संजय गुप्ता, INDORE. इंदौर में कालिंदी गोल्ड, सेटेलाइट हिल और फिनिक्स कॉलोनी के 255 पीड़ितों को लेकर हाईकोर्ट द्वारा गठित हाईकोर्ट के रिटायर जज की अध्यक्षता वाली कमेटी में 12 जून को फिर से सुनवाई हुई। कालिंदी गोल्ड के पीडितों को लेकर यह सुनवाई की गई। इसमें तय हुआ कि जिन्हें प्लॉट नहीं मिल रहे हैं, उन्हें भूमाफियाओं द्वारा 6.6 फीसदी की ब्याज दर से राशि लौटाई जाएगी। हालांकि यह उन पीड़ितों के लिए एक झटका ही है, क्योंकि दस-15 सालों से उनकी राशि अटकी हुई है और इस दौरान जमीन के भाव पांच गुना तक पहुंच गए है, जो प्लाट उस समय पांच लाख रुपए में (एक हजार वर्गफीट) बुक हुआ था, वह अब 25 लाख के करीब हो चुके हैं। वहीं इस ब्याज दर से यह राशि दस साल में पांच लाख की जगह करीब साढ़े आठ लाख रुपए के करीब ही होती है। उपभोक्ता फोरम भी सामान्य तौर पर नौ फीसदी की ब्याज दर मान्य करता है। ऐसे में पीडितों को यह ब्याज दर कम लग रही है। सुनवाई दौरान चिराग शाह, हैप्पी धवन, निकुल कपासी, महावीर जैन मौजूद थे, लेकिन भगोड़ा नीलेश अजमेरा व अन्य कोई नहीं आया। हालांकि उनकी ओर से वकील मौजूद थे।
जो राशि नहीं लेगा उनका हाईकोर्ट ही करेगा फैसला
उधर यह बात भी पीड़ितों ने कहा कि हमने ब्याज पर राशि नहीं दी थी बल्कि प्लाट के लिए दी थी, हमे प्लाट ही चाहिए। ऐसे मामलो में जहां पीडित ब्याज दर नहीं लेना चाहते हैं, उसके लिए हाईकोर्ट ही इसमें फैसला देगा, हालांकि इसे लेकर कमेटी भी अपनी ओर से अनुशंसा रिपोर्ट में कर सकती है।
डायरी वाले तो उलझ गए, कई नकली डायरी होने की बात उठी
उधर सुनवाई के दौरान डायरियों पर सौदे को लेकर पेंच फंस रहा है। इसमें हैप्पी धवन की ओर से कहा गया कि उनके एचडी नाम से गलत साइन हुई है और यह डायरियां नकली है। डायरियों को लेकर सामने आ रहा है कि सोनू मूंदडा, चंपू का रिश्तेदार पलाश जैन और किसी कोठारी नाम के व्यक्ति ने यह नकली डायरियां चलाई है। इस मामले में जिन डायरियों को लेकर विवाद है, वहां बताया जा रहा है कि यदि प्लाट बुक करने वाला इस संबंध में दस्तावेज, सबूत उपलब्ध करा दे कि उसने राशि दी थी, तो उसका दावा माना जाएगा। इसके लिए उसे यह राशि देने का बैंक से विड्रा करने, अपने लेखा में एंट्री करने या कहीं से भी कोई दस्तावेज उपलब्ध कराना होगा। नहीं तो इस पर फिर आगे हाईकोर्ट ही संज्ञान लेगा। हालांकि कुछ जगह पर साइन को लेकर भूमाफिया उस समय उलझ गए जब निकुल कपासी ने खुद ही कह दिया कि यहां मैंने ही साइन किए हैं। ऐसे में असली-नकली डायरियों को लेकर विवाद खड़ा होना तय है।
66 मामले निराकरण संभव, 11 के लिए डीडी दे चुके आरोपी
उधर बात सामने आई है कि कालिंदी गोल्ड के 66 मामलों का निराकरण सुनवाई के दौरान हो चुका है और 11 के लिए पहले ही कमेटी के सामने 67 लाख के डीडी दिए गए हैं। यदि पीड़ित यह राशि स्वीकार करते हैं तो यह निराकरण हो जाएंगे। कालिंदी में चिराग शाह की ओर से 28 केस और हैप्पी धवन की ओर से 26 निराकृत होना बताया गया है। वहीं यह भी कहा गया कि एक माह का समय दे दिया जाए तो सभी का निराकरण कमेटी द्वारा दिए गए निर्देशों के अनुसार कर दिया जाएगा।
अब फिनिक्स और फिर सेटेलाइट की सुनवाई
सुनवाई के अगले चरण में 13 जून को फिनिक्स के मामलों की सुनवाई होगी और फिर 14 जून को सेटेलाइट हिल कॉलोनी को लेकर सुनवाई होगी। तय दिन पर संबंधित सभी आरोपियों व उनके वकीलों के साथ ही हितग्राही मौजूद रह सकेंगे। कमेटी हाथोंहाथ ही उनकी बातें सुनकर लिस्ट बना रह है कि किसका निराकरण हुआ है और किसका हो रहा है और आगे क्या करना है।