GWALIOR. जिले में धार्मिक, सामाजिक और राजनैतिक आयोजनों के दौरान बिना पूर्व अनुमति के सार्वजनिक जगहों पर सभा, रैली, जुलूस, धरना और प्रदर्शन पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगा दिया गया है। साथ ही लाइसेंस वाले हथियार तलवार, बरछी, फरसा, लाठी आदि मोथरे और धारदार हथयारों का प्रदर्शन भी प्रतिबंधित कर दिया गया है। ग्वालियर कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी अक्षय कुमार सिंह ने जिले में विभिन्न प्रकार के आयोजनों को देखते हुए जिले की कानून व्यवस्था बनाए रखने के उद्देश्य से लोकहित में धारा-144 लागू किया है। इस प्रतिबंधात्मक आदेश का उल्लंघन भारतीय दण्ड विधान की धारा-188 और अन्य दण्डात्मक प्रावधानों के अंतर्गत दण्डनीय होगा। यह आदेश अगले 2 माह की अवधि तक प्रभावशील रहेगा। यह आदेश हरियाणा के नूह-मेवात में फैले तनाव को देखते हुए लिया गया है।
सभा, रैली और जुलूस के लिए लेनी होगी अनुमति
DM अक्षय कुमार सिंह ने आदेश में कहा गया है कि ग्वालियर जिले में धार्मिक, सामाजिक एवं राजनैतिक आयोजनों के दौरान बिना पूर्व अनुमति के सार्वजनिक जगहों पर सभा, रैली, जुलूस, मौन जुलूस, धरना-प्रदर्शन आदि पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगा दिया गया है। इसके साथ ही लायसेंसी हथियारों के साथ-साथ तलवार, बरछी, फरसा, लाठी, भाला इत्यादि मोथरे और धारदार हथयारों का प्रदर्शन भी प्रतिबंधित कर दिया गया है।
भड़काऊ पोस्टर-बैनर पर रहेगी नजर, सोशल मीडिया भी दायरे में
इस आदेश के माध्यम से जिले की सीमा के अंतर्गत निजी एवं सार्वजनिक स्थलों पर किसी भी धर्म, व्यक्ति संप्रदाय, जाति व समुदाय के खिलाफ भड़काऊ भाषा का इस्तेमाल करना प्रतिबंधित है। इसके साथ ही किसी भी प्रकार के नारे, कटआउट, बैनर, पोस्टर, फ्लैक्स, होर्डिंग व झंडे आदि लगाने पर भी प्रतिबंध लगा दिया है। किसी भी भवन व सम्पत्ति पर भी आपत्तिजनक भाषा या भड़काऊ नारे लिखा जाना प्रतिबंधित रहेगा। साथ ही सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक, वॉट्सएप, इंस्टाग्राम और ट्विटर पर किसी भी वर्ग, धर्म एवं संप्रदाय विशेष संबंधी भड़काऊ पोस्ट अपलोड करने एवं फॉरवर्ड करने पर भी प्रतिबंध लगाया गया है।
पारिवारिक कार्यक्रमों में अनुमति लेना जरूरी नहीं
इस प्रतिबंधात्मक आदेश में स्पष्ट है कि शासन-प्रशासन द्वारा आयोजित कार्यक्रमों के साथ पारिवारिक कार्यक्रम जैसे शादी, बारात के मामले में पूर्व से अनुमति लेने की जरूरत नहीं रहेगी। लेकिन ऐसे कार्यक्रमों में भी अन्य प्रतिबंध लागू रहेंगे। विशेष परिस्थितियों में जिला प्रशासन इस संबंध में छूट दे सकती है।