BHOPAL. भोपाल में सामूहिक आत्महत्या का मामला सामने आया है। रातीबड़ थाना क्षेत्र के नीलबड़ इलाके में एक युवक ने अपनी पत्नी और दो बच्चों सहित आत्महत्या कर ली। शुरुआती तफ्तीश में मामला कर्ज से परेशान होकर आत्महत्या करने का बताया जा रहा है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
शुरुआती जानकारी के अनुसार मृतक का नाम भूपेंद्र विश्वकर्मा (उम्र 35 वर्ष), पत्नी रितु विश्वकर्मा (उम्र 30 वर्ष), 8 साल का बेटा और 10 साल की बेटी बताया जा रहा है। बताया जा रहा है कि पति- पत्नी ने पहले बच्चों को जहर दिया ( कीटनाशक पिलाने की आशंका) फिर खुद फांसी लगाई। भूपेंद्र एलआईसी एजेंट था। कर्ज की वजह से परिवार ने आत्मघाती कदम उठाया। पुलिस ने सुसाइड नोट भी बरामद किया है, जिसमें कर्ज से परेशान होने का खुलासा हुआ है। साथ ही भूपेंद्र ने अपने परिवार से काफी मांगते हुए कर्ज देने वालों से गुहार लगाई है कि परिवार को परेशान न करें। परिवार ने 4 पेज का सुसाइड नोट छोड़ा है जिसमें लिखा है कि मेरे परिवार को माफ कर दें मैं मजबूर हूं। शायद हमारे जाने के बाद सब अच्छा हो जाएगा । कर्ज देने वालों के लिए भूपेंद्र ने लिखा कि मेरे जाने के बाद परिवार को या किसी करीबी को परेशान न किया जाए। मैं अपने मैं अपने पापा मम्मी बाबूजी बाबूजी अम्मा जी तीनो बहने बड़े भैया और दोनों साली से माफी मांगता हूं..हमे माफ कर दें। हमारा साथ यहीं तक था। हमारी आखिरी इच्छा है कि सामूहिक दाह संस्कार किया जाए, ताकि हम साथ रह सकें और पोस्टमार्टम न किया जाए।
ये लिखा सुसाइडनोट में…
समझ में नहीं आ रहा क्या करें और क्या न करें, नहीं पता हमारे इतनी सी छोटी सी प्यारी सी फैमिली को किसकी नजर लग गई है। हमारे परिवार के लोगों से हम सबसे हाथ जोड़कर माफी मांगना चाहते हैं। हमसे जुड़े सभी लोग मेरे कारण काफी ज्यादा परेशान हो गए। मेरी एक गलती की वजह से…
हम अपने परिवार के साथ खुशी-खुशी जी रहे थे, लेकिन अप्रैल में मुझे मेरे फोन पर एक ऑनलाइन काम से वॉट्सऐप पर मैसेज आया। फिर टेलीग्राम पर पुन: ऑफर आया। थोड़े से पैसे एक्स्ट्रा के चलते में और जरूरत के लिए एक्स्ट्रा वर्क करने के लिए एग्री हो गया। जिसके लिए ज्यादा समय भी नहीं देना था, तो मैंने शुरू कर दिया। जिसमें मुझे शुरू में थोड़ा फायदा तो हुआ, पर धीरे-धीरे एक दलदल में धंसने लगा और थोड़ा सा भी समय मिलता तो मैं उस काम को करने लगता था, लेकिन काम का लोड इतना ज्यादा हुआ कि मैं अपने काम के साथ इस काम में लगे पैसों का हिसाब नहीं बना पाया। इन पैसों का उपयोग भी घर पर नहीं कर पाया था। उसके पहले ही मुझ पर काम का दबाव ज्यादा आने लगा। जब मेरे पास पूरे पैसे खत्म हो गए तो कंपनी वालों ने लोन और एग्रीमेंट का कहने लगे। मैंने मना किया, क्योंकि मेरा सिबिल खराब था। कंपनी वालों के कहने पर ट्राय किया तो तुरंत लोन मिलता चला गया जो कि कंपनी में पानी की तरह लगाता रहा।
इस काम को शुरू करने के पहले मैंने वेबसाइट चेक करी थी जो कि ई-कॉमर्स बेस्ड कंपनी है। एस पर टीआरपी के लिए काम करवाती है। www.csyonllem.com जो कि 2022 आफ्टर कोविड स्टार्ट कर दिया था, जो कि कोलंबिया की थी, इसके चलते मैंने शुरू कर परंतु पता नहीं था कि इस मोड़ पर आकर खड़े हो जाएंगे कि हमारे पास कोई रास्ता नजर नहीं आएगा।
ऑनलाइन जॉब का शिकार होने के बाद मुझे लगा अब थोड़ा सा और, इसके बाद पैसे मिलते ही मैं सब का लोन क्लियर कर ये सब छोड़ दूंगा। लेकिन, मैं समझ नहीं पाया कि इतना सब कुछ हो जाएगा। मुझ पर ऑनलाइन जॉब वालों ने लोन का कर्ज इतना कर दिया कि मैं खुद भी हैरान होता चला गया। मैं समझ गया कि मेरे साथ फ्रॉड हुआ है।
इसकी समस्त जानकारी देने साइबर क्राइम ऑफिस गया, पर वहां पर अधिकारी न होने के कारण और अवकाश के चलते टल गया। आज नौकरी भी जाने की नौबत आ गई है। मुझे अपना भविष्य और मेरे परिवार का भविष्य नहीं दिखाई दे रहा। मैं अब किसी को मुंह दिखाने लायक नहीं हूं। मैं अपने परिवार से कैसे नजर मिला पाऊंगा। मैं बस यही कहता हूं कि अपनी अम्मा जी, बाबूजी, पापा जी, मम्मी जी, भईया-भाभी, मेरी प्यारी बहनों, मेरी प्यारी सी बेटी, मैं तुम सबके सामने कैसे आऊं, नजर कैसे मिलाऊं, सबसे ज्यादा अब इस बात का डर है। कहीं भविष्य में मेरी बेटी की शादी में कोई परेशानी न आए, इसलिए मैं और वाइफ विद स्मॉल फैमिली, रिशु, किशु किसी को तकलीफ में नहीं छोड़ सकता। इसीलिए उन्हें भी मैं अपने साथ ले जा रहा हूं। सबसे पुन: माफी मांगता हूं।
सुबह 4 बजे भतीजी को वाट्सएप पर भेजा सुसाइड नोट
भूपेंद्र विश्वकर्मा ने गुरुवार तड़के 4 बजे अपनी भतीजी रिंकी विश्वकर्मा को वॉट्सएप पर सुसाइड नोट भेजा था। साथ ही पत्नी और दोनों बच्चों के साथ सेल्फी खींचकर भी भेजी। इस फोटो का कैप्शन लिखा- यह मेरी आखिरी फोटो है। आज के बाद हम कभी नहीं दिखेंगे। इन फोटो और सुसाइड नोट को रिंकी ने सुबह 6 बजे देखा और परिजनों को सूचना दी। रिंकी, मंडीदीप स्थित एक धागा फैक्टरी में काम करती है।