संजय गुप्ता, INDORE. इंदौर में बजरंग दल कार्यकर्ताओं पर हुए लाठीचार्ज के मामले में घटनाक्रम के बाद इंदौर पुलिस की ओर से शुक्रवार (23 जून को) खाकी का भी तो मान है ना, अभियान ने जोर पकड़ा। वहीं अब इसके विरोध में विश्व हिंदू परिषद और उसके संगठन बजरंग दल ने भी इसके खिलाफ सोशल मीडिया पर खुली चेतावनी देना शुरू कर दिया है। साथ ही पुलिस की तरह वाटसअप स्टेटस बनाने से लेकर ट्वीट करने तक का काम किया जा रहा है। साफ तौर पर कह दिया है कि दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं हुई तो चरणबद्ध आंदोलन किया जाएगा।
दो तरह के मैसेज चला रहे बजरंग दल
- पहले मैसेज में लिखा है कि- वर्दी का सम्मान है और रहेगा पर वर्दी की आड़ में युवक-युवतियों को एमडी ड्रग्स परोसने वालों को बचाना ऐसे तो इंदौर को बर्बाद नहीं होने देंगे, अपनी गलती को छुपाने के लिए बजरंग दल को बदनाम नहीं करें। हर स्थिति में बजरगंद ल वर्दी के साथ पर फर्जी का विरोध तो हमेशा रेहगा। देश का बल…बजरंग दल।
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पुलिस कमिश्नर ने भी रख दी उच्च स्तर पर अपनी बात
अब मामला पुलिस और हिंदू संगठन दोनों के ही निचले स्तर पर नहीं रह गया है। पुलिस में आला अधिकारियों ने भी अपने अधिकारियों का सपोर्ट शुरू कर दिया है। सूत्रों के अनुसार पुलिस कमिशनर मकरंद देउस्कर ने भोपाल स्तर पर साफ कर दिया है कि ट्रैफिक जाम के कारण लोगों की समस्या और लॉ एंड आर्डर के मद्देनजर कानून व्यवस्था को लेकर मेरे ही स्तर पर अधिकारियों को संदेश दिए गए थे। इसलिए इस लाठीचार्ज के लिए किसी पर यदि कार्रवाई करना है तो वह मेरे स्तर से की जाए, फील्ड ऑफीसर्स पर कार्रवाई से लॉ एंड आर्डर के कामों में उनका मनोबल टूटेगा जो सही नहीं होगा। इंदौर शहर में पुलिस मुखिया होने के नाते काम की जिम्मेदारी मेरी है।
इधर, हिंदू संगठनों ने भी सरकार को बोल दी दो टूक
वहीं हिंदू संगठनों ने खासकर विहिप मालवा प्रांत के पदाधिकारियों ने सरकार को साफ कर दिया है कि कार्रवाई तो उन्हें चाहिए। अभी इनकी केंद्रीय बैठक शनिवार (24 जून) से रायपुर में हो रही है, इसमें शामिल होने के लिए मालवा प्रांत के भी पदाधिकारी जा रहे हैं। यहां पर इस मुद्दे को लेकर भी बात होगी। वहीं इसके बाद इंदौर में ही 30 जून से दो जुलाई तक मालवा प्रांत की बड़ी बैठक हो रही है, जिसमें इस मुददे पर तब तक कोई कार्रवाई नहीं होती है तो फिर बैठक में इसकी रणनीति बनाकर आंदोलन को शुरू करने का ऐलान किया जाएगा। इसमें वीएचपी के केंद्रीय संगठन महामंत्री विनायक रावजी देशपांडे और क्षेत्रीय संगठन मंत्री मनोज वर्मा भी रहेंगे। इसके पहले घटना के बाद वीएचपी पहले ही प्रेस कांफ्रेंस करके चेतावनी दे चुका है कि वह सड़कों पर उतरने के लिए तैयार है।
एडीजी की रिपोर्ट को आधार बनाकर बड़ी कार्रवाई से बचेगी सरकार
सूत्रों के अनुसार इस मामले में सरकार देखो और चलो की नीति अपनाते हुए मामले को लंबा खींचकर ठंडा होने के इंतजार कर रही है और खासकर पीएम मोदी के दौरे तक 27 जून तक कुछ भी नहीं करेगी। जानकारी के अनुसार सरकार 70 हजार पुलिसकर्मियों के साथ ही उनके साथ अन्य सरकारी विभागों के साथ आने की आशंका में फूंक-फूंककर कदम रखने में लगी हुई है और इसके लिए आधार बनेगी एडीजी विपिन माहेशवरी कि रिपोर्ट। जानकारी के अनुसार इमसें बहुत बड़े स्तर पर कार्रवाई (जैसा बजरंग दल ने मांग की थी) की कोई अनुशंसा नहीं हो रही। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान औऱ् सरकार की योजना यही बन रही है कि रिपोर्ट में दोनों पक्षों की ही गलतियों को बताया जाए और इस आधार पर पुलिस में कुछ और कार्रवाई दिखाते हुए मामले को शांत किया जाए। जिससे पुलिस और हिंदू संगठन दोनों को ही साधा जा सके। अगले चुनाव को देखते हुए सरकार को दोनों का ही साथ चाहिए, इसलिए बीच का रास्ता निकालना अहम है और इसके लिए एडीजी रिपोर्ट को ही आधार बनाया जाएगा।
खाकी का साथ कांग्रेस देगी खाकी का साथ
जरा पुलिसकर्मियों को कांग्रेस का सहयोग साथ मिला है कांग्रेस प्रवक्ता डॉ. अमीनुल सूरी ने ट्वीट किया है कि खाकी का साथ कांग्रेस देगी और पुलिसकर्मियों की लड़ाई लड़ेगी। कांग्रेस सरकार आने पर इन्हें पुरस्कृत किया जाएगा।