संजय गुप्ता, INDORE. खरमास 16 दिसंबर से लग रहा है जो मकर संक्रांति 15 जनवरी तक चलेगा। हिंदू मान्यता के अनुसार इस दौरान कोई शुभ काम नहीं किए जाते हैं। लेकिन मप्र का मंत्रीमंडल इसी माह बनना संभावित है। ऐसे में कई दावेदारों के दिलों की धड़कने बढ़ी हुई है। जो बन जाएंगे उनके मन में भी चिंता रहेगी कि खरमास में पद संभालना उचित होगा या नहीं? उनकी चिंता दूर करने के लिए उन्हें एक बार नौ अक्टूबर को श्राद्ध पक्ष में जारी बीजेपी की चौथी सूची पर नजर डालना चाहिए। उस समय बीजेपी की इस सूची पर कांग्रेस ने तंज कसा था और अपनी पहली सूची नवरात्रि में जारी की थी। लेकिन सीएम बने डॉ. मोहन यादव से लेकर डिप्टी सीएम बने जगदीश देवड़ा, राजेंद्र शुक्ला सभी इसी सूची में टिकट पाए थे।
क्या होता है खरमास
खरमास वह खगोलीय अवस्था है, जिसमें सूर्यदेव, धनु व मीन राशि में प्रवेश करते हैं और इससे बृहस्पति निस्तेज हो जाता है। हिंदू मान्यता के अनुसार कोई भी शुभ काम करने के लिए बृहस्पति की उपस्थिति जरूरी होती है। खरमास 16 दिसंबर से लग रहा है जो मकर संक्राति 15 जनवरी को खत्म होगा। इस दौरान शादी, नया व्यापार, गृह प्रवेश, मुंडन, जनेऊ जैसे संस्कार भी नहीं करने की मान्यता है। कहा जाता है कि इस दौरान अधिक से अधिक सूर्यदेव की उपासना, दान, जप-तप, गुरू सेवा करना चाहिए।
सीएम, दोनों डिप्टी सीएम को श्राद्ध पक्ष की सूची में ही मिला टिकट
मप्र में बीजेपी ने 57 टिकट इसी दौरान जारी किए थे। इसमें 45 जीते और केवल 12 हारे। सबसे मजेदार बात यह है कि इसी सूची में अब नए सीएम बने डॉ. मोहन यादव को इसी सूची में उज्जैन दक्षिण से, डिप्टी सीएम बने जगदीश देवड़ा को मल्हाहगढ़ से और राजेंद्र शुक्ला को रीवा से टिकट घोषित किया गया था।
सर्वाधिक वोट से जीते मेंदोला, गौर, शिवराज सभी इसी सूची में
इससे भी एक और बात मप्र में सबसे ज्यादा वोट से जीतने वाले सभी टॉप 7 प्रत्याशी इसी सूची के थे। इसमें सबसे ज्यादा वोट से जीते रमेश मेंदोला (1.07 लाख वोट), कृष्णा गौर (1.06 लाख वोट), शिवराज सिंह चौहान (1.05 लाख वोट), रामेशवर शर्मा ( 97 हजार वोट), गोपाल भार्गव (73800 वोट), मालिनी गौड़ (69837 वोट), तुलसी सिलावट (68854 वोट) से जीते थे। यह टॉप 7 में है, जो सब श्राद्ध पक्ष में जारी सूची में ही प्रत्याशी घोषित हुए।
29 सितंबर से था श्राद्ध पक्ष, कांग्रेस ने कसा था तंज
बीजेपी ने पहली सूची 17 अगस्त और फिर दूसरी सूची 25 सितंबर को जारी की, बाद में एक सिंगल नाम की तीसरी लिस्ट जारी की। श्राद्ध पक्ष 29 सितंबर से 14 अक्टूबर था, इस दौरान बीजेपी ने 9 अक्टूबर को तीसरी सूची जो सबसे बड़ी थी वह जारी की थी। बाद में नवरात्रि में बाकी नाम घोषित हुए।
श्राद्ध पक्ष में जारी 57 विधायकों की सूची में ये 45 जीते
- ग्वालियर - प्रद्युमन सिंह तोमर, जीते
- खुरई - भूपेंद्र सिंह, जीते
- सुरखी - गोविंद सिंह राजपूत, जीते
- रहली - गोपाल भार्गव, जीते
- नरयावली - इंजीनियर प्रदीप लारिया, जीते
- सागर - शैलेंद्र जैन, जीते
- पन्ना - बृजेंद्र प्रताप सिंह, जीते
- रामपुर - बघेलान- विक्रम सिंह, जीते
- सिरमौर - दिव्यराज सिंह, जीते
- मऊगंज - प्रदीप पटेल, जीते
- देव तलाब - गिरीश गौतम, जीते
- रीवा - राजेंद्र शुक्ल, मंत्री, जीते
- जयसिंघ नगर - मनीषा सिंह, जीते
- जैतपुर - जय सिंह मरावी, जीते
- अनूपपुर - बिसाहू लाल सिंह, मंत्री, जीते
- मानपुर - कुमारी मीना सिंह मांडवे, जीते
- विजयराघौगढ़ - संजय सत्येंद्र पाठक, जीते
- मुड़वारा - संदीप प्रसाद जायसवाल, जीते
- पाटन - अजय विश्नोई, जीते
- जबलपुर छावनी - अशोक रोहाणी, जीते
- पनागर - सुशील कुमार तिवारी. जीते
- सिवनी - दिनेश मुनमुन, जीते
- आमला - योगेश पंडाग्रे, जीते
- सोहागपुर - विजयपाल सिंह, जीते
- सांची - प्रभुराम चौधरी, जीते
- सिरोंज - उमाकांत शर्मा, जीते
- बैरसिया - विष्णु खत्री, जीते
- नरेला - विश्वास सारंग, जीते
- गोविंदपुरा - कृष्णा गौर, जीते
- हुजूर - रामेश्वर शर्मा, जीते
- बुधनी - शिवराज सिंह चौहान, जीते
- इच्छावर - करण सिंह वर्मा, जीते
- सीहोर - सुदेश राय, जीते
- देवास - गायत्री राजे पवांर, जीते
- हाटपिपल्या - मनोज चौधरी, जीते
- खातेगांव - आशीष गोविंद शर्मा, जीते
- हरसूद - विजय शाह, मंत्री, जीते
- इंदौर-2 - रमेश मेंदोला, जीते
- इंदौर-4 - मालिनी गौड़, जीते
- सांवेर - तुलसीराम सिलावट, जीते
- उज्जैन दक्षिण - मोहन यादव, जीते
- रतलाम शहर - चेतन्य कुमार काश्यप, जीते
- मल्हारगढ़ - जगदीश देवड़ा, मंत्री, जीते
- सुवासरा - हरदीप सिंह डंग, मंत्री, जीते
- जावद - ओम प्रकाश सकलेचा, मंत्री, जीते
श्राद्ध पक्ष में जारी सूची के ये 12 प्रत्याशी हारे चुनाव
- अटेर - अरविंद सिंह भदौरिया, हारे
- ग्वालियर ग्रामीण - भरत सिंह कुशवाह, हारे
- दतिया - नरोत्तम मिश्रा, हारे
- खरगापुर - राहुल सिंह लोधी, मंत्री, हारे
- मल्हरा - कुंवर प्रद्युमन सिंह लोधी, हारे
- चुरहट - शरदेंदु तिवारी, हारे
- परसवाड़ा - रामकिशोर कांवरे, हारे
- हरदा - कमल पटेल मंत्री, हारे
- सिलवानी - रामपाल सिंह, हारे
- बड़वानी - प्रेम सिंह पटेल, हारे
- बदनावर - राजवर्धन सिंह दत्तीगांव, मंत्री, हारे
- मंदसौर - यशपाल सिंह सिसोदिया, हारे