़ में शामिल कर दिया था। लोगों के विरोध को देखते हुए सरकार ने अपना फैसला बदल दिया है, अब दोनों तहसीलें बीकानेर जिले में ही रहेंगी। राजस्व विभाग ने अनूपगढ़ और बीकानेर जिलों के नए सिरे से सीमांकन की अधिसूचना जारी कर दी है।
अनूपगढ़ में रह गईं 5 तहसीलें
इस फैसले के बाद अनूपगढ़ जिले में 4 उपखंड और 5 तहसीलें रह गई हैं, दूसरी तरफ बीकानेर में 7 उपखंड और 9 तहसीलें हो गई हैं। अनूपगढ़ में अब अनूपगढ़, रायसिंहनगर, श्रीविजयनगर और घड़साना रहेंगे, 5 तहसीलों में अनूपगढ़, रायसिंहनगर, श्रीविजयनगर, घड़साना और रावला शामिल हैं। वहीं बीकानेर की बात की जाए तो इस जिले में 7 उपखंड- बीकानेर, लूणकरणसर, नोखा, पूगल, श्रीडूंगरगढ़, कोलायत, छत्तरगढ़, खाजूवाला और 9 तहसीलें- बीकानेर, लूणकरणसर, नोखा, पूगल, श्रीडूंगरगढ़, कोलायत, छत्तरगढ़, खाजूवाला और हदा शामिल रहेंगे।
अगस्त से चल रहा था आंदोलन
दरअसल नए जिलों की अधिसूचना और सीमांकन होने के बाद से ही विरोध चल रहा था। अगस्त से ही यहां के लोग आंदोलन कर रहे थे। अनेक बार बंद का आह्वान भी किया गया। जिसके बाद सरकार के मंत्री गोविंद मेघवाल ने लोगों से मुलाकात भी की थी। जाहिर है चुनाव के वक्त लोगों का विरोध झेलना सरकार ने मुनासिब नहीं समझा।
नुकसान को देखते हुए बदला फैसला
माना जा रहा है कि छत्तरगढ़ और खाजूवाला को अनूपगढ़ में शामिल किए जाने के विरोध को देखते हुए आपदा राहत मंत्री गोविंद मेघवाल ने नुकसान का अंदाजा लगा लिया था। उन्होंने सरकार को भी इसकी जानकारी दे दी थी। विरोध कर रहे लोगों को जनसमुदाय का व्यापक समर्थन भी मिल रहा था। जिसके मद्देनजर सरकार ने अपना फैसला बदलने में भी गनीमत समझी।