सरकार है तो शिकायत करते हो, नहीं रहेगी तो किससे कहोगे, कोर कमेटी की बैठकों में सीएम शिवराज ने कहा- बताओ, कौन कर रहा है गड़बड़ी

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The Sootr
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सरकार है तो शिकायत करते हो, नहीं रहेगी तो किससे कहोगे, कोर कमेटी की बैठकों में सीएम शिवराज ने कहा- बताओ, कौन कर रहा है गड़बड़ी

अरुण तिवारी, BHOPAL. जिलों की कोर कमेटियों की बैठक में स्थानीय नेता मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सामने शिकायतों का पिटारा खोल रहे हैं। इन शिकायतों से पता चलता है कि बीजेपी में निचले स्तर पर सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। ग्वालियर-चंबल इलाके की कोर कमेटी की बैठक के दौरान विधायक ने मंत्री की शिकायत की तो विंध्य क्षेत्र की कोर कमेटी के नेताओं ने अधिकारियों की शिकायत की। नेताओं ने कहा कि स्थानीय अधिकारी उनकी नहीं सुनते। सीएम ने उनसे पूछा कि सरकारी योजनाओं में कौन गड़बड़ी कर रहा है, उसकी पूरी जानकारी अभी बता दें। 





शिकायतें छोड़ो पहले सरकार बनाओ 





सीएम हाउस में लगातार जिलों की कोर कमेटियों की बैठक हो रही है। ग्वालियर चंबल और महाकौशल के जिलों की कोर कमेटियों की बैठक लेने के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा ने शुक्रवार को रीवा, सतना, सीधी, शहडोल, भिंड, श्योपुर, दतिया जिलों की कोर कमेटियों के पदाधिकारियों, सांसद, विधायकों के साथ बैठक की। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि सरकार होगी तो शिकायतें होंगी और जब सरकार ही नहीं रहेगी तो शिकायतें किससे करेंगे। इसलिए पार्टी के सभी कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारी है कि शिकायतें खत्म कर सरकार बनाने के लिए पूरी ताकत से जुट जाएं। संवाद के दौरान जिलों में योजनाओं के फीडबैक के साथ संगठन के कार्यक्रमों के क्रियान्वय पर चर्चा की गई।





जो गड़बड़ी करे उसे बदल देंगे कलेक्टर हो या एसपी





सीएम ने कहा कि सरकार ने जो योजनाएं बनाकर लागू की हैं, उसका प्रचार प्रसार करने में कोई कमी न रहे और किसी अधिकारी द्वारा अगर योजना लागू करने या हितग्राही को फायदा देने में कोताही बरती जा रही है या गलती की जा रही है तो उसकी जानकारी संगठन और सरकार को दें। उस पर कार्रवाई की जाएगी। कोर कमेटियों की बैठक के दौरान पदाधिकारियों से अफसरों की वर्किंग के बारे में भी चर्चा की गई। अधिकारियों के कार्य व्यवहार को लेकर सत्ता और संगठन ने पदाधिकारियों से कहा है कि अगर किसी कलेक्टर, एसपी, डीएफओ, एडीएम, एसडीएम, तहसीलदार, एएसपी, सीएसपी, डीएसपी या अन्य अधिकारी को बदलना है तो अभी से बता दो। तीन साल के दायरे वाले तो हटेंगे ही जो तीन साल की सीमा में नहीं आ रहे हैं, उन्हें भी आयोग की आचार संहिता लागू होने के पहले हटाया जा सकता है। लेकिन सबको मिलकर पूरी ताकत से पार्टी की जीत के लिए काम करना होगा।



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