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BILASPUR. धमतरी में बगैर मुआवजा दिए हो रहे सड़क निर्माण कार्य पर बिलासपुर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी हैं। कोर्ट से रोक लगाए जाने के बाद याचिकाकर्ता को राहत मिली है। जानकारी के अनुसार धमतरी में निजी जमीन का मुआवजा दिए बिना सड़क बनाने की कोशिश करने के मामले में सोमवार (3 जुलाई) को हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता की मांग पर स्टे दे दिया है। इसके साथ ही निगम को मामले पर अगले आदेश तक यथास्थिति बरकरार रखने का निर्देश दिया है, यानी जो सड़क जबरन बनाई जा रही थी, उस पर रोक लगा दी गई है। इसके अलावा कोर्ट ने नगर निगम के अधिकारियों और महापौर को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। नजूल राजस्व अधिकारी से सीमांकन कराने का भी आदेश जारी किया गया है।
अगले आदेश तक यथास्थिति बरकरार रखने का निर्देश
छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने पूरे मामले में अपना अंतरिम आदेश जारी किया है। कोर्ट ने जारी आदेश में कहा है कि आवेदन करने वाले की निजी जमीन पर नगर निगम द्वारा यथास्थिति बनाया जाए। इसके साथ ही हाईकोर्ट ने अंतिम फैसला करते हुए सीमांकन कराने का भी आदेश दिया है। सीमांकन नजूल एवं राजस्व अधिकारी की ओर से किया जाएगा। सीमांकन के समय नगर निगम के अधिकारी मौके पर मौजूद रहेंगे। इसके साथ ही कोर्ट ने निगम के अधिकारियों और महापौर को नोटिस जारी कर जवाब देने के लिए निर्देशित किया है।
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क्या है पूरा मामला
दरअसल, धमतरी की कुमारी उरमाल मुंजवानी की जमीन सुभाष नगर कांटा तालाब के पास है। धमतरी नगर निगम ने इस निजी भूमि पर अवैध और गैरकानूनी रूप से कब्जा कर ट्रैक्टर और जेसीबी का इस्तेमाल करते हुए सड़क निर्माण करना शुरू किया। इस मामले की जानकारी लगते ही उरमाल मुंजवानी ने निगम को रोकने का प्रयास किया, लेकिन निगम नहीं माना। सड़क का निर्माण कार्य नहीं रूकने पर उरमाल मुंजवानी ने हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की जिस पर सोमवार को सुनवाई हुई और कोर्ट ने सड़क बनाने पर रोक लगा दी है।