JAIPUR. राजस्थान में मंत्री मंडल के गठन को लेकर चर्चाएं जोरों पर हैं। कई नामों पर राजनीति के अंदरखानों में कयास लगाए जा रहे हैं। इनमें से ही एक नाम सामने आया है कामां से विधायक चुनीं गईं नौक्षम चौधरी का। नौक्षम के नाम पर इसलिए भी ज्यादा कयास लगाए जा रहे हैं, क्योंकि राज्य में पहली बार के विधायक भजन लाल शर्मा को मुख्यमंत्री बनाकर केंद्रीय नेतृत्व ने सेकंड लीडरशिप तैयार करने का साफ साफ संदेश दिया है। इसके साथ ही एक और वजह है नौक्षम की मंत्री पद को लेकर उम्मीदवारी की। वह वजह यह है कि मंत्री मंडल के गठन में यदि गुजरात का फॉर्मुला लागू किया जाता है तो नौक्षम का दावा और मजबूत हो जाता है।
कौन हैं नौक्षम
आइए आपको बताते हैं कि कौन हैं नई नई विधायक बनीं नौक्षम चौधरी। नौक्षम चौधरी हरियाणा के पुन्हाना के पैमा खेड़ा गांव की हैं। नौक्षम हरियाणा के सेवानिवृत्त न्यायिक अधिकारी राम सिंह चौधरी और हरियाणा सिविल सेवा की अधिकारी रंजीत कौर की बेटी हैं। नौक्षम ने दिल्ली के मिरांडा कॉलेज से इतिहास की पढ़ाई की है। वे तीन साल तक लंदन में रही। इसके बाद उनका रुझान राजनीति की तरफ हो गया।
गहलोत की मंत्री को हराया
भरतपुर जिले की कामां विधानसभा से बीजेपी विधायक नौक्षम चौधरी ने गहलोत सरकार में मंत्री जाहिदा खान को हराकर बड़ी जीत हासिल की है। ऐसे में उनके मंत्री बनने को लेकर अटकलें तेज है। बता दें कि भरतपुर जिले में सात विधानसभा सीटों में से बीजेपी ने 5 सीटों पर कब्जा किया है। वही खुद मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा भी भरतपुर जिले के निवासी हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि महिला मंत्रियों के कोटे को देखते हुए नौक्षम चौधरी की भी मंत्री बनने में लॉटरी लग सकती है।
एक करोड़ की नौकरी छोड़ी
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार नौक्षम चौधरी के लंदन में पढ़ाई करने के बाद उनका मन राजनीति की तरफ बढ़ गया। उन्होंने एक इंटरव्यू में बताया कि एक कंपनी ने उन्हें एक करोड़ से अधिक का सालाना पैकेज दिया था, लेकिन उनकी नौकरी करने में कोई रुचि नहीं थी। उनका मन तो राजनीति की तरफ करियर बनाने में उत्सुक हो रहा था। इसलिए उन्होंने राजनीति को ही अपने करियर के रूप में चुना। नौक्षम को 8 से अधिक भाषाओं का ज्ञान है।
तीन से चार महिलाओं को मिलेगा मौका
बीजेपी राजस्थान में पहले फेज में करीब 20 मंत्री बन सकते हैं। इनमें अटकलें लगाई जा रहे हैं कि तीन से चार महिला विधायक मंत्रिमंडल का हिस्सा हो सकती है। महिला आरक्षण को लागू करने वाली केंद्र सरकार महिला मंत्री बनाकर एक अच्छा संदेश देने की कोशिश कर सकती है। चर्चा है कि नौक्षम चौधरी के अलावा अनिता भदेल, दीप्ति माहेश्वरी और सिद्धि कुमारी महिला मंत्रियों की प्रबल दावेदार है।