संजय गुप्ता, INDORE. इंदौर के द्वारकापुरी में नेक मांगने गए किन्नर द्वारा मनमुताबिक अधिक नेक नहीं मिलने के चलते एक घर से महंगी 20 हजार कीमत की बिल्ली उठा ली थी। यह बात पुलिस तक पहुंची, इसके बाद आरोपी किन्नर ने अपनी शर्त पर पुलिस को बिल्ली वापस की। जिसमें परिवार से थाने में लिखवाया गया कि वह मामले में कोई कार्रवाई नहीं चाहता। यहां बिल्ली देने के पहले उसने शर्त रखी की उसका इस मामले में नाम सामने नहीं आना चाहिए। थाने पर एक युवक बिल्ली के हाथों बिल्ली पहुंचाई। बताया जा रहा है बिल्ली किन्नर से संभल नही रही थी और वह बीमार भी हो गई थी। आरोपी किन्नर बाला बिहारी बेशवारा ने 2018 में रमेश मेंदोला के सामने दो नंबर विधानसभा से चुनाव लड़ा। पार्षद का भी चुनाव लड़ चुके हैं।
कौन है किन्नर बेशवारा
आरोपी किन्नर बाला बिहारी बेशवारा ने चुनाव आयोग को दिए हलफनामे में खुद को दसवीं पास बताया था। वहीं दो लाख रुपए की संपत्ति और एक लाख की देनदारियां भी बताई थी। उसने अपनी सालाना आय करीब 3 लाख रुपए बताई थी। बाला पहले बैलगाड़ी से माल ढ़ोने और मजदूरी करता था। अपने चुनावी पर्चे में उसने इन लोगों के लिए ही आवाज उठाने की बात भी कही थी। बाला ने घर की और आर्थिक मजबूरी के चलते किन्नर बनने की बात स्वीकारी थी। बाला ने 2018 के चुनाव नामांकन फॉर्म में अपने ऊपर एक अपराध दर्ज होने की जानकारी दी थी। यह प्रकरण परदेशीपुरा थाने में दर्ज हुआ था। इसके बाद उस पर धमकी, मारपीट और अवैध वसूली को लेकर परदेशीपुरा, राजेन्द्र नगर और द्वारकापुरी थानों में केस दर्ज हो चुके हैं। बाला पर परदेशीपुरा में 2018 में दो बार और 2020 में राजेन्द्र नगर और द्वारकापुरी में एफआईआर हुई थी।
नंदलाल पुरा के किन्नरों से चल रहा विवाद
नंदलालपुरा के किन्नर पायल गुरू ने बाला को लेकर कई बार आरोप लगाए। अभी भी उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि वह फर्जी तरीके से काम करता है। वह असली किन्नर नहीं है। उसने आपरेशन कराया और फिर किन्नर बन गया। नेक मांगने को लेकर किन्नर गुटों का कई बार बाला से विवाद भी हो चुका है। करीब पांच साल पहले एमजी रोड थाना क्षेत्र में दोनों गुट आमने-सामने भी हो गए थे।
बिल्ली चुराने का क्या है विवाद?
मामला द्वारकापुरी के सूर्यदेव नगर का है। यहां रहने वाली रूचिका गडकर ने बताया कि उनकी बहन उज्जैन में रहती है। बहन ने उज्जैन में कुछ दिन पहले बेटे को जन्म दिया था। इसके बाद उसे मुहूर्त देखकर इंदौर ले आए थे। सोमवार को किन्नर नेग मांगने घर पहुंचे। पहले तो काफी देर तक ढोलक बजाया, गीत गाए और नाच गाना भी किया। जब नेग की बात आई तो वे 21 हजार रुपए मांगने लगे। इनकार करने पर बहस करने लगे। किन्नरों ने विवाद भी किया। आखिर में परिवार ने ढाई हजार रुपए का नेग दिया। लेकिन किन्नर इस पर नहीं माने। रूचिका के अनुसार उन्होंने पेटीएम से पेमेंट किया। जाते समय वे ढाई हजार रुपए के साथ घर की पालतू बिल्ली को उठाकर ले गए।
विदेशी नस्ल की इस बिल्ली को परिवार ने 20 हजार रुपए में खरीदा था। परिवार ने इस मामले में पुलिस से शिकायत कर दी। परिवार ने किन्नरों के वीडियो औ फोटो भी पुलिस को सौंपे थे।