राजनीतिक रैली से सड़कों पर हुआ जाम, हाई कोर्ट ने पुलिस को लगाई फटकार; आज होगी मामले पर सुनवाई

author-image
The Sootr CG
एडिट
New Update
राजनीतिक रैली से सड़कों पर हुआ जाम, हाई कोर्ट ने पुलिस को लगाई फटकार; आज होगी मामले पर सुनवाई

JAIPUR. सचिवालय घेराव के दौरान शहर में मंगलवार को हुए जाम के कारण हाई कोर्ट ने पूरे मामले में स्वप्रेरित प्रसंज्ञान लेते हुए नाराजगी जताई है। हाईकोर्ट ने कहा कि अदालती आदेश की अवमानना करने पर रैली की अनुमति देने वाले अधिकारियों पर एफआईआर दर्ज करवाई जाए। आपको बता दें कि मंगलवार को सड़कों पर बीजेपी की रैली निकलने से सड़कें जाम हो गई थीं, जिस वजह से लोगों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ा। आज एक बार फिर हाई कोर्ट में इस मामले पर सुनवाई होने वाली है। 



सुनवाई के दौरान मौजूद रहे ये अधिकारी 



सुनवाई के दौरान जयपुर पुलिस कमिश्नरेट के आलाधिकारी मौजूद रहे। इस दौरान एडिश्नल पुलिस कमिश्नर राहुल प्रकाश, डीसीपी साउथ योगेश गोयल, डीसीपी ट्रैफिक प्रहलाद कृष्णियां और आईपीएस कुंवर राष्ट्रदीप सहित कमिश्नरेट के अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे। सरकार की ओर से मौजूद अतिरिक्त महाधिवक्ता मेज़र आरपी सिंह ने सुनवाई के दौरान कहा कि उन्होंने साल 2018 के जस्टिस एमएन भंडारी के जजमेंट के आधार पर ही रैली की अनुमति दी थी। हालांकि, कोर्ट इससे संतुष्ट नहीं हुआ और आज फिर से कोर्ट में पेश होने को कहा है। 



हाईकोर्ट ने जताई नाराजगी



सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने नाराजगी जताई और सवाल उठाते हुए कहा कि अगर पुलिस ने रैली की परमिश्न दे दी थी तो फिर ट्रैफिक की वैकल्पिक व्यवस्था क्यों नहीं की? सड़कों पर जाम क्यों लगा? पब्लिक को क्यों परेशानी हुई? हाई कोर्ट ने आगे कहा कि इन सब बातों का ध्यान रखा जाना चाहिए था। कोर्ट ने कहा कि 2020 के आदेश में सुप्रीम कोर्ट में साफ कहा गया है कि राजनीतिक रैलियों के चलते किसी भी हाल में सड़कों को जाम नहीं किया जा सकता हैं। यदि किसी को धरना-प्रदर्शन करना भी है वह शहर के बाहर करेगा।

 


the High Court reprimanded the police The High Court expressed its displeasure बीजेपी रैली निकलने से सड़कें जाम राजनीतिक रैलियों का सड़कों पर जाम हाईकोर्ट में आज सुनवाई हाई कोर्ट ने पुलिस को लगाई फटकार हाईकोर्ट ने सड़कें जाम होने पर जताई नाराजगी BJP rally jammed roads political rallies jam on the roads today's hearing in the High Court