INDORE. ज्ञनोदय आवासीय विद्यालय के करीब सौ बच्चे स्कूल की अव्यवस्थाओं को लेकर मंगलवार (25 जुलाई) को इंदौर कलेक्टर के दरबार (कलेक्ट्रेट) में पहुंचे। जनसुवाई में कलेक्टर को अपने स्कूल की अव्यवस्थाएं बताना चाहते थे। यहां बच्चों को इतना इंतजार करना पड़ा कि कई बच्चे बेहोश हो गए। यहां उनके साथ अन्य प्रदर्शनकारियों की तरह की व्यवहार किया गया। बैरिकेड्स् लगा दिए गए और मातहत अफसरों ने कलेक्ट्रेट के बाहर ही रोक लिया।
यहां बता दें, ज्ञनोदय आवासीय स्कूल शहर से करीब 15 किमी दूर है और ये बच्चे पैदल ही कलेक्ट्रेट पहुंचे थे।
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स्कूल छात्रों की समस्या के मामले में कलेक्टर इलैयाराजा टी ने अपर कलेक्टर राजेश राठौर को जांच करने के निर्देश दिए हैं। वे जांच करने के बाद रिपोर्ट कलेक्टर को सौंपेंगे। हालांकि, अभी यह साफ नहीं हो सका है कि कितने दिन में जांच रिपोर्ट कलेक्टर के पास पहुंचेगी।
बच्चों के आने की सूचना पर कलेक्ट्रेट गेट पर लगाए बैरिकेड्स्
जब प्रशासन को बच्चों के आने की जानकारी मिली तो अपर कलेक्टर राजेश राठौड़ उन्हें समझाने के लिए निकल गए, लेकिन बच्चे नहीं माने और कहा कि कलेक्टर साहब को ही शिकायत कर बताएंगे। इधर, अधिकारियों ने अपनी असवंदेनशीलता दिखाते हुए बैरिकेड्स लगा दिए और कलेक्ट्रेट का मुख्य गेट ही बंद कर दिया। जैसे कि ये बच्चे कोई उपद्रवी हों। बच्चे भी अड़ गए और सड़क पर बैठ गए। कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी से मिलने की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि हम स्कूल की समस्याओं के बारे में सीधे कलेक्टर को ही बताएंगे।
बच्चों ने बताया कि स्कूल के हालत बेहद खराब हैं, हमें खराब खाना मिलता है, टीचर भी स्तरीय नहीं हैं और स्कूल में कई सारी अव्यवस्थाएं हैं, लेकिन कोई सुन नहीं रहा है। मगंलवार को कलेक्टर की जनसुनवाई होती है इसलिए हम सभी एकत्र होकर 15 किमी पैदल चलकर शिकायत करने के लिए आए हैं।
आखिरकार कलेक्टर आए और बच्चों की समस्याएं सुनीं
जानकारी के अनुसार विधायक रमेश मेंदोला कलेक्टर से मिलने पहुंचे थे। मेंदोला के साथ आए लोगों के साथ चर्चा करने के दौरान ही कलेक्टर ने बच्चों को मिलने के लिए संदेश भेजा कि प्रतिनिधि 10 बच्चे ऊपर आकर आराम से बात कर लें। अधिकारी संदेश लेकर गए, लेकिन बच्चों ने मना कर दिया। इसके बाद कलेक्टर जनसुनवाई छोड़कर नीचे पहुंचे और बच्चों की समस्याएं सुनीं। प्रदर्शन के दौरान 3 बच्चे बेहोश भी हो गए। कलेक्टर ने उनका हालचाल पूछा उपचार के लिए भेजा। बच्चों से काफी देर तक समस्याएं सुनी गईं। बच्चों ने बताया कि क्या-क्या काम है। इसके बाद कलेक्टर ने कहा कि वे खुद भी स्कूल का दौरा करेंगे और समस्याएं दूर करेंगे। इसके बाद बच्चों ने कलेक्टर जिंदाबाद के नारे लगाए और 10 मिनट में ही प्रदर्शन खत्म हो गया। पैदल आए बच्चों को बसों से रवाना किया गया।