संजय गुप्ता, INDORE. गुरु सिंघ सभा के चुनाव से पहले सिक्खों की राजनीति गरमा गई है। ऐसा माना जा रहा है कि चुनाव की तैयारियों के बीच मोनू भाटिया को तगड़ा झटका लग सकता है। दरअसल, रिंकू भाटिया और मोनू भाटिया गुट के बीच चल रही तकरार अब दुश्मनी में तब्दील होती नजर आ रही है। इंदौर गुरु सिंघ सभा के प्रधान रिंकू भाटिया (मनजीत सिंह भाटिया) ने हाल ही में फर्म एंड सोसाइटी असिस्टेंट रजिस्ट्रार को शिकायत की है। इसमें कहा गया है कि मोनू (हरपाल सिंह) भाटिया सुरजीत सिंह टूटेजा और अन्य के द्वारा अवैध संगठन मप्र-छग केंद्रीय गुरू सिंघ सभा के नाम से संचालित कर रहे हैं। ये संस्था किसी भी शासकीय कार्यालय या विभाग से पंजीबद्ध नहीं है।
रिंकू के मोनू भाटिया पर आरोप
रिंकू ने ये भी आरोप लगाया कि मोनू भाटिया महिलाओं को मनमाने ढंग से पद आंवटित कर रहे हैं, जिनके द्वारा किसी तरह की आर्हता पूरी नहीं हो रही है। इस तरह दुष्कृत्य किया जा रहा है और इसके खिलाफ कार्रवाई होना न्यायहित में होगा, क्योंकि कोई भी आपराधिक कृत्य इस संगठन द्वारा किया गया तो उससे प्रदेश की छवि धूमिल होने की पूरी संभावना है। साथ ही इस संस्था का नाम हमारी वैध और पंजीबद्ध संस्था गुरू सिंघ सभा के समान होने से इस नाम का उपयोग कोई और संस्था या संगठन करता हो तो ऐसा कृत्य आपराधिक प्रकृति का होकर दंडनीय अपराध की श्रेणी में आता है, जिसकी उचित जांच कराकर दोषी व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई की जाना चाहिए। सूत्रों का कहना है कि सरकार ने इस मामले में हर बिन्दुओें पर जांच कर रिपोर्ट तलब की है।
हमारी संस्था जैसा नाम का उपयोग नहीं कर सकते हैं- मोनू
रिंकू भाटिया की शिकायत में आगे कहा गया है कि उनके द्वारा इस तरह संस्था बनाकर दुष्कृत्य किया जा रहा है और इसके खिलाफ कार्रवाई होना न्यायहित में होगा, क्योंकि कोई भी आपराधिक कृत्य इस संगठन द्वारा किया गया तो उससे प्रदेश की छवि धूमिल होने की पूरी संभावना है। साथ ही इस संस्था का नाम हमारी वैध और पंजीबद्ध संस्था गुरु सिंघ सभा के समान होने से इस नाम का उपयोग कोई और संस्था या संगठन करता हो तो ऐसा कृत्य आपराधिक प्रकृति का होकर दंडनीय अपराध की श्रेणी में आता है, जिसकी उचित जांच की जाकर दोषी व्यक्तियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाना चाहिए। उल्लेखनीय है कि कुलवंत सिंह छाबड़ा उर्फ कांचा ने मप्र गुरु सिंघ के नाम से नई समिति फर्म एंड सोसायटी में 2 महीने पहले ही रजिस्टर्ड करा ली है। ऐसे में मोनू की संस्था और विधिक मामले में उलझ सकती है।
चुनाव के लिए रिंकू से हाथ मिलाने की कोशिश कर चुके हैं मोनू
मोनू भाटिया ने चुनाव के पहले रिंकू भाटिया से गठजोड़ की संभावनाएं तलाश ली हैं, लेकिन कुछ नहीं हुआ। पहले बॉबी छाबड़ा की पैनल खालसा द्वारा उन्हें सपोर्ट करने का संदेश चलवाया गया, लेकिन इसमें खालसा पैनल की ओर से खंडन आ गया कि हमने मोनू को कोई सपोर्ट नहीं दिया है। इसके बाद वह रिंकू से मिलने के लिए भी गए, लेकिन वहां से भी कोई सहयोग का आश्वासन नहीं मिला। ऐसे में मोनू अब अलग-थलग पड़ गए हैं।
अमृतसर में डेरा डाले हैं सभी दावेदार
गुरु सिंघ सभा के चुनावों को लेकर संस्था के प्रमुख लोगों ने अमृतसर में डेरा डाल रखा है। शिरोणी गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पदाधिकारियों से चर्चा कर बताना चाहते हैं कि इंदौर के सिक्खों में कोई विवाद नहीं है। दरअसल, गुरसिंघ सभा में चुनाव को लेकर हो रही खींचतान को लेकर शिरोमणी कमेटी के पदाधिकारी खासे नाराज हैं, यही वजह है कि गुरसिंघ सभा के चुनाव की तारीख 2 बार टाली जा चुकी है।