Jaipur. राजस्थान कांग्रेस में कहने को तो सचिन पायलट और सीएम अशोक गहलोत के बीच हाईकमान सुलह करा चुका है। लेकिन 2020 के वक्त बगावती तेवर अपनाए पायलट गुट के विधायकों को विधानसभा स्पीकर ने व्हिप का उल्लंघन करने पर निलंबन का नोटिस जारी किया था। जिसे हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी। वह केस अभी भी लंबित है। जिस पर राजस्थान उच्च न्यायालय 24 अगस्त को अंतिम सुनवाई करने जा रहा है। खास बात यह है कि इस मामले में केंद्र सरकार ने 3 साल में भी जवाब पेश नहीं किया है।
केंद्र को जवाब पेश करने के निर्देश
हाईकोर्ट ने इस मामले में केंद्र सरकार को 3 हफ्ते में जवाब पेश करने के निर्देश दिए हैं। फाइनल हियरिंग 24 अगस्त को रखी गई है। यूं तो विधानसभा चुनाव को देखते हुए सचिन पायलट को मना लिया गया है। पर अदालत में लंबित केस का फैसला अभी आना बाकी है। बता दें कि हाईकोर्ट ने इस मामले में स्पीकर के आदेश पर रोक लगा दी थी। यह रोक अभी भी जारी है।
विधानसभा अध्यक्ष के अधिकारों को दी थी चुनौती
दरअसल इस केस में सचिन पायलट समेत 19 विधायकों ने स्पीकर के आदेश को चुनौती दी थी। दलील दी गई थी कि विधायकों को निलंबित करने का अधिकार स्पीकर को नहीं है। साथ ही संविधान की 10वीं अनुसूची के तहत दल-बदल कानून को भी चुनौती दी गई थीं
19 में से केवल 7 एमएलए बचे
बता दें कि 3 वर्ष की इस अवधि में पायलट समर्थक दो विधायकों गजेंद्र सिंह शेखावत और भंवरलाल शर्मा का देहावसान हो चुका है। ऐसे में अब मामला 17 विधायकों को ही बचा है। अब देखना यह होगा कि क्या अंतिम सुनवाई के पहले ही मामले का पटाक्षेप हो जाएगा या फिर अदालत अपना फैसला सुनाएगी।