राजस्थान में नए जिलों के लगभग आधे वोटरों में नहीं दिखा उत्साह, 50 में से 23 सीटों पर कम हुआ मतदान

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Pratibha Rana
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राजस्थान में नए जिलों के लगभग आधे वोटरों में नहीं दिखा उत्साह, 50 में से 23 सीटों पर कम हुआ मतदान

मनीष गोधा, JAIPUR. राजस्थान में गठित नए 17 जिलों की 50 सीटों पर मतदाताओं में नए जिलों के गठन को लेकर मिलाजुला रिस्पॉन्स सामने आया है। इन जिलों की 50 में से 23 यानी लगभग आधी सीटों पर मतदान प्रतिशत में कमी आई है। इनमें कई सीटें तो जिला मुख्यालयों की भी हैं। कांग्रेस पार्टी नए जिलों के गठन की घोषणा को गेम चेंजर मान कर चल रही थी, लेकिन इतनी सीटों पर वोटिंग प्रतिशत में कमी पार्टी की उम्मीदों पर पानी फेर सकती है।

नए जिलों के लगभग आधे वोटरों में नहीं दिखा उत्साह

राजस्थान में इस बार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बजट पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए राजस्थान में 19 नए जिलों के गठन की घोषणा की थी। इनमें से जयपुर और जोधपुर के बंटवारे से बनने वाले जिले बाद में खत्म कर दिए और 17 नए जिलों का नोटिफिकेशन जारी किया। इन जिलों के गठन को राजनीतिक दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण माना जा रहा था, क्योंकि एक तो राजस्थान के गठन के बाद पहली बार एक साथ इतनी संख्या में नए जिले बने थे और दूसरा इन जिलों से 50 सीटें प्रभावित हो रही थी। यानी राजस्थान की 200 में से एक चैथाई सीटों पर इसका प्रभाव सीधे तौर पर पड़ने जा रहा था। ऐसे में उम्मीद यही थी कि कम से कम इन सीटों पर लोग नए जिले बनने की खुशी में अच्छा मतदान करेंगे, लेकिन मतदान प्रतिशत के आंकडे कांग्रेस के लिए बहुत उम्मीद वाली कहानी बयान नहीं कर रहे हैं। कोटपूतली, फलौदी, नीमकाथाना तो जिला मुख्यालय बनाए गए हैं, लेकिन यहां भी वोटिंग प्रतिशत कम है।

जिलों के गठन के समय हुए थे कई विवाद

दरअसल जिलों के गठन के समय कई तरह के विवाद भी सामने आए थे। कई तहसीलें नए जिलों में शामिल नहीं होना चाहती थी, जैसे जैतारण को पाली जिले से अलग करने का विरोध हुआ था। जयपुर और जोधपुर शहर का बंटवारा तो यहां उठे विरोध के कारण ही रोका गया। अनूपगढ़ जिले में शामिल की गई खाजूवाला तहसील को वापस बीकानेर जिले में डालना पड़ा। डीडवाना-कुचामन जिले में शामिल डीडवाना को अलग जिला बनाने की घोषणा करनी पड़ी। हालांकि यह घोषणा आचार संहिता से दो दिन पहले ही की गई और इसका नोटिफिकेशन जारी नहीं हुआ। माना जा रहा है कि इन विवादों का असर वोटिंग प्रतिशत पर पड़ा हो सकता है। जानकारों का मानना है कि जिले की घोषणा, ऐसा मामला है जो उस तहसील मुख्यालय को तो खुश कर देता है, लेकिन जिन तहसीलों को इसमें शामिल किया गया है, उनके वोटर नाराज हो जाते हैं और यहां भी यही होता दिखा है। बहरहाल अब चुनाव नतीजे बताएंगे कि आखिर नए जिलों के गठन का फैसला कांग्रेस को कितनी सीटों पर जीत दिलाएगा।

कोटपूतली

कोटपूतली - (-) 0.16

बहरोड - (-) 0.44

बानसूर - (-) 4.11

जयपुर ग्रामीण

चैमूं - (-) 0.24

चाकसू - (-) 1.46

जमवारामगढ - (-)1.75

बस्सी - (-) 2.07

डीडवाना- कुचामन

मकराना - (-) 2.09

नीमकाथाना

नीमकाथाना - (-) 0.32

उदयपुरवाटी- (-) 0.11

श्रीमाधोपुर - (-) 2.65

ब्यावर

जैतारण - (-) 1.10

बालोतरा

सिवाना - (-) 1.12

फलौदी

फलौदी - (-) 7.15

लोहावट - (-) 1.51

जोधपुर ग्रामीण

बिलाडा - (-) 2.28

भोपालगढ- (-) 2.39

लूणी - (-) 3.01

शेरगढ - (-) 3.89

अनूपगढ

अनूपगढ - (-)3.03

रायसिंहनगर - (-) 2.64

डीग

कमां - (-) 3.62

गंगापुरसिटी

टोडाभीम - (-) 0.76

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