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Raipur. छत्तीसगढ़ में ईडी ने आईएएस रानू साहू को गिरफ्तार किया है। रानू साहू कोयला घोटाला मामले में 10 दिन की ज्यूडिशियल रिमांड पर जेल में हैं। वहीं अब तक रानू साहू को निलंबित नहीं किया गया है। मिली जानकारी के मुताबिक रानू साहू के निलंबन के लिए जीएडी ने प्रस्ताव भेज दिया है। वहीं इस प्रस्ताव में सीएम भूपेश बघेल ने दस्तखत नहीं किया है। सीएम बघेल जब इस प्रस्ताव पर हस्ताक्षर कर देंगे तब आईएएस रानू साहू निलंबित हो जाएंगी। फिलहाल सरकार की ओर से उनके ऊपर हुई कार्रवाई की जानकारी अब तक अधिकृत रूप से सामने नहीं आई है। नियमानुसार गिरफ्तारी के बाद शासकीय सेवक को निलंबित किए जाने का प्रावधान है।
GAD ने भेजी फ़ाइल
आईएएस अधिकारी रानू साहू की गिरफ्तारी के बाद सामान्य प्रशासन विभाग ने निलंबित किए जाने की फाइल को मंजूरी के लिए मुख्यमंत्री सचिवालय भेजा है। मुख्यमंत्री की मंजूरी के बाद में रानू साहू को निलंबित किए जाने का आदेश जारी हो जाएगा। विदित हो कि रायपुर की स्पेशल कोर्ट के आदेश पर 25 जुलाई को रानू साहू को 4 अगस्त तक के लिए न्यायिक रिमांड पर जेल भेजा गया है। ईडी ने पीएमएलए एक्ट के तहत 22 जुलाई को रानू साहू को गिरफ्तार किया, जिसके बाद स्पेशल कोर्ट के जज अजय सिंह राजपूत ने पूछताछ के लिए ईडी को 3 दिन की रिमांड दी थी।
क्या है कोयला घोटाला
ईडी के अनुसार छत्तीसगढ़ में 25 रुपए प्रति टन की अवैध वसूली कोयला ट्रांसपोर्टिंग में होती थी। इस पूरे मामले का किंगपिन सूर्यकांत तिवारी था। ईडी के अनुसार सूर्यकांत तिवारी ने सीएम भूपेश की उप सचिव सौम्या चौरसिया (निलंबित) की शक्ति और प्रभाव से इस घोटाले को कार्टेल बनाकर अंजाम दिया। ईडी के परिवाद जो कि कोर्ट ने पंजीबद्ध कर लिया है, उसमें इस बात का उल्लेख है कि सूर्यकांत तिवारी ने सौम्या चौरसिया से मिल रही ताकत और प्रभाव से ट्रांसपोर्टेशन के नियम बदल दिए। आईएएस समीर बिश्नोई के जरिए ट्रांसपोर्टेशन की प्रक्रिया मैनुअल कर दी गई। ईडी ने कोर्ट को बताया है कि, इस मामले में आने वाले धन का निवेश चल अचल संपत्ति में किया गया। ईडी ने इस मामले में सूर्यकांत तिवारी, समीर बिश्नोई, लक्ष्मीकान्त तिवारी, निखिल चंद्राकर, सौम्या चौरसिया को गिरफ्तार किया है। जिनमें अधिकांश की जमानत याचिकाएं हाईकोर्ट से खारिज हो चुकी हैं।