Jaipur. आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर राजस्थान कांग्रेस में टिकट के दावेदारों की तलाश शुरू हो चुकी है। 11 जून को कांग्रेस के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के पार्टी बनाने की संभावनाएं खत्म होने के बाद प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी सुखविंदर रंधावा ने पर्यवेक्षकाें को प्रदेश के कुछ जिलों में सर्वे करने के लिए भेजा है। यह पर्यवेक्षकाें फिलहाल संगठन के प्रमुख पदाधिकारियों, मंत्री व विधायकों से ही बात कर रहे हैं। लेकिन यह साफ है कि कांग्रेस अपने उम्मीदवारों को जल्द से जल्द फाइनल करने की तैयारी में है।
जयपुर की मालवीय नगर और आदर्श नगर विधानसभा क्षेत्रों के लिए किक्की संधू को पर्यवेक्षक की जिम्मेदारी दी गई है। दोनों ने अपने-अपने क्षेत्रों में मीटिंग से कामकाज की शुरुआत की है। हालांकि अभी केवल मीटिंग तक ही मुलाकात सीमित रखी गई है, लेकिन कांग्रेस संगठन का कहना है कि कुछ ही दिनों में ये पर्यवेक्षक वन-टू-वन मुलाकात भी करेंगे।
40 सीटों पर ज्यादा फोकस
राजस्थान में ऐसी 40 सीटें हैं, जिन पर कांग्रेस दो या तीन बार से ज्यादा हार चुकी है। इन सीटों के राजनीतिक समीकरणों को कांग्रेस के पदाधिकारी गंभीरता से समझना शुरू कर चुके हैं। इसके साथ ही इन सीटों पर किन उम्मीदवारों को लड़ाया जाए, इस पर भी कवायद शुरू हो चुकी है।
क्या युवाओं को मिलेगी प्राथमिकता
प्रदेश कांग्रेस प्रभारी सुखविंदर रंधावा ने पिछले सप्ताह बयान देकर सबको चौंका दिया था कि अब कांग्रेस में बड़ी उम्र के नेताओं को अपनी जगह छोड़कर युवा नेताओं को अवसर देना चाहिए। इससे कांग्रेस के युवा नेताओं में एक तरह से उत्साह का माहौल है। इसके अलावा रंधावा ने यह भी साफ तौर पर कहा था कि टिकट इस बार सर्वे के बाद ही किसी को दिया जाएगा। ऐसे प्रत्याशियों पर ही कांग्रेस फोकस करेगी जो कांग्रेस को जीत दिलाने में मददगार साबित होंगे और प्रत्याशियों का जनाधार व्यापक होगा।
इन सीटों पर खास नजर
राजस्थान में कांग्रेस जिन विधानसभा सीटों पर लगातार तीन बार हार चुकी है उनमें जयपुर की मालवीय नगर, सांगानेर, विद्याधर नगर, फुलेरा, उदयपुरवाटी, नदबई, महुआ, रतनगढ़, बीकानेर पूर्व, अनूपगढ़, श्रीगंगानगर और भादरा शामिल हैं। इन सीटू सहित करीब 40 सीटों पर कांग्रेस बिल्कुल अलग रणनीति के तहत काम करने जा रही है।