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Gwalior. पटवारी भर्ती परीक्षा में हुई धांधली में एक और खुलासा हुआ है, ग्वालियर पुलिस को भर्ती परीक्षा में धांधली का इनपुट मिला था, 4 लोग पकड़े भी गए थे, लेकिन उन्हें छोटा अपराधी मानकर छोड़ दिया गया। दरअसल एक अभ्यर्थी ने पुलिस को शिकायत दी थी कि पटवारी भर्ती में सिलेक्शन कराने के नाम पर 10-12 लाख रुपए वसूले जा रहे हैं। छात्र की शिकायत पर पहले 2 और संदिग्ध टॉपर्स की परीक्षा के बाद में 4 लोगों को अरेस्ट भी किया गया था।
आधार से छेड़छाड़ कर सॉल्वर बैठाने की थी प्लानिंग
दरअसल पुलिस ने जब दो लोगों को पकड़कर पूछताछ की तो सामने आया कि लाखों रुपए लेकर यह गिरोह अभ्यर्थी के आधार से छेड़छाड़ कर देते थे। आधार में फर्जी थंब इंप्रेशन अपडेट कराया जाता था। फिर असली अभ्यर्थी की जगह सॉल्वर को एग्जाम में बैठाने की योजना थी।
पुलिस बोली आरोपी फर्स्ट टाइमर थे
इस मामले में पुलिस का गैरजिम्मेदाराना रवैया भी सामने आया है। ग्वालियर एडीशनल एसपी कहते हैं कि धांधली को लेकर एक छात्रा शिकायत लेकर आया था। लाखों रुपए ऐंठकर सिलेक्शन कराने का दावा आरोपी कर रहे थे। तत्काल 2 लोगों को गिरफ्तार किया गया। पूछताछ के बाद 2 और आरोपियों की गिरफ्तारी की गई। चारों महज झांसा देकर रकम ऐंठ रहे थे। कोई बड़े नेक्सस की बात सामने नहीं आई थी। लड़के फर्स्ट टाइमर थे, एफआईआर हो चुकी है और परीक्षा होने तक सभी पुलिस गिरफ्त में थे, बाद में उन्हें जमानत मिल गई।
जब इनपुट था तो गंभीरता क्यों नहीं दिखाई
आरोपियों को जमानत मिल जाने के बाद सवाल उठ रहे हैं कि जब पुलिस को धांधली की साजिश का इनपुट मिल चुका था तो पूरे प्रदेश में भर्ती परीक्षा को लेकर पुलिस सक्रिय क्यों नहीं हुई। परीक्षा केंद्रों को अलर्ट भी क्यों नहीं किया गया।
आधार भी नहीं फुलप्रूफ
दरअसल धांधली करने वाले पहले ऐसे अभ्यर्थियों को तलाशते हैं जो पैसा देकर सिलेक्शन की चाह रखते हैं। इसके बाद उनके आधार और जरूरी दस्तावेजों से छेड़छाड़ की जाती है। गिरोह तेज दिमाग वाले सॉल्वर की तलाश करते हैं। उसे भी अच्छी रकम का लालच दिया जाता है। इसके बाद सॉल्वर को एग्जाम सेंटर तक एंट्री दिलाने पूरी सांठगांठ की जाती है।