याज्ञवल्क्य, Raipur. शराब घोटाला मामले में ईडी के द्वारा गिरफ़्तार और न्यायिक हिरासत में केंद्रीय जेल में मौजूद अनवर ढेबर की जमानत याचिका पर सुनवाई पूरी हो गई है। कल अनवर ढेबर की ओर से जमानत के पक्ष में तर्क रखे गए थे, जबकि आज ईडी की ओर से जमानत के विरोध में तर्क दिए गए। आदेश रिजर्व है और कल यह पता चलेगा कि, अनवर को बेल मिली या जेल उनका हाल मुकाम बना रहेगा।
क्या थे बचाव पक्ष के तर्क
बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता मतीन सिद्दीकी और प्रफुल्ल भारत ने तर्क पेश किए थे। अधिवक्ताओं ने ईडी की कार्रवाई को विधिक रुप से चुनौती देते हुए कोर्ट से कहा कि, ना तो एफआइआर है और ना ही कोई कंपलेंट केस है। तीस हजारी कोर्ट ने केवल तीन के खिलाफ संज्ञान लिया है, उसमें अनवर ढेबर का नाम नहीं है। अधिवक्ताओं ने तर्क दिया कि, यह मामला ही नहीं चल सकता जिस मामले में ईडी ने गिरफ़्तार किया है। धारा 120 बी के साथ सपोर्टिव धारा नहीं है, केवल 120 बी पर अभियोग नहीं चल सकता। अधिवक्ताओं ने वैलिंगटन कोर्ट होटल की जप्ती पर भी आपत्ति की और तर्क दिए।
क्या कहा ईडी ने
ईडी की ओर से विशेष लोक अभियोजक डॉ सौरभ पांडेय उपस्थित हुए और उन्होंने विशेष न्यायाधीश अजय सिंह राजपूत की कोर्ट में तर्कों के जवाब के साथ जमानत याचिका का विरोध किया। ईडी के विशेष लोक अभियोजक डॉ सौरभ पांडेय ने कोर्ट से कहा कि, ईडी की कार्रवाई पूरी तरह विधि सम्मत और विधिक अधिकारिता के साथ की गई है। तीस हजारी कोर्ट में दायर परिवाद पर दिए निर्णय पर सेशन कोर्ट ने स्टे दिया है। इसका अर्थ यह है कि परिवाद अभी लंबित है। ईडी के विशेष लोक अभियोजक डॉ सौरभ पांडेय ने 120 बी को लेकर तर्क दिया कि, मनी लॉंड्रिंग स्पेशल एक्ट है। मनी लॉंड्रिंग एक्ट की धारा 4 के तहत कार्रवाई हुई है और इसमें धारा 120 बी शामिल है।
ऑर्डर रिजर्व कल सार्वजनिक होगा फैसला
अनवर ढेबर की ओर से पेश जमानत याचिका पर दो दिन तक बहस चली है। कोर्ट ने फैसला सुरक्षित किया है। देर शाम अथवा कल इसे सार्वजनिक किया जा सकता है।