इंदौर की बजरंग दल घटना से दुविधा में सरकार, सख्ती से पुलिस में फैलेगा असंतोष, बजरंग दल की मांग मानी तो अधिकारी, पुलिसकर्मी उलझेंगे

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Puneet Pandey
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इंदौर की बजरंग दल घटना से दुविधा में सरकार, सख्ती से पुलिस में फैलेगा असंतोष, बजरंग दल की मांग मानी तो अधिकारी, पुलिसकर्मी उलझेंगे

संजय गुप्ता, INDORE .इंदौर में गुरुवार रात को पलासिया चौराहे पर बजरंग दल और पुलिस के बीच हुए विवाद और फिर लाठीचार्ज की घटना के बाद एडीजी विपिन माहेशवरी द्वारा इसकी जांच की जा रही है। जानकारी के अनुसार एक-दो दिन में ही वह अपनी रिपोर्ट पूरी कर लेंगे, जिसके आधार पर शासन को कार्रवाई करना है। लेकिन मामले में सरकार दो तरफा घिर गई है, यदि बजरंग दल द्वारा दी गई मांगें मानी गईं तो पूरे पुलिस विभाग में जमकर अंसतोष फैल जाएगा। मप्र में पुलिस बल की संख्या 70 हजार से ज्यादा है। पुलिस बल में यह घटना लॉ एंड आर्डर को मेंटेन करने के लिए की गई कार्रवाई के रूप में देखा जा रहा है, ऐसे में सख्त कार्रवाई जमकर नाराजगी फैला देगी। उधर सरकार को बजरंग दल जैसे हिंदू संगठनों की नाराजगी का भी खतरा लग रहा है, कि आखिर चुनाव में इनकी नाराजगी मोल लेकर कैसे उतरेंगे। अब सीएम शिवराज सिंह चौहान को इस मुद्दे पर संघ, विहिप व अन्य संगठनों के साथ सामंजस्य बनाते हुए ही कार्रवाई करना होगी। 



डीसीपी, एसीपी, चार टीआई सहित सौ से ज्यादा पुलिस बल पर कार्रवाई की है मांग



बजरंग द्वारा दिए गए ज्ञापन में मांग है कि डीसीपी धर्मेंद्र सिंह भदौरिया, एसीपी पूर्ति तिवारी के साथ चार थानों के टीआई, ड्यूटी पर लगे पुलिस बल (करीब सौ का पुलिस बल) के खिलाफ हत्या के प्रयास व अन्य धाराओं में केस दर्ज किया जाए। क्योंकि घटना के दिन पुलिस ने 250 कार्यकर्ताओं पर बलवा व अन्य धाराओं में केस किया है।



कुछ और कार्रवाई दिखाकर मामले को सुलझाने का देखा जा रहा रास्ता



सूत्रों के अनुसार इस मामले में डीसीपी भदौरिया को घटना के बाद ही तत्काल अगले दिन ट्रांसफर कर लूपलाइन में भेज दिया गया और पलासिया टीआई संजय बैंस को भी लाइन अटैच कर दिया गया। ऐसे में अब सरकार और पुलिस विभाग के आला अधिकारियों की सोच है कि इससे ज्यादा सख्ती करना गलत संदेश देगा। इसलिए जिनकी ज्यादा गलती लग रही है, उन पर और सांकेतिक कार्रवाई कर संगठनों को समझाया जाए और मामले को ठंडा किया जाए। नहीं तो भविष्य में किसी भी संगठन द्वारा ट्रैफिक जाम या अन्य पब्लिक न्यूसेंस करने पर भी पुलिस बल लॉ एंड आर्डर मेंटेन करने के लिए सख्त कदम उठाने में हिचकेगा। इसका खामियाजा शांति व्यवस्था पर ही होगा। 



इधर डीसीपी के साथ धक्का-मुक्की के वीडियो तो उधर टीआई का ऑडियो आया



उधर बुधवार को नए आए वीडियो, ऑडियो के बाद मामला फिर गरमा गया है। घटना के दिन के कुछ सीसीटीवी फुटेज सामने आए हैं, जिसमें बजरंग दल के कार्यकर्ताओं द्वारा पुलिस बल पर पत्थर फेंके जा रहे हैं, साथ ही डीसीपी आईपीएस धर्मेंद्र सिंह भदौरिया के साथ धक्कामुक्की की गई। उधर इस फुटेज के सामने आने के बाद बजरंग दल ने भी तन्नू शर्मा और टीआई संजय सिंह बैंस की आठ मिनट की ऑडियो जारी कर दी है। जिसमें साफ है कि पुलिस को पहले ही ज्ञापन देने, थाना घेरने आने की सूचना दी गई थी।


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