संजय गुप्ता, INDORE. मप्र लोक सेवा आयोग (पीएससी) की राज्य सेवा परीक्षा मेंस 2022 अगले सप्ताह आठ जनवरी से शुरू हो रही है। इस परीक्षा की तारीख अभी तक तीन बार तय हो चुकी है, पहले यह अक्टूबर में हो रही थी फिर दिसंबर में किया गया और उम्मीदवारों की मांग के बाद इसे अब आठ जनवरी से रिशेड्यूल किया गया है। वहीं इस परीक्षा के पहले ग्वालियर सेंटर से परीक्षा देने वाले उम्मीदवारो की ओर से आयोग को ठंड को लेकर मांग पहुंची है।
यह उम्मीदवारों की मांग
उम्मीदवारों ने कहा कि ग्वालियर परीक्षा सेंटर ही मप्र में इकलौता केंद्र है, जहां सबसे ज्यादा ठंड होती है। ऐसे में यहां लिखते समय काफी परेशानी होती है, जिसका नुकसान हमे परीक्षा में हो सकता है। परीक्षा नियमों के चलते मोजे, टोपी तक पहनने नहीं दिया जाता है। हमारी मांग है कि अत्यधिक ठंड को देखते हुए हमे जांच के बाद परीक्षा हॉल में मोजे और टोपी पहनने दिया जाए, जिससे ठंड से बचाव हो सके।
ग्वालियर में अधिकतम 19, न्यूनतम 8 डिग्री तापमान
अगले दस दिनों की मौसम की जानकारी देखें तो ग्वालियर में अधिकतम तापमान 19 डिग्री के करीब ही रहेगा और न्यूनतम 8 डिग्री के पास जाएगा। बीच में बारिश के भी आसार है। वहीं इंदौर जैसे सेंटर की बात करें तो यहां अधिकतम तापमान 25 डिग्री के आसपास रहेगा। इसलिए उम्मीदवार इस तरह की मांग कर रहे हैं।
आयोग ने रखी बात, पीएससी ने यह दिया जवाब
आयोग के सामने द सूत्र ने पीएससी के उम्मीदवारों की यह मांग भी रखी है। इसपर आयोग के ओएसडी डॉ. रविंद्र पंचभाई ने कहा कि इस संबंध में स्थानीय प्रशासन ही फैसला लेता है, लेकिन हम अपने स्तर से यह सूचित कर देंगे कि सघन जांच के बाद उम्मीदवारों को मोजे, टोपी जैसे ठंड से बचाव वाले वस्त्र पहनने दिया जाएं, जिससे उन्हें कोई परेशानी नहीं हो, लेकिन सघन जांच तो होगी, क्योंकि परीक्षा की गोपनीयता सबसे अहम है।
सीएम की नगरी उज्जैन में भी बनाया जाए मेंस का सेंटर
आयोग द्वारा राज्य सेवा परीक्षा प्री तो सभी जिलों में सेंटर बनाकर कराई जाती है, लेकिन मेंस परीक्षा के लिए केवल प्रदेश के दस शहरों को ही सेंटर बनाया जाता है। यह इंदौर, भोपाल, जबलपुर, सागर, सतना, ग्वालियर, छिंदवाड़ा, रतलाम, शहड़ोल और बड़वानी है। इसमें हाल के क्षेत्र में प्रदेश का पांचवा सबसे बड़ा शहर बनकर उभरे उज्जैन का नाम नहीं है। अब तो सीएम डॉ. मोहन यादव भी यहीं के हैं। वहीं उज्जैन के उम्मीदवारों का कहना है कि यहां सेंटर होने से आसपास के कई जिलों के उम्मीदवारों को बड़वानी या इंदौर जाने की जरूरत नहीं होगी और यह सेंटर कई जिलों को कवर कर लेगा, दूसरी बात उज्जैन से कनेक्टिविटी की समस्या नहीं है और ना ही यह इतना महंगा है कि उम्मीदवारों को यहां रहकर परीक्षा देने में समस्या आए। इन सभी कारणों को देखते हुए आने वाले दिनों में इसे मेंस का सेंटर बनाया जाना चाहिए। वहीं यदि मेंस के सेंटर को देखें तो यह मांग वाजिब भी लगती है। वहीं सीएम डॉ. यादव भी अब उज्जैन में एमपीआईडीसी का रीजनल कार्यालय खोलने और अन्य विकास करने पर भी फोकस कर रहे हैं। ऐसे में मेंस का सेंटर करने से सभी को राहत मिलेगी।