BHOPAL. मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने भोपाल के एक दंपति के तलाक के मामले में फैसला सुनाया है। हाईकोर्ट ने मामले में सुनवाई करते हुए कहा कि एक महिला द्वारा अपने पति के साथ शारीरिक संबंध बनाने से इनकार करना मानसिक क्रूरता है और यह उसके लिए (पति) हिंदू विवाह अधिनियम के तहत तलाक लेने का वैध आधार है। सुदीप्तो साहा और मौमिता साहा के तलाक के मामले को हाईकोर्ट ने मंजूरी दे दी।
2014 में हुआ फैमिली कोर्ट का फैसला रद्द
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने 2014 में हुए फैमिली कोर्ट के उस फैसले को रद्द कर दिया, जिसने सुदीप्तो को तलाक देने से इनकार किया था। हाईकोर्ट ने कहा कि शादी पूरी ना होना और शारीरिक अंतरंगता से इनकार करना मानसिक क्रूरता के बराबर है।
भोपाल कोर्ट ने खारिज की थी अपील
पीड़ित पति सुदीप्तो साहा ने जब तलाक के लिए भोपाल कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, तो ये कहते हुए अपील खारिज कर दी गई थी कि ये तलाक का कोई आधार नहीं है। अब मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने सुदीप्तो साहा और मौमिता साहा के तलाक को मंजूरी दे दी है।
सुदीप्तो-मौमिता की 2006 में हुई थी शादी
सुदीप्तो साहा और मौमिता की शादी 12 जुलाई 2006 को हुई थी। पत्नी मौमिता ने 12 से 28 जुलाई 2006 तक पति के विदेश चले जाने तक शारीरिक संबंध बनाने से इनकार किया। मौमिता ने शादी को पूरा नहीं होने दिया। सुदीप्तो ने कहा कि मौमिता ने उसे बताया कि उसके माता-पिता ने उसे शादी के लिए मजबूर किया था। मौमिता ने सुदीप्तो के साथ शारीरिक संबंध बनाने से इनकार कर दिया। मौमिता का पहले से ही एक प्रेमी था। उसने मजबूरी में शादी की थी।
कुछ महीनों बाद पत्नी ने छोड़ दिया था घर
याचिका के मुताबिक पश्चिम बंगाल मेंशादी के बाद मौमिता ने पति सुदीप्तो से कहा था कि वो उसे उसके प्रेमी को सौंप दे। भोपाल में सुदीप्तो के घर पहुंचने के बाद भी उसने शादी से इनकार किया। सितंबर 2006 में मौमिता ने सुदीप्तो का घर छोड़ दिया और कभी वापस नहीं लौटी।
पत्नी ने झूठी शिकायत करके ऐंठ लिए 10 लाख
पति सुदीप्तो ने पत्नी मौमिता पर आरोप लगाया कि उसने 2013 में उनके और उनके माता-पिता के खिलाफ झूठी शिकायत दर्ज कराई थी। दहेज के मामले को लेकर प्रताड़ित किया था। मौमिता ने आरोप लगाया था कि सुदीप्तो और उसके परिवार ने साड़ी से उसका गला घोंटने की कोशिश की और उसे आग लगाने की कोशिश की। इस कारण सुदीप्तो के माता-पिता को 23 दिन हिरासत में रहना पड़ा था। समझौते के लिए 10 लाख रुपए ऐंठ लिए थे।