ANUPPUR. साहब मेरी पत्नी को मेरे पास वापस भिजवा दीजिए, वह सरकारी नौकरी लगने के बाद बदल गई है, मुझे पहचानने से इनकार करती है। उसने मेरी बेटी को भी मुझसे छीन लिया है। यह दुखड़ा अनूपपुर के पकरिया में रहने वाले जोहन भारिया ने जिला कलेक्टर के सामने रोया है। जोहन ने बताया कि उसकी पत्नी मीनाक्षी पढ़ाई-लिखाई में काफी तेज थी, मैंने सरकारी नौकरी की तैयारी के लिए 1 लाख 15 हजार रुपए का कर्ज लिया। पैसे कम पड़े तो अपनी पॉलिसी भी तुड़वा दी। अब जब पत्नी की खंडवा जिला चिकित्सालय में नर्स की नौकरी लग गई है, तो वह उसे पहचानने से इनकार करती है, कहती है कि उसे कोई और मिल गया है, वह अपने लिए दूसरी बीवी ढूंढ ले। एसडीएम ज्योति मौर्या की तरह का यह दूसरा केस है जो अनूपपुर जिले में सामने आया है। जोहन भारिया की यह समस्या सुनने के बाद कलेक्टर भी पसोपेश में हैं कि वे आखिर करें तो क्या करें?
बेटी को भी छीनकर ले गई
जोहन ने बताया कि वह अपनी बेटी को साथ लेकर गुजरात काम करने चला गया था। इस दौरान मीनाक्षी अपने भाई अमित और एक शख्स के साथ उसके पास गुजरात पहुंची। लड़ाई-झगड़ा किया और जान से मारने की धमकी देते हुए बेटी को अपने पास जबरदस्ती ले गई। जोहन ने बताया है कि मीनाक्षी ने यह भी कहा है कि उसने एक व्यक्ति से डेढ़ लाख रुपए उधार लिए हैं और वह अब उसी के साथ रहेगी।
पढ़ाई और ट्रेनिंग में किए लाखों खर्च
जोहन ने बताया कि मीनाक्षी एग्जाम की तैयारी करती थी। पटवारी, शिक्षक और नर्सिंग की नौकरी के लिए तैयारी करती थी, उसकी इच्छा को देखते हुए मैंने 1 लाख 15 हजार रुपए का कर्ज लिया। इसके बाद एग्जाम क्लियर हो गया तो जीएनएम की ट्रेनिंग के लिए पैसों की जरूरत थी तो अपनी पॉलिसी भी तुड़वा दी। सिलेक्शन के बाद मीनाक्षी खंडवा जिला अस्पताल में नर्स के तौर पर पदस्थ हो गई। जोहन ने बताया कि सरकारी नौकरी लगते ही मीनाक्षी के हावभाव बदल गए। उसने मेरे पास आना ही बंद कर दिया और अपने मायके में रहने लगी। मैने घर चलने कहा तो उसने पति मानने से ही इनकार कर दिया।
पहले से शादीशुदा थी पत्नी
परेशान जोहन भारिया ने बताया कि मीनाक्षी पहले से शादीशुदा थी, वह अपने ससुराल नहीं जाती थी। इसी दौरान उससे मुलाकात हुई थी। उसके परिवार ने हमारे रिश्ते का विरोध किया था तो हमने मंदिर में शादी कर ली थी, जिसके बाद मीनाक्षी मेरे पास ही रहती थी। हमारी एक बेटी है।